ग्वालियर। जेल में बंद कैदियों को शिक्षित करने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ग्वालियर केंद्रीय जेल में मध्यप्रदेश की पहली जेल लाइब्रेरी खुलने जा रही है, संस्कार मंजरी और बिमटेक के साथ जेल प्रशासन के सहयोग से खुलने वाली पहली डिजिटल लाइब्रेरी के लिए किताबें और अन्य सामग्री खरीदी जा चुकी है.
जेलों में बढ़ती कैदियों की संख्या और अपराध के चलते जेल में ही शिक्षा और अध्ययन के लिए प्रदेश की पहली लाइब्रेरी का शुरुआत नवंबर में होने जा रहा है. जेलों में अशिक्षित बंदियों की संख्या लगभग 70 प्रतिशत है और शिक्षा ही इंसान को सकारात्मक दिशा में ले जाने में सहायक होती है. इसी के तहत जेल में बंद कैदियों के लिए लाइब्रेरी खोली जा रही है.
डॉक्टर ऋषि तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 26 लाइब्रेरी खोली जा चुकी हैं, जिसमें से 11 लाइब्रेरी जेल में खोली गई हैं. जिनके सकारात्मक परिणाम मिले हैं. उन्होंने बताया कि अधिकतर बंदी रेगुलर ओफेंडर नहीं होते, कैदी जो निर्दोष हैं, वे भी कानूनी पचड़े में फंसकर सजा भुगतने को मजबूर हैं. इससे उन्हें भी राहत मिलेगी.