ग्वालियर| नगर निगम के जर्जर वाहन से अपना पैर गंवाने वाले आउटसोर्स कर्मचारी के परिजनों का गुस्सा भड़क गया. हादसे से नाराज परिजनों ने निगम ऑफिस में जमकर हंगामा किया.
घायल कर्मचारी के परिजनों ने नौकरी देने की मांग की है. हालांकि मुख्यालय पर महापौर और निगम कमिश्नर मौजूद नहीं थे, लिहाजा परिजन एक घंटा हंगामा करने के बाद लेखाधिकारी से मिलकर वापस लौट गए. बता दें कि राहुल खरे नाम का युवक नगर निगम में आउटसोर्स के जरिए सफाईकर्मी था. 22 दिसंबर को उसे सफाई की जगह संपत्ति कर की रसीदें काटने के लिए निगम के दरोगा ने बुलवाया था, लेकिन जिस गाड़ी से राहुल जा रहा था, वह पूरी तरह से जर्जर थी. इस दौरान गाड़ी में रखी रस्सी में राहुल का पैर उलझ गया और चलती गाड़ी की लोहे की चादर से टकराकर उसके पैर कट गए. घुटने के नीचे से पैर कटने से वह स्थायी रूप से दिव्यांग हो गया है.
घायल के परिवार के लोगों का कहना है कि उसकी उम्र सिर्फ 21 साल है, ऐसे में माता-पिता आखिर कब तक उसकी देखभाल करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह ड्यूटी के दौरान दिव्यांग हुआ है, इसलिए उसे नौकरी दी जाए. वाल्मीकि समाज से आने वाले राहुल खरे को अभी तक ना तो मुआवजा मिला है और ना ही नगर निगम का कोई जिम्मेदार अधिकारी उसका हाल-चाल जानने उसके घर पहुंचा है. शहर की सीमा से सटे बड़े गांव में रहने वाला राहुल पूरी तरह से अपने माता-पिता पर निर्भर हो गया है.