ग्वालियर। शहर में इस समय कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो चुकी है. यही वजह है कि अब सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों को जगह मिलना मुश्किल हो रहा है. वहीं कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी भी देखने को मिल रही है. इसी बीच कोविड सेंटर सुविधा हॉस्पिटल में ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण भर्ती कोरोना मरीज ने दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि सुविधा हॉस्पिटल में ऑक्सीजन खत्म हो चुकी थी. इस कारण मरीज को रात में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए रेफर किया गया था. उसके बाद मरीज को एंबुलेंस की मदद से सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही मरीज ने दम तोड़ दिया.
कोविड सेंटर सुविधा हॉस्पिटल में भर्ती था मरीज
उत्तर प्रदेश के ललितपुर निवासी राजेश दीक्षित को कुछ दिन पहले शहर के सुविधा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बीते दिन उनकी हालत बिगड़ गई. इसकी वजह से उन्हें 24 घंटे से ऑक्सीजन दी जा रही थी, लेकिन रात होते-होते हॉस्पिटल में ऑक्सीजन खत्म हो गया. उस कारण मरीज को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में रेफर किया गया, पर राजेश ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.
हॉस्पिटल प्रबंधन पर परिजनों ने लगाया आरोप
मृतक के परिजनों ने कहा कि अगर अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो रही है, तो उससे पहले ही अस्पताल प्रबंधक को इंतजाम करना था. उन्होंने एन वक्त पर बताया कि मरीज को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में ले जाएं. उसके बाद जब मरीज को एंबुलेंस से लेकर निजी अस्पताल में ले गए, तो सब ने भर्ती करने से मना कर दिया. आखिरकार मरीज ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.
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सोमवार को हुई मौतों ने रिकॉर्ड टूटा
शहर में लगातार कोरोना संक्रमण से मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. सोमवार को 1072 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले. वहीं संक्रमण के चलते 19 मरीजों की मौत भी हो गई, लेकिन जिला प्रशासन अपने सरकारी आंकड़ों में सिर्फ सात लोगों की मौत दर्शा रहा है.
बीते चार दिनों से 4000 से ज्यादा संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं. अगर इस तरह से संक्रमण का आंकड़ा बढ़ता गया, तो जल्द ही जिले में हालात बेकाबू हो जाएंगे, क्योंकि अब भर्ती संक्रमण के कारण ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग तेज होती जा रही है.
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बेड हुई फुल
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बेड फुल हो चुके हैं. कुछ निजी अस्पताल भी ऐसे हैं, जहां पर बेड नहीं मिल पा रहा हैं. इस वजह से कई परिजन कोरोना संक्रमित मरीजों को बेड दिलाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. हालात यह हो चुके हैं कि अप्रैल माह के अंत तक सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड मिलना मुश्किल हो जाएगा.