ग्वालियर। जिला न्यायालय की भ्रष्टाचार विरोधी बैंच ने 1000 रुपए की रिश्वत लेने के आरोपी लिपिक शिव मनोहर सक्सेना को 4 साल की सजा से दंडित किया है. उस पर 10,000 का अर्थदंड भी लगाया गया है. खास बात यह है कि पकड़े जाने के 2 महीने बाद ही लिपिक का रिटायरमेंट हो गया था.
दरअसल अनूप खत्री नामक शिकायतकर्ता ने अपने पिता रमेश चंद्र और चाचा पुष्पराज खत्री की ई-रजिस्ट्री निरस्त हो जाने के बाद 1,34,134 रुपए की स्टांप ड्यूटी से 10 फ़ीसदी घटाकर 1,20,721 रुपए की राशि वापस लेने के लिए आवेदन किया था, लेकिन इस राशि को जारी करने के एवज में लिपिक शिव मनोहर सक्सेना 1500 रुपए की रिश्वत मांग रहा था. बाद में 1000 की रिश्वत लेते हुए उसे 15 दिसंबर 2015 को लोकायुक्त पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था.
इससे पहले अनूप खत्री ने लोकायुक्त पुलिस में उक्त लिपिक की शिकायत दर्ज कराई थी. लोकायुक्त पुलिस ने वॉइस रिकॉर्डर देकर अपने आरक्षक को मामले की पुष्टि के लिए भेजा था. बाद में उसे 1000 की रिश्वत लेते हुए ट्रैप कर लिया गया. शिवमनोहर सक्सेना अब रिटायर हो चुके हैं, लेकिन शनिवार को कोर्ट में सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया.