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4 महीने से बंद है सब्जी मंडी, बाजार खुले पर प्रतिबंध बरकरार, सीपीएम ने निकाली रैली

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Published : Jul 12, 2021, 6:55 PM IST

ग्वालियर की सबसे बड़ी सब्जी मंडी से लॉकडाउन का प्रतिबंध अभी तक नहीं हटा है. इससे सब्जी विक्रेता परेशान हैं. इसे लेकर सीपीएम नेता ने सब्जी मंडी कारोबारियों के पक्ष मे रैली निकाली.

CPM took out rally
सीपीएम ने निकाली रैली

ग्वालियर। लॉकडाउन हटने के बावजूद ग्वालियर की सबसे बड़ी थोक सब्जी मंडी पर प्रतिबंध बरकरार है. इसे लेकर स्थानीय आढ़तियों एवं दुकानदारों में रोष व्याप्त है. उनका मानना है कि जब बाजार पूरी तरह से खुल चुके हैं, तो लक्ष्मीगंज थोक सब्जी मंडी को प्रशासन ने क्यों अभी तक खोले जाने की छूट नहीं दी है. इससे वहां काम करने वाले छोटे-मोटे कारोबारियों सहित एक हजार परिवार सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं.

CPM took out rally
कलेक्ट्रेट पर जाकर की नारेबाजी.

सीपीएम ने निकाली रैली
सभी परिवार रोजाना कमाकर खाने वाले लोग हैं. सब्जी कारोबारियों की समस्या को देखते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने उनके साथ सब्जी मंडी से एक रैली निकाली और मोती महल स्थित संभागीय आयुक्त कार्यालय में ज्ञापन देकर कमिश्नर से मांग की कि वे जल्द ही लक्ष्मीगंज थोक सब्जी मंडी को खोलने की अनुमति देने के निर्देश जारी करें.

मंडी पर की बैरिकेडिंग
गौरतलब यह भी है कि लक्ष्मी गंज स्थित पुरानी सब्जी मंडी को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. वहां बैरिकेडिंग कर दी गई है. व्यापार करने वाले कारोबारियों को कृषि उपज मंडी के नजदीक शिफ्ट की गई नई मंडी में जाने के लिए निर्देश दिए गए हैं. कुछ दुकानदार वहां पहुंचे हैं, जबकि ज्यादातर दुकानदार पुरानी सब्जी मंडी में ही काबिज हैं.

प्रशासन ने निर्धारित किए थे 12 स्थान
पूर्व में प्रशासन ने शहर में 12 स्थानों पर सब्जी की आपूर्ति के लिए केंद्र निर्धारित किए थे. जहां सुबह 6 बजे से 9 बजे तक सब्जियां मिलती है. परंतु थोक सब्जी कारोबारियों का कहना है कि वह 50 सालों से इसी जगह पर व्यापार कर रहे हैं, इसलिए उन्हें नए स्थान पर नहीं भेजा जाए. उन्होंने कहा कि जो लोग स्वेच्छा से जाना चाहते हैं, वे जा सकते हैं.

सब्जी किसानों पर कोरोना की मार! कर्फ्यू में मंडी बंद होने से नहीं बिक रही फसल

सब्जी मंडी के कारोबारियों का कहना है कि उनके साथ परिवार भी जुड़े हुए हैं. यह सभी लोग ऐसे हैं जो रोजाना मजदूरी करके खाने का इंतजाम कर पाते हैं. प्रशासन इन लोगों की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है. संभागीय आयुक्त ने सब्जी मंडी के विक्रेताओं और सीपीएम नेताओं को आश्वस्त किया है.

कलेक्टर पर सोमवार को हम किसानों, सब्जी विक्रेताओं और व्यापरियों की समस्या को लेकर आए हैं. लॉकडाउन हटने के बाद बाजार खुल रहे हैं, लेकिन मंडी बंद है. हमारी आंशका है कि मंडी पर भूमाफियाओं की निगाहे हैं. वह मंडी पर कब्जा करना चाहते हैं. प्रशासन की नई मंडी में उतनी व्यवस्थाएं नहीं हैं कि सभी लोग वहां एडजस्ट हो सकें. हमारी मांग है कि लक्ष्मीगंज मंडी तत्काल खोली जाए.

