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High Court Gwalior : कोर्ट ने पिता को लगाई फटकार,अस्पताल में भर्ती बच्चे को गाजियाबाद से एंबुलेंस से लाएं ग्वालियर - बेटे को अवैध रूप से बंदी बनाने का आरोप

हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक बच्चे के पिता पर को जमकर फटकार लगाई. दरअसल, उस पर अपने 6 महीने के बेटे को अवैध रूप से बंदी बनाने का आरोप है. महिला ने इस मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई है. कोर्ट ने पिता को 5 लाख का बांड भरने के निर्देश दिए हैं और 22 जून को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. अब कोर्ट ने गाजियाबाद से 6 महीने के बच्चे को किसी चिकित्सक के साथ एंबुलेंस में लाने का निर्देश दिया है. (Father bring hospitalized child) (Hospitalized child from Ghaziabad to Gwalior)

Hospitalized child from Ghaziabad to Gwalior
भर्ती बच्चे को गाजियाबाद से एंबुलेंस से लाएं ग्वालियर
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Published : Jun 21, 2022, 5:35 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक मामले की सुनवाई के दौरान बच्चे के पिता पर खासी नाराजगी जताई गई. मामला बिलौआ की रहने वाली अंशु आदिवासी नामक महिला का है. जिसने पति भरत त्यागी निवासी हापुड़ पर अपने 6 महीने के बेटे को अवैध रूप से बंदी बनाने का आरोप लगाया है. महिला ने इस मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई है. पिछली सुनवाई 13 जून को कोर्ट ने पिता को 6 महीने के बेटे के साथ कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पिता द्वारा बताया गया कि उसका बच्चा बीमार है.

पिता ने बताया- बच्चा अस्पताल में भर्ती है : बच्चे के पिता ने बताया कि 19 जून से उसे गाजियाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वह कहीं भी आने जाने की स्थिति में नहीं है. इसी दौरान जस्टिस जीएस आहलूवालिया की नजर कोर्ट में बैठे एक व्यक्ति पर पड़ी. उन्होंने जब उसका परिचय पूछा तो उसने बताया कि वह याचिकाकर्ता महिला अंशु आदिवासी का पति है. कोर्ट ने पूछा कि जब उनका 6 महीने का बेटा अस्पताल में भर्ती है तो वह यहां क्या कर रहा है. इस पर उस व्यक्ति ने कहा कि उसकी बहन बच्चे की देखभाल कर रही है.

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बच्चे को गाजियाबाद से एंबुलेंस में लाने का निर्देश : इस पर कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि पिता ने बच्चे को मां से दूर करने का प्रयास किया है. कोर्ट ने पिता को 5 लाख का बांड भरने के निर्देश दिए हैं और 22 जून को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. अब कोर्ट ने गाजियाबाद से 6 महीने के बच्चे को किसी चिकित्सक के साथ एंबुलेंस में लाने का निर्देश दिया है. इसका पूरा खर्चा भी पिता भरत त्यागी को उठाना होगा. इसके साथ ही एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल प्रथक से वाहन के साथ गाजियाबाद से बच्चे को लेकर आएंगे. इसका खर्चा लगभग 21260 रुपये पिता को वहन करना होगा. (Father bring hospitalized child) (Hospitalized child from Ghaziabad to Gwalior)

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक मामले की सुनवाई के दौरान बच्चे के पिता पर खासी नाराजगी जताई गई. मामला बिलौआ की रहने वाली अंशु आदिवासी नामक महिला का है. जिसने पति भरत त्यागी निवासी हापुड़ पर अपने 6 महीने के बेटे को अवैध रूप से बंदी बनाने का आरोप लगाया है. महिला ने इस मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई है. पिछली सुनवाई 13 जून को कोर्ट ने पिता को 6 महीने के बेटे के साथ कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पिता द्वारा बताया गया कि उसका बच्चा बीमार है.

पिता ने बताया- बच्चा अस्पताल में भर्ती है : बच्चे के पिता ने बताया कि 19 जून से उसे गाजियाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वह कहीं भी आने जाने की स्थिति में नहीं है. इसी दौरान जस्टिस जीएस आहलूवालिया की नजर कोर्ट में बैठे एक व्यक्ति पर पड़ी. उन्होंने जब उसका परिचय पूछा तो उसने बताया कि वह याचिकाकर्ता महिला अंशु आदिवासी का पति है. कोर्ट ने पूछा कि जब उनका 6 महीने का बेटा अस्पताल में भर्ती है तो वह यहां क्या कर रहा है. इस पर उस व्यक्ति ने कहा कि उसकी बहन बच्चे की देखभाल कर रही है.

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बच्चे को गाजियाबाद से एंबुलेंस में लाने का निर्देश : इस पर कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि पिता ने बच्चे को मां से दूर करने का प्रयास किया है. कोर्ट ने पिता को 5 लाख का बांड भरने के निर्देश दिए हैं और 22 जून को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. अब कोर्ट ने गाजियाबाद से 6 महीने के बच्चे को किसी चिकित्सक के साथ एंबुलेंस में लाने का निर्देश दिया है. इसका पूरा खर्चा भी पिता भरत त्यागी को उठाना होगा. इसके साथ ही एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल प्रथक से वाहन के साथ गाजियाबाद से बच्चे को लेकर आएंगे. इसका खर्चा लगभग 21260 रुपये पिता को वहन करना होगा. (Father bring hospitalized child) (Hospitalized child from Ghaziabad to Gwalior)

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