ग्वालियर। जिला एवं सत्र न्यायालय में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मध्य प्रदेश सरकार में दो मंत्रियों के विरुद्ध दायर निजी परिवाद मामले में सोमवार को सुनवाई हुई. पहली सुनवाई पर कोर्ट ने परिवादी का मौखिक पक्ष सुनने के बाद इंदरगंज थाना पुलिस को आगामी एक सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी. पिछले दिनों कांग्रेस की लीगल सेल से जुड़े अधिवक्ता नितिन शर्मा ने ग्वालियर के जिला एवं सत्र न्यायालय में एक परिवाद दायर किया था.
दिग्विजय सिंह पर बयान: अधिवक्ता नितिन शर्मा ने दायर परिवाद के बारे में बताया कि उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से पढ़ा था कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश की शिवराज सरकार के मंत्री तुलसीराम सिलावट व महेंद्र सिंह सिसौदिया ने मध्य प्रदेश शासन के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए थे जिसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें देशद्रोही बताया था तो तुलसीराम सिलावट ने उनका जन्म पाकिस्तान में होना चाहिए इस तरह के वक्तव्य दिए थे.इससे उनकी भावनाएं क्षुब्ध हुईं थीं और इसी के बाद उन्होंने सबसे पहले इंदरगंज थाना पुलिस को एक शिकायती आवेदन दिया था.
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न्यायालय पहुंचा केस: शिकायती आवेदन पर पुलिसिया कार्रवाई नहीं होने के बाद उन्होंने न्यायालय की शरण ली थी और ग्वालियर की जिला एवं सत्र न्यायालय में संबंधित पक्षों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 499 ,500 और 153 ख के तहत केस दर्ज करने की मांग करते हुए परिवाद दायर किया था. सोमवार को इस मामले की पहली सुनवाई हुई. कोर्ट ने परिवादी की मौखिक बहस सुनने के बाद थाना इंदरगंज को आगामी एक सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं. अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 मई निर्धारित की गई है.