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महिला ने अपने बच्चे की मांगी थी कस्टडी, कोर्ट ने याचिका की खारिज - ग्वालियर क्राइम न्यूज

हाईकोर्ट की ग्वालियर बेच ने एक महिला की याचिका को खारिज दिया है. दरअसल महिला ने अपने बच्ची की कस्टडी को लेकर याचिका दाखिल की थी. वहीं कोर्ट ने जब महिला से उसकी आय का स्त्रोत मांगा तो वह उसका जवाब पेश नहीं कर सकी. जिसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

court rejected the womans writ petition in gwalior
कोर्ट ने महिला की याचिका की खारिज
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Published : May 12, 2021, 8:41 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एक मां द्वारा अपने बच्चे को लेकर लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया है. दरअसल महिला का आरोप था कि उसके सास-ससुर और पति ने 7 साल के बेटे को अपने कब्जे में रखा हुआ है. जबकि उसका अपना फ्लैट है जहां वह अपने बच्चे के साथ आराम से रह सकती है. इसी संबंध में महिला ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में याचिका लगाई थी. लेकिन जब कोर्ट ने महिला से उसकी आय के स्रोत के बारे में पूछा तो वह कोई जवाब नहीं दे सकी. जिसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

कोर्ट ने महिला की याचिका की खारिज

याचिकाकर्ता कोर्ट में अपनी इनकम का सोर्स नहीं बता सकी थी. वहीं जब उससे यह पूछा गया कि वह इनकम टैक्स फाइल करती है, तो उसने मना कर दिया. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि महिला के घर से बाहर रहने पर उसका बेटा घर में अकेला रहेगा. स्थिति को देखते हुए कोर्ट ने माना कि उसका बच्चा फिलहाल अपने पिता और दादा-दादी के साथ ज्यादा सुरक्षित है. इसलिए कोर्ट ने बच्चे का वेलफेयर और उसका भविष्य देखते हुए मां की याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि महिला अपने पति से किसी विवाद का निराकरण चाहती है तो वह इसके लिए कुटुंब न्यायालय जा सकती है.

महिला ने अपने बच्चे की मांगी थी कस्टडी

ग्वालियर में दलित महिला से दुष्कर्म मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज

आपको बता दें, मामला शहर के थाटीपुर इलाके का है. यहां 7 साल का बच्चा अपने दादा-दादी और पिता के साथ रहता है. लेकिन महिला का कहना है कि उसके बेटे को गलत तरीके से उसके दादा-दादी और पति ने अपने पास रखा हुआ है. इसे लेकर महिला ने एक रिट पिटिशन हाई कोर्ट में फाइल की थी. जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.

ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एक मां द्वारा अपने बच्चे को लेकर लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया है. दरअसल महिला का आरोप था कि उसके सास-ससुर और पति ने 7 साल के बेटे को अपने कब्जे में रखा हुआ है. जबकि उसका अपना फ्लैट है जहां वह अपने बच्चे के साथ आराम से रह सकती है. इसी संबंध में महिला ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में याचिका लगाई थी. लेकिन जब कोर्ट ने महिला से उसकी आय के स्रोत के बारे में पूछा तो वह कोई जवाब नहीं दे सकी. जिसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

कोर्ट ने महिला की याचिका की खारिज

याचिकाकर्ता कोर्ट में अपनी इनकम का सोर्स नहीं बता सकी थी. वहीं जब उससे यह पूछा गया कि वह इनकम टैक्स फाइल करती है, तो उसने मना कर दिया. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि महिला के घर से बाहर रहने पर उसका बेटा घर में अकेला रहेगा. स्थिति को देखते हुए कोर्ट ने माना कि उसका बच्चा फिलहाल अपने पिता और दादा-दादी के साथ ज्यादा सुरक्षित है. इसलिए कोर्ट ने बच्चे का वेलफेयर और उसका भविष्य देखते हुए मां की याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि महिला अपने पति से किसी विवाद का निराकरण चाहती है तो वह इसके लिए कुटुंब न्यायालय जा सकती है.

महिला ने अपने बच्चे की मांगी थी कस्टडी

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आपको बता दें, मामला शहर के थाटीपुर इलाके का है. यहां 7 साल का बच्चा अपने दादा-दादी और पिता के साथ रहता है. लेकिन महिला का कहना है कि उसके बेटे को गलत तरीके से उसके दादा-दादी और पति ने अपने पास रखा हुआ है. इसे लेकर महिला ने एक रिट पिटिशन हाई कोर्ट में फाइल की थी. जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.

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