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हाईकोर्ट की आरोपी को सलाह, पहले तीन हजार पेड़ लगाओ, फिर जमानत पर होगा विचार - Bail

हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने रेत के अवैध कारोबारी की जमानत याचिका को पांचवीं बार खारिज कर दिया है. जमानत लेने के लिए आरोपी ने पेड़ लगाने पर अपनी सहमति जताई थी. लेकिन कोर्ट ने कहा कि पहले तीन हजार पेड़ लगाओ तब जमानत याचिका पर विचार होगा.

रेत कारोबारी को जमानत देने के लिए कोर्ट ने रखी ये शर्त
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Published : Nov 7, 2019, 8:50 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने रेत के अवैध कारोबारी की जमानत याचिका को पांचवीं बार भी खारिज कर दिया है. जमानत लेने के लिए आरोपी ने पेड़ लगाने पर अपनी सहमति जताई थी लेकिन कोर्ट ने कहा कि पहले तीन हजार पेड़ लगाओ तब जमानत याचिका पर विचार किया जाएगा.

रेत कारोबारी को जमानत देने के लिए कोर्ट ने रखी ये शर्त

ग्वालियर के डबरा तहसील के नजदीक सिंध नदी में गजेंद्र सिंह रावत और उसके साथियों ने रेत का उत्खनन किया था. इसे रोकने के लिए प्रशासन की टीम मौके पर गई थी. लेकिन गजेंद्र सिंह और उसके साथियों ने 24 अक्टूबर 2018 को छापामार टीम पर हमला कर दिया था और वहां से भाग निकला था.

मामले में पुलिस ने गजेंद्र सिंह और उसके साथियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने, हमला करने और दूसरी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. पिछले एक साल से वह लगातार जमानत की कोशिश कर रहा है. लेकिन कोर्ट ने उसे जमानत नहीं दी है.

निचली कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद आरोपी गजेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. जिसमें गजेंद्र सिंह ने कहा था कि जब दूसरे अपराधियों को पेड़ लगाने की शर्त पर जमानत मिल रही है तो वह भी पेड़ लगाने के लिए तैयार है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि पहले तीन हजार पेड़ लगाओं और उसके तथ्य कोर्ट में पेश करो तब उसकी जमानत याचिका पर विचार होगा. यह कहते हुए कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका पांचवीं भी बार खारिज कर दी.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने रेत के अवैध कारोबारी की जमानत याचिका को पांचवीं बार भी खारिज कर दिया है. जमानत लेने के लिए आरोपी ने पेड़ लगाने पर अपनी सहमति जताई थी लेकिन कोर्ट ने कहा कि पहले तीन हजार पेड़ लगाओ तब जमानत याचिका पर विचार किया जाएगा.

रेत कारोबारी को जमानत देने के लिए कोर्ट ने रखी ये शर्त

ग्वालियर के डबरा तहसील के नजदीक सिंध नदी में गजेंद्र सिंह रावत और उसके साथियों ने रेत का उत्खनन किया था. इसे रोकने के लिए प्रशासन की टीम मौके पर गई थी. लेकिन गजेंद्र सिंह और उसके साथियों ने 24 अक्टूबर 2018 को छापामार टीम पर हमला कर दिया था और वहां से भाग निकला था.

मामले में पुलिस ने गजेंद्र सिंह और उसके साथियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने, हमला करने और दूसरी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. पिछले एक साल से वह लगातार जमानत की कोशिश कर रहा है. लेकिन कोर्ट ने उसे जमानत नहीं दी है.

निचली कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद आरोपी गजेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. जिसमें गजेंद्र सिंह ने कहा था कि जब दूसरे अपराधियों को पेड़ लगाने की शर्त पर जमानत मिल रही है तो वह भी पेड़ लगाने के लिए तैयार है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि पहले तीन हजार पेड़ लगाओं और उसके तथ्य कोर्ट में पेश करो तब उसकी जमानत याचिका पर विचार होगा. यह कहते हुए कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका पांचवीं भी बार खारिज कर दी.

Intro:ग्वालियर
हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने रेत के अवैध कारोबारी की जमानत याचिका को पांचवीं बार खारिज कर दिया है। जमानत लेने के लिए आरोपी ने पेड़ लगाने पर अपनी सहमति जताई थी लेकिन कोर्ट ने कहा कि पहले 3000 पेड़ लगाओ तब जमानत याचिका पर विचार होगा।


Body:दरअसल डबरा के नजदीक सिंध नदी में गजेंद्र रावत और उसके साथियों ने रेत का उत्खनन किया था इसे रोकने के लिए प्रशासन की टीम मौके पर गई थी लेकिन गजेंद्र और उसके साथियों में 24 अक्टूबर 2018 को छापामार टीम पर हमला कर दिया था और वहां से भाग निकला था। इस मामले में गजेंद्र और उसके साथियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने हमला करने और दूसरी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था पिछले 1 साल से वह लगातार जमानत की कोशिश कर रहा है लेकिन कोर्ट ने उसे जमानत नहीं दी है ।


Conclusion:निचली कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उसने हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई। गजेंद्र ने कहा कि जब दूसरे अपराधियों को पेड़ लगाने की शर्त पर जमानत मिल रही है तो वह भी पेड़ लगाने के लिए तैयार है इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि पहले 3000 पेड़ लगाओ और उसके तथ्य कोर्ट में पेश करो तब उसकी जमानत याचिका पर विचार होगा ।यह कहते हुए कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका पांचवीं बार खारिज कर दी है।
बाइट आशु द्विवेदी... अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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