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शिक्षकों की पदस्थापना में भारी गड़बड़ी, महज 15 बच्चों के लिए चार शिक्षक

ग्वालियर के ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना में भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है, महज 15 बच्चों के लिए जहां एक स्कूल में 4 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, तो कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षको की उचित व्यवस्था नहीं है.

कलेक्ट्रेट ग्वालियर
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Published : Sep 26, 2019, 5:14 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 7:19 PM IST

ग्वालियर। भले ही प्रदेश सरकार शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की बात करती हो, लेकिन शिक्षकों की पदस्थापना में विसंगतियों को चलते कई ग्रामीण स्कूलों के छात्र शिक्षा से दूर होते नजर आ रहे हैं. प्रदेश सरकार ने हाल में ही शिक्षकों का थोक में तबादला किया है, इन तबादलों के चलते कुछ स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, तो कहीं छात्र संख्या के बराबर शिक्षक पदस्थ कर दिए गए हैं, इस तरह की स्थापना में हुई विसंगतियों को दूर करने के लिए कलेक्टर जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दे रहे हैं.

शिक्षकों की पदस्थापना में भारी गड़बड़ी


ग्वालियर में प्राइमरी मिडिल और हायर सेकंडरी स्कूल मिलाकर 1 हजार 973 स्कूल हैं, इन स्कूलों में से 25 फीसदी स्कूल ऐसे हैं, जिनके पास बहुत मुश्किल से एक शिक्षक है. राज्य शिक्षा केंद्र के नियमों के मुताबिक 40 बच्चों पर एक शिक्षक की स्थापना की जाती है, जबकि ग्रामीण इलाके में कई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें छात्र संख्या 50 से लेकर 100 के बीच में है लेकिन, इनमें मात्र एक शिक्षक पदस्थ हैं. वहीं शहर के कुछ ऐसे स्कूल भी हैं, जिनमें छात्र संख्या मुश्किल से 10 से 15 है लेकिन ऐसे स्कूलों में 4 शिक्षकों की पदस्थापना की गई है. जानकारों की माने तो ये गड़बड़ी ऑनलाइन ट्रांसफर के चलते हुई है, यदि ये ट्रांसफर मैनुअली होते तो स्थानीय प्रशासन इस बात को समझ पाता कि किस स्कूल में कितने छात्र हैं और वहां पहले से कितने शिक्षकों की पदस्थापना की गई है.

15 छात्रों के लिए शिक्षक चार
ग्वालियर की कसेरा ओली प्राथमिक स्कूल में दर्ज संख्या महज 15 हैं, जबकि वहां 4 शिक्षकों की तैनाती की गई है. इस बारे में जब हमने संकुल प्राचार्य से बात की तो, उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में छात्र संख्या 20 से कम है. उन स्कूलों को नजदीकी स्कूल में मर्ज करने का सरकार का नियम है. कसेरा होली वाले स्कूल को भी सराफा बाजार स्कूल में मर्ज करने के लिए एक प्रस्ताव डीईओ के पास भेजा है, उम्मीद है कि जल्द ही उस स्कूल को सराफा स्कूल में मर्ज कर दिया जाएगा.


इसी तरह का ही स्कूल शहर के रमता पुरा में भी है, जहां छात्र संख्या महज 10 है जबकि शिक्षकों की संख्या चार है, वहां तैनात शिक्षक का कहना है कि वह आवेदन लगाकर शिक्षा अधिकारी से इस बात की जानकारी दे चुके हैं. छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है, इन शिक्षकों का स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया जाए जहां शिक्षक कम हैं, इसको लेकर कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है. शिक्षकों की पदस्थापना को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से पूरी लिस्ट मंगाई है, जहां पर टीचरों की संख्या ज्यादा है वहां से उनका ट्रांसफर कर दूसरी जगह में भेजा जाएगा.

ग्वालियर। भले ही प्रदेश सरकार शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की बात करती हो, लेकिन शिक्षकों की पदस्थापना में विसंगतियों को चलते कई ग्रामीण स्कूलों के छात्र शिक्षा से दूर होते नजर आ रहे हैं. प्रदेश सरकार ने हाल में ही शिक्षकों का थोक में तबादला किया है, इन तबादलों के चलते कुछ स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, तो कहीं छात्र संख्या के बराबर शिक्षक पदस्थ कर दिए गए हैं, इस तरह की स्थापना में हुई विसंगतियों को दूर करने के लिए कलेक्टर जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दे रहे हैं.

शिक्षकों की पदस्थापना में भारी गड़बड़ी


ग्वालियर में प्राइमरी मिडिल और हायर सेकंडरी स्कूल मिलाकर 1 हजार 973 स्कूल हैं, इन स्कूलों में से 25 फीसदी स्कूल ऐसे हैं, जिनके पास बहुत मुश्किल से एक शिक्षक है. राज्य शिक्षा केंद्र के नियमों के मुताबिक 40 बच्चों पर एक शिक्षक की स्थापना की जाती है, जबकि ग्रामीण इलाके में कई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें छात्र संख्या 50 से लेकर 100 के बीच में है लेकिन, इनमें मात्र एक शिक्षक पदस्थ हैं. वहीं शहर के कुछ ऐसे स्कूल भी हैं, जिनमें छात्र संख्या मुश्किल से 10 से 15 है लेकिन ऐसे स्कूलों में 4 शिक्षकों की पदस्थापना की गई है. जानकारों की माने तो ये गड़बड़ी ऑनलाइन ट्रांसफर के चलते हुई है, यदि ये ट्रांसफर मैनुअली होते तो स्थानीय प्रशासन इस बात को समझ पाता कि किस स्कूल में कितने छात्र हैं और वहां पहले से कितने शिक्षकों की पदस्थापना की गई है.

