ग्वालियर। नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी कमीशन के चलते हर साल निगम के राजस्व को चूना लगा रहे हैं. शहर में अवैध होर्डिंग्स के चलते निगम के खजाने को हर साल लगभग दो करोड़ का नुकसान हो रहा है. दरअसल 2015 से बिना टेंडर के 160 बैध एवं निजी जमीन और छतों