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ग्वालियर केंद्रीय जेल में कैदियों के लिए खुलेगी पहली डिजिटल लाइब्रेरी

जेल में बंद कैदियों के लिए जेल प्रशासन के साथ मिलकर संस्कार मंजरी और बिमटेक डिजिटल लाइब्रेरी खोलने जा रही है.

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Published : Oct 8, 2019, 10:47 PM IST

जिलें में खुलेगी डिजिटल लाइबेरी

ग्वालियर। जेल में बंद कैदियों को शिक्षित करने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ग्वालियर केंद्रीय जेल में मध्यप्रदेश की पहली जेल लाइब्रेरी खुलने जा रही है, संस्कार मंजरी और बिमटेक के साथ जेल प्रशासन के सहयोग से खुलने वाली पहली डिजिटल लाइब्रेरी के लिए किताबें और अन्य सामग्री खरीदी जा चुकी है.

जिलें में खुलेगी डिजिटल लाइबेरी

जेलों में बढ़ती कैदियों की संख्या और अपराध के चलते जेल में ही शिक्षा और अध्ययन के लिए प्रदेश की पहली लाइब्रेरी का शुरुआत नवंबर में होने जा रहा है. जेलों में अशिक्षित बंदियों की संख्या लगभग 70 प्रतिशत है और शिक्षा ही इंसान को सकारात्मक दिशा में ले जाने में सहायक होती है. इसी के तहत जेल में बंद कैदियों के लिए लाइब्रेरी खोली जा रही है.

डॉक्टर ऋषि तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 26 लाइब्रेरी खोली जा चुकी हैं, जिसमें से 11 लाइब्रेरी जेल में खोली गई हैं. जिनके सकारात्मक परिणाम मिले हैं. उन्होंने बताया कि अधिकतर बंदी रेगुलर ओफेंडर नहीं होते, कैदी जो निर्दोष हैं, वे भी कानूनी पचड़े में फंसकर सजा भुगतने को मजबूर हैं. इससे उन्हें भी राहत मिलेगी.

ग्वालियर। जेल में बंद कैदियों को शिक्षित करने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ग्वालियर केंद्रीय जेल में मध्यप्रदेश की पहली जेल लाइब्रेरी खुलने जा रही है, संस्कार मंजरी और बिमटेक के साथ जेल प्रशासन के सहयोग से खुलने वाली पहली डिजिटल लाइब्रेरी के लिए किताबें और अन्य सामग्री खरीदी जा चुकी है.

जिलें में खुलेगी डिजिटल लाइबेरी

जेलों में बढ़ती कैदियों की संख्या और अपराध के चलते जेल में ही शिक्षा और अध्ययन के लिए प्रदेश की पहली लाइब्रेरी का शुरुआत नवंबर में होने जा रहा है. जेलों में अशिक्षित बंदियों की संख्या लगभग 70 प्रतिशत है और शिक्षा ही इंसान को सकारात्मक दिशा में ले जाने में सहायक होती है. इसी के तहत जेल में बंद कैदियों के लिए लाइब्रेरी खोली जा रही है.

डॉक्टर ऋषि तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 26 लाइब्रेरी खोली जा चुकी हैं, जिसमें से 11 लाइब्रेरी जेल में खोली गई हैं. जिनके सकारात्मक परिणाम मिले हैं. उन्होंने बताया कि अधिकतर बंदी रेगुलर ओफेंडर नहीं होते, कैदी जो निर्दोष हैं, वे भी कानूनी पचड़े में फंसकर सजा भुगतने को मजबूर हैं. इससे उन्हें भी राहत मिलेगी.

Intro:एंकर-: सजायाफ्ता कैदी और अपराधियों को शिक्षित करने और समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए ग्वालियर की केंद्रीय जेल में मध्यप्रदेश की पहली जेल लाइब्रेरी खुलने जा रही है संस्कार मंजरी और बिमटेक के साथ जेल प्रशासन के सहयोग से खुलने वाली पहली डिजिटल लाइब्रेरी के लिए किताबें और अन्य सामग्री खरीदी जा चुकी है।

Body:वीओ-दरअसल जेलों में बढ़ती कैदियों की संख्या और अपराध के चलते जेल में ही शिक्षा और अध्ययन हेतु प्रदेश की पहली लाइब्रेरी का शुभारम्भ नवंबर में होने जा रहा है जेलों में अशिक्षित बंदियों की संख्या 70 प्रतिशत है और शिक्षा ही इंसान को सकारात्मक दिशा में ले जाने में सहायक होती है इसी अवधारणा को दृष्टिगत रखते हुए जेल में बंद कैदियों के लिए लाइब्रेरी खोली जा रही है ये जानकारी देते हुए डाक्टर तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के में 26 लाइब्रेरी खोली जा चुकी हैं जिसमें से 11 लाइब्रेरी जेल में खोली गई हैं जिनके सकारात्मक परिणाम मिले हैं उन्होंने बताया कि अधिकतर बंदी रेगुलर ओफेंडर नहीं होते वहीं उन्होंने कहा कि कैदी जो निर्दोष हैं वे भी कानूनी पचड़े में फँसकर जेल की सजा भुगतने को मजबूर हैं इससे उन्हें भी राहत मिलेगी,इस अवसर पर जेल अधीक्षक मनोज साहू जेलर प्रभात कुमार और संस्कार मंजरी की अध्यक्ष संध्या त्रिपाठी मौजूद रहीं!



Conclusion:बाइट-1 मनोज साहू (जेल अधीक्षक, केंद्रीय जेल
ग्वालियर )

बाइट-2 रिषी तिवारी (सचिव, बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी(
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