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जीवाजी विश्वविद्यालय फर्जी मार्कशीट मामला, कार्यपरिषद सदस्यों ने प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप

फर्जी मार्कशीट मामले में कार्यपरिषद सदस्यों ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर मामले को रफा-दफा करने का आरोप लगाय है. दरअसल, कुलसचिव ने जांच रिपोर्ट को बिना कुलपति की अनुमति के दिखाने से मना कर दिया. जिसके बाद कार्य परिषद सदस्यों की टीम भड़क गई.

Fake marksheet case
फर्जी मार्कशीट मामला
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Published : Dec 3, 2020, 1:35 PM IST

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के बहुचर्चित बीएससी नर्सिंग फर्जी मार्कशीट मामले में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट कुलसचिव डॉक्टर आनंद मिश्रा को सौंप दी है. रिपोर्ट सौंपने की सूचना पर कार्य परिषद के तीन सदस्यों ने विश्वविद्यालय पहुंच कर रिपोर्ट दिखाने की मांग की, लेकिन कुलसचिव ने रिपोर्ट को कुलपति संगीता शुक्ला के आने पर ही उन्हें दिखाई जाने की बात कही. इसपर कार्य परिषद के सदस्य भड़क गए. अनूप अग्रवाल, मनेद्र सोलंकी और शिवेंद्र राठौर कार्य परिषद की सदस्य टीम में शामिल हैं.

जीवाजी विश्वविद्यालय फर्जी मार्कशीट मामला

कार्य परिषद के सदस्यों ने विद्यालय प्रबंधन पर जांच रिपोर्ट के नाम पर संगीन मामले को रफा-दफा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि, जिस तरह से जांच रिपोर्ट कार्य परिषद के सदस्यों से ही छिपाई जा रही है. उससे लगता है कि, विश्वविद्यालय इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने के मूड में नहीं है. उन्होंने इस मामले को राज्यपाल मुख्यमंत्री और लोकायुक्त तक ले जाने की बात कही है. दरअसल बीएससी नर्सिंग अंतिम वर्ष के रिजल्ट में कई फेल छात्रों को गलत तरीके से पास दिखाते हुए मार्कशीट्स दे दी गई.


इस मामले का जब खुलासा हुआ, तो कार्य परिषद के सदस्यों ने हंगामा खड़ा कर दिया. उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की बात कही और इसे व्यापम से भी बड़ा घोटाला करार दिया. जिन छात्रों को फेल से पास किया गया है, उनकी संख्या 200 से ज्यादा बताई गई है. कार्य परिषद के सदस्यों को आशंका है कि, अन्य परीक्षा परिणामों मे भी व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही है. जिसकी निष्पक्ष जांच कराई जानी जरूरी है. उधर कुलसचिव ने कहा है कि, कुलपति संगीता शुक्ला कोरोना पाजिटिव हैं. उनके आने पर रिपोर्ट उन्हें सौंप दी जाएगी. बाद में इस पर कार्य परिषद की बैठक में भी चर्चा होगी.

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के बहुचर्चित बीएससी नर्सिंग फर्जी मार्कशीट मामले में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट कुलसचिव डॉक्टर आनंद मिश्रा को सौंप दी है. रिपोर्ट सौंपने की सूचना पर कार्य परिषद के तीन सदस्यों ने विश्वविद्यालय पहुंच कर रिपोर्ट दिखाने की मांग की, लेकिन कुलसचिव ने रिपोर्ट को कुलपति संगीता शुक्ला के आने पर ही उन्हें दिखाई जाने की बात कही. इसपर कार्य परिषद के सदस्य भड़क गए. अनूप अग्रवाल, मनेद्र सोलंकी और शिवेंद्र राठौर कार्य परिषद की सदस्य टीम में शामिल हैं.

जीवाजी विश्वविद्यालय फर्जी मार्कशीट मामला

कार्य परिषद के सदस्यों ने विद्यालय प्रबंधन पर जांच रिपोर्ट के नाम पर संगीन मामले को रफा-दफा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि, जिस तरह से जांच रिपोर्ट कार्य परिषद के सदस्यों से ही छिपाई जा रही है. उससे लगता है कि, विश्वविद्यालय इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने के मूड में नहीं है. उन्होंने इस मामले को राज्यपाल मुख्यमंत्री और लोकायुक्त तक ले जाने की बात कही है. दरअसल बीएससी नर्सिंग अंतिम वर्ष के रिजल्ट में कई फेल छात्रों को गलत तरीके से पास दिखाते हुए मार्कशीट्स दे दी गई.


इस मामले का जब खुलासा हुआ, तो कार्य परिषद के सदस्यों ने हंगामा खड़ा कर दिया. उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की बात कही और इसे व्यापम से भी बड़ा घोटाला करार दिया. जिन छात्रों को फेल से पास किया गया है, उनकी संख्या 200 से ज्यादा बताई गई है. कार्य परिषद के सदस्यों को आशंका है कि, अन्य परीक्षा परिणामों मे भी व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही है. जिसकी निष्पक्ष जांच कराई जानी जरूरी है. उधर कुलसचिव ने कहा है कि, कुलपति संगीता शुक्ला कोरोना पाजिटिव हैं. उनके आने पर रिपोर्ट उन्हें सौंप दी जाएगी. बाद में इस पर कार्य परिषद की बैठक में भी चर्चा होगी.

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