अखिलेश यादव, नेता सीपीएम

ग्वालियर। लॉकडाउन हटने के बावजूद ग्वालियर की सबसे बड़ी थोक सब्जी मंडी पर प्रतिबंध बरकरार है. इसे लेकर स्थानीय आढ़तियों एवं दुकानदारों में रोष व्याप्त है. उनका मानना है कि जब बाजार पूरी तरह से खुल चुके हैं, तो लक्ष्मीगंज थोक सब्जी मंडी को प्रशासन ने क्यों अभी तक खोले जाने की छूट नहीं दी है. इससे वहां काम करने वाले छोटे-मोटे कारोबारियों सहित एक हजार परिवार सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं.

CPM took out rally
कलेक्ट्रेट पर जाकर की नारेबाजी.

सीपीएम ने निकाली रैली
सभी परिवार रोजाना कमाकर खाने वाले लोग हैं. सब्जी कारोबारियों की समस्या को देखते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने उनके साथ सब्जी मंडी से एक रैली निकाली और मोती महल स्थित संभागीय आयुक्त कार्यालय में ज्ञापन देकर कमिश्नर से मांग की कि वे जल्द ही लक्ष्मीगंज थोक सब्जी मंडी को खोलने की अनुमति देने के निर्देश जारी करें.

मंडी पर की बैरिकेडिंग
गौरतलब यह भी है कि लक्ष्मी गंज स्थित पुरानी सब्जी मंडी को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. वहां बैरिकेडिंग कर दी गई है. व्यापार करने वाले कारोबारियों को कृषि उपज मंडी के नजदीक शिफ्ट की गई नई मंडी में जाने के लिए निर्देश दिए गए हैं. कुछ दुकानदार वहां पहुंचे हैं, जबकि ज्यादातर दुकानदार पुरानी सब्जी मंडी में ही काबिज हैं.

प्रशासन ने निर्धारित किए थे 12 स्थान
पूर्व में प्रशासन ने शहर में 12 स्थानों पर सब्जी की आपूर्ति के लिए केंद्र निर्धारित किए थे. जहां सुबह 6 बजे से 9 बजे तक सब्जियां मिलती है. परंतु थोक सब्जी कारोबारियों का कहना है कि वह 50 सालों से इसी जगह पर व्यापार कर रहे हैं, इसलिए उन्हें नए स्थान पर नहीं भेजा जाए. उन्होंने कहा कि जो लोग स्वेच्छा से जाना चाहते हैं, वे जा सकते हैं.

सब्जी किसानों पर कोरोना की मार! कर्फ्यू में मंडी बंद होने से नहीं बिक रही फसल

सब्जी मंडी के कारोबारियों का कहना है कि उनके साथ परिवार भी जुड़े हुए हैं. यह सभी लोग ऐसे हैं जो रोजाना मजदूरी करके खाने का इंतजाम कर पाते हैं. प्रशासन इन लोगों की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है. संभागीय आयुक्त ने सब्जी मंडी के विक्रेताओं और सीपीएम नेताओं को आश्वस्त किया है.

कलेक्टर पर सोमवार को हम किसानों, सब्जी विक्रेताओं और व्यापरियों की समस्या को लेकर आए हैं. लॉकडाउन हटने के बाद बाजार खुल रहे हैं, लेकिन मंडी बंद है. हमारी आंशका है कि मंडी पर भूमाफियाओं की निगाहे हैं. वह मंडी पर कब्जा करना चाहते हैं. प्रशासन की नई मंडी में उतनी व्यवस्थाएं नहीं हैं कि सभी लोग वहां एडजस्ट हो सकें. हमारी मांग है कि लक्ष्मीगंज मंडी तत्काल खोली जाए.

अखिलेश यादव, नेता सीपीएम

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