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गुना सांसद की याचिका खारिज करने की हाईकोर्ट से मांग, शिकायतकर्ता ने लगाए ये आरोप

जाति प्रमाण पत्र के मामले में शिवपुरी-गुना सांसद केपी यादव द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज करने का मांग की गई है. शिकायतकर्ता का कहना है कि सांसद ने इस याचिका में उसे पक्षकार नहीं बनाया है, इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए.

Guna MP Yadav's petition dismissed in gwalior
गुना सांसद केपी यादव की याचिका खारिज
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Published : Jan 14, 2020, 9:32 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 2:39 PM IST

ग्वालियर। शिवपुरी-गुना सांसद केपी यादव की याचिका को हाईकोर्ट से खारिज करने की मांग की गई है. इस मामले शिकायतकर्ता की मांग है कि सांसद केपी यादव की याचिका को खारिज किया जाए, क्योंकि उन्होंने तथ्यों को छुपाया है. उन्होंने जाति प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत करने वाले को अपनी याचिका में पक्षकार भी नहीं बनाया है. इस मामले में कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद इसे 30 जनवरी को सुनने के आदेश दिए हैं.

याचिका खारिज करने की मांग

दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर चर्चा में आए गुना सांसद केपी यादव अपने जाति प्रमाण पत्र को लेकर इन दिनों चर्चा में है. अशोक नगर के रहने वाले गिरिराज यादव ने उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कराने के लिए एसडीएम कोर्ट में आवेदन दिया था, जिस पर उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त हुआ और उनके खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी भी दर्ज की थी. इस मामले में सांसद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए राहत की मांगी की थी. कोर्ट ने उन्हें 26 दिसंबर को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश दिए थे.

शिकायतकर्ता गिरिराज यादव का आरोप है कि सांसद ने उन्हें याचिका में पक्षकार नहीं बनाया, जबकि उनके खिलाफ शिकायतकर्ता वो ही थे. गिरिराज यादव के अधिवक्ता अनिल मिश्रा का कहना है कि उनकी जाति को लेकर कोई विवाद नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने 2019 के लोकसभा चुनाव में खुद को ओबीसी वर्ग का बताया था.

ग्वालियर। शिवपुरी-गुना सांसद केपी यादव की याचिका को हाईकोर्ट से खारिज करने की मांग की गई है. इस मामले शिकायतकर्ता की मांग है कि सांसद केपी यादव की याचिका को खारिज किया जाए, क्योंकि उन्होंने तथ्यों को छुपाया है. उन्होंने जाति प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत करने वाले को अपनी याचिका में पक्षकार भी नहीं बनाया है. इस मामले में कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद इसे 30 जनवरी को सुनने के आदेश दिए हैं.

याचिका खारिज करने की मांग

दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर चर्चा में आए गुना सांसद केपी यादव अपने जाति प्रमाण पत्र को लेकर इन दिनों चर्चा में है. अशोक नगर के रहने वाले गिरिराज यादव ने उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कराने के लिए एसडीएम कोर्ट में आवेदन दिया था, जिस पर उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त हुआ और उनके खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी भी दर्ज की थी. इस मामले में सांसद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए राहत की मांगी की थी. कोर्ट ने उन्हें 26 दिसंबर को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश दिए थे.

शिकायतकर्ता गिरिराज यादव का आरोप है कि सांसद ने उन्हें याचिका में पक्षकार नहीं बनाया, जबकि उनके खिलाफ शिकायतकर्ता वो ही थे. गिरिराज यादव के अधिवक्ता अनिल मिश्रा का कहना है कि उनकी जाति को लेकर कोई विवाद नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने 2019 के लोकसभा चुनाव में खुद को ओबीसी वर्ग का बताया था.

Intro:ग्वालियर
शिवपुरी गुना सांसद के पी यादव की याचिका को खारिज किया जाए, क्योंकि उन्होंने तथ्यों को छुपाया है साथ ही जाति प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत करने वाले को उन्होंने अपनी याचिका में पक्षकार भी नहीं बनाया है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद इसे 30 जनवरी को सुनने के आदेश दिए हैं।


Body:दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर चर्चा में आए गुना सांसद के पी यादव अपनी जाति प्रमाण पत्र को लेकर इन दिनों पशोपेश में है। अशोक नगर के रहने वाले गिर्राज यादव ने उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कराने के लिए एसडीएम कोर्ट में आवेदन दिया था। जिस पर उनका जाति प्रमाण पत्र ना सिर्फ निरस्त हुआ बल्कि उनके खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी भी दर्ज की है। इसे लेकर के पी यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राहत मांगी थी। कोर्ट ने उन्हें 26 दिसंबर को राहत देते हुए फिलहाल गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश दिए थे।


Conclusion:लेकिन शिकायतकर्ता गिर्राज यादव का आरोप है कि सांसद के पी यादव ने उन्हें पक्षकार नहीं बनाया जबकि उनके खिलाफ शिकायतकर्ता वे ही थे। गिर्राज यादव के अधिवक्ता का कहना है कि उनकी जाति को लेकर कोई विवाद नहीं है लेकिन उन्होंने अपने 2019 के लोकसभा चुनाव में खुद को ओबीसी का बताया है जबकि अपनी आय को क्रीमी लेयर का बताया है। इसलिए उनकी याचिका खारिज किए जाने योग्य है।
बाइट अनिल मिश्रा... याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
Last Updated : Jan 15, 2020, 2:39 PM IST
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