15 छात्रों के लिए शिक्षक चार
ग्वालियर की कसेरा ओली प्राथमिक स्कूल में दर्ज संख्या महज 15 हैं, जबकि वहां 4 शिक्षकों की तैनाती की गई है. इस बारे में जब हमने संकुल प्राचार्य से बात की तो, उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में छात्र संख्या 20 से कम है. उन स्कूलों को नजदीकी स्कूल में मर्ज करने का सरकार का नियम है. कसेरा होली वाले स्कूल को भी सराफा बाजार स्कूल में मर्ज करने के लिए एक प्रस्ताव डीईओ के पास भेजा है, उम्मीद है कि जल्द ही उस स्कूल को सराफा स्कूल में मर्ज कर दिया जाएगा.


इसी तरह का ही स्कूल शहर के रमता पुरा में भी है, जहां छात्र संख्या महज 10 है जबकि शिक्षकों की संख्या चार है, वहां तैनात शिक्षक का कहना है कि वह आवेदन लगाकर शिक्षा अधिकारी से इस बात की जानकारी दे चुके हैं. छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है, इन शिक्षकों का स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया जाए जहां शिक्षक कम हैं, इसको लेकर कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है. शिक्षकों की पदस्थापना को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से पूरी लिस्ट मंगाई है, जहां पर टीचरों की संख्या ज्यादा है वहां से उनका ट्रांसफर कर दूसरी जगह में भेजा जाएगा.

Intro:ग्वालियर- भले ही प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की बात करती हो। लेकिन शिक्षकों की पदस्थापना में विसंगतियों को चलते कई ग्रामीण स्कूलों के छात्र शिक्षा से वंचित होते नजर आ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने हाल में ही शिक्षकों की थोक में तबादले कर दिए हैं। इन तबादलों के चलते कुछ स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। और कहीं छात्र संख्या के बराबर शिक्षक पदस्थ कर दिए गए हैं। इस तरह की स्थापना में हुई विसंगतियों को दूर करने के लिए जिला कलेक्टर जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दे रहे हैं।


Body:ग्वालियर में प्राइमरी मिडिल और हायर सेकेंडरी स्कूल मिलाकर 1973 स्कूल है इन स्कूलों में से 25% स्कूल ऐसे हैं जिनके पास बहु मुश्किल से एक शिक्षक है। राज्य शिक्षा केंद्र की नियमों के अनुसार 40 बच्चों पर एक शिक्षक की स्थापना की जाती है। जब के ग्रामीण इलाके में कई स्कूल ऐसे हैं जिनमें छात्र संख्या 50 से लेकर 100 के बीच में है। लेकिन इनमें मात्र शिक्षक पदस्थ है। वहीं शहर के कुछ ऐसे स्कूल भी हैं जिनमें छात्र संख्या वहु मुश्किल 10 से 15 है लेकिन ऐसे स्कूलों में 4 शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। जानकारों की माने तो यह गड़बड़ी ऑनलाइन ट्रांसफर के चलते हुई है। यदि यह ट्रांसफर मैनुअल तरीके से होती तो स्थानीय प्रशासन इस बात को समझ सकता कि किस स्कूल में कितने छात्र संख्या है।और वहां पहले से कितनी शिक्षकों की पदस्थापना है।


Conclusion:ग्वालियर की कसेरा ओली प्राथमिक स्कूल में दर्ज संख्या महज 15 है जबकि वहां 4 शिक्षकों की तैनाती की गई है। इस बारे में जब हमने संकुल प्राचार्य से बात की तो उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में छात्र संख्या 20 से कम है उन स्कूलों को नजदीकी स्कूल में मर्ज करने का सरकार का नियम है कसेरा होली वाले स्कूल को भी सराफा बाजार स्कूल में मर्ज करने के लिए एक प्रस्ताव उन्होंने डीईओ के पास भेजा है उम्मीद है कि जल्द ही उस स्कूल को सराफा स्कूल में मर्ज कर दिया जाएगा। ठीक इसी प्रकार का ही स्कूल शहर के रमता पुरा में भी है जहां छात्र संख्या महज 10 है जबकि शिक्षक संख्या वहां चार है। वहां तैनात शिक्षक का कहना है कि वह आवेदन लगाकर शिक्षा अधिकारी से इस बात की जानकारी दे चुके हैं। छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या अधिक है। अंततः यहां पर शिक्षकों का स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया जाए वह शिक्षकों की संख्या कम है। इसको लेकर कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है। शिक्षकों की पदस्थापना को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से पूरी लिस्ट मंगाई है जहां पर टीचरों की संख्या ज्यादा है वहां से उनका ट्रांसफर कर दूसरी जगह में भेजा जाएगा।

बाईट - अनुराग चौधरी , कलेक्टर

बाईट - विनीता रानी , संकुल प्राचार्य
Last Updated : Sep 26, 2019, 7:19 PM IST
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