ग्वालियर| जिला न्यायालय ने रिश्वत मांगने की आवाज के साथ ट्रैप हुई महिला पटवारी स्वाति दुबे को तीन साल की सजा सुनाई है. साथ ही 8500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. खासबात ये है कि महिला पटवारी की शिकायत करने वाला ग्रामीण बाद में अपने बयानों से पलट गया था, लेकिन कोर्ट ने उसे भी संज्ञान में लेते हुए नोटिस जारी किए हैं.
ग्वालियर के उटीला जनमित्र केंद्र पर महिला पटवारी स्वाति दुबे की ड्यूटी थी, आरौली गांव में रहने वाला हाकिम सिंह राठौर अपने पिता की पैतृक संपत्ति के बंटवारे के लिए जनमित्र केंद्र पर गया था. लेकिन उसका आबंटन नहीं हो पा रहा था, पता करने पर उसे ज्ञात हुआ कि महिला पटवारी स्वाति दुबे रिश्वत के चलते उसका बंटवारा और आबंटन नहीं होने दे रही हैं. जब उसने स्वाति दुबे से संपर्क साधा तो उन्होंने नौ हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी. बाद में मामला 8500 रुपए में तय हुआ था.
इसकी शिकायत हाकिम सिंह राठौर ने लोकायुक्त पुलिस में की थी. लोकायुक्त पुलिस के एक जवान अमर सिंह के साथ फरियादी हाकिम सिंह राठौर को महिला पटवारी के घर भेजा गया. वहां उनकी आवाज ऑडियो रिकॉर्डर में टेप हो गई. लेकिन जिस दिन महिला पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा जाना था, उसी समय महिला पटवारी किसी काम से बाहर चली गई. इसलिए उसे ट्रैप नहीं किया जा सका. लेकिन रिश्वत मांगने की आवाज रिकॉर्ड होने पर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. जिसमें स्वाति दुबे को सजा सुनाई गई है.