ग्वालियर। एमपी के ग्वालियर जिले के चिड़ियाघर में बुधवार को दुखज खबर सामने आई है. चिड़ियाघर में बीमार चल रहे एक शावक की मौत हो गई. बाघ के शावक की मौत का कारण किडनी में इंफेक्शन बताया जा रहा है. वरिष्ठ अधिकारियों कहना है कि कुछ दिनों से इसकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी. जिसके कारण कई दिनों से उसने खाना पीना भी कम कर दिया था.
10 से बीमार था शावक: सेंट्रल जू अथॉर्टी से जुड़े डॉक्टर एबी श्रीवास्तव ने बताया कि शावक की उम्र लगभग 5 माह की थी. विगत 10 दिन से वह बीमार था. शुरुआत से ही यह अचानक से शावक कमजोर हो गया था. इसका खाना-पीना बंद हो गया था. जितनी भी लाइफ सेविंग ड्रग्स और न्यूट्रिशन है, वह ड्रिप के जरिए दी जा रही थी. डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि 7 तारीख से मैं भी इसका इलाज कर रही टीम को ज्वाइन किया. हम लोग मिलकर शावक इलाज कर रहे थे. लैबोरेट्री डिफेंडिंग भी हम लोगों ने कई बार कराई.
किडनी फेलियर की वजह से हुई मौत: इस दौरान देखने को मिला कि इनफेक्टिव डिसीज जो खास खतरनाक बीमारियां हैं. जैसे पैलायकोपीनिया, कैनाइन डिस्टेंपर हैं, वे सारी नेगेटिव मिली है. 48 घंटे पहले से शावक के स्वास्थ्य में अचानक से गिरावट आई है. इसके लंग्स में भी इन्फेक्शन आ गया. जिसके कारण अन्य बीमारी भी डेवलप हो गई. पुनः जब जांच की गई तो देखने को मिला कि इसकी किडनी भी नॉर्मली काम नहीं कर रही थी. किडनी भी धीरे-धीरे नो फंग्शनल हो गई थी. पोस्टमार्टम में भी देखने को मिला है कि एनिमा इसमें काफी डेवलप हो गया था. जो यह इंगित करता है कि इसकी मौत किडनी फेलियर की वजह से हुई है. डॉक्टर का कहना है कि जिस शावक की मृत्यु हुई है, उसकी वजह से अन्य शवकों को कोई खतरा नहीं है.
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गांधी प्राणी उद्यान में शेष बचे 8 बाघ: ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान में वर्तमान में शावक की मौत के बाद अभी 8 बाघ और शेष हैं. जिसमें 3 मादा, 2 बाघ और 3 शावक हैं. आपको बता दें कि कुछ महीने पहले शावक टाइगर के भाई येलो टाइगर की भी मौत हो चुकी है. मादा टाइगर मीरा ने जू में 5 महीने पहले दो येलो और एक वाइट टाइगर सहित तीन शावकों को जन्म दिया था. जिसमें से एक येलो और एक वाइट टाइगर की मौत हो चुकी है. शावक की मौत की खबर गांधी प्राणी उद्यान प्रबंधन द्वारा फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को दी गई. फॉरेस्ट डिपार्मेंट के अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी में शावक का नियमअनुसार अंतिम संस्कार किया.