ग्वालियर। पिछले 6 दिनों से चल रही सफाई कर्मियों की हड़ताल के दौरान निगम कमिश्नर को हटाए जाने का कर्मचारियों ने स्वागत किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा है कि सफाई कर्मचारियों की हालत पूरे मध्यप्रदेश में बेहद खराब है. मामूली सी सैलरी यानी 6000 रुपये पर यह कर्मचारी आउट सोर्स कंपनियों के माध्यम से लगे हुए हैं. उसमें अभी उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल पाता है. इसलिए पूरे मध्यप्रदेश से यह ठेका प्रथा खत्म की जाए और सफाई कर्मियों को स्थाई नियुक्ति प्रदान की जाए.
हड़ताली कर्मचारियों ने महाराज बाड़े पर मंगलवार को भी धरना दिया और ठेका प्रथा को खत्म कर विनियमित कर्मचारियों को नियमित करने और आउट सोर्स और इको ग्रीन कंपनी से लिए गए कर्मचारियों को भी स्थाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि दलित समाज का यह तबका सफाई जैसे व्यवसाय से जुड़ा है. सरकार दलितों का हितैषी होने का दावा करती है, लेकिन सरकार के नुमाइंदे उनकी बुनियादी समस्या से आंखें मूंदे रहते हैं. इसलिए सरकार को सफाई कर्मचारियों की समस्याओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
साथ ही अखिल भारतीय दलित संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि उसके जिलाध्यक्ष सुधीर डामोर पर गलत तरीके से एफआईआर निगम कमिश्नर के इशारे पर दर्ज की गई है. जबकि वह मौके पर थे ही नहीं. उनका उस समय धरना प्रदर्शन महाराज बाड़े पर चल रहा था. सीसीटीवी फुटैज से इसकी तस्दीक की जा सकती है. इस संबंध में दलित संगठन बुधवार को पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपेंगे.