ग्वालियर। कमलनाथ सरकार को मुश्किल में डालने वाले 16 विधायकों में से एक, मुन्नालाल गोयल को लेकर दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. हाई कोर्ट में एक स्थानीय अधिवक्ता उमेश बोहरे ने ये कहते हुए बंदी याचिका लगाई थी कि, वे अपने क्षेत्र के जागरूक मतदाता हैं और क्षेत्र की समस्याएं बताने के लिए उन्हें विधायक नहीं मिल रहे हैं. इसलिए उन्हें कोर्ट में पेश किया जाए.
ग्वालियर पूर्व के कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल अपने साथियों के साथ बेंगलुरु के रमाडा होटल में रह रहे हैं और समय-समय पर अपने वीडियो भी भेज रहे हैं. कोर्ट में विधायक पुत्र मयंक गोयल ने अपने वकील के माध्यम से दलील पेश की है कि, उनके पिता कहीं गायब नहीं हुए हैं, वो बेंगलुरु में साथी विधायकों के साथ रह रहे हैं और निरंतर परिवार से संपर्क में हैं. ऐसे में उनके खिलाफ लगी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज किया जाए.
विधायक पुत्र के अधिवक्ता ने कोर्ट को ये भी बताया कि, इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश सरकार से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही है. सरकार पर छाए सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है और गत रोज ही एक अन्य बेंगलुरु में रह रहे विधायक की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को कोर्ट ने खारिज किया है. इस याचिका को भी खारिज किया जाए. सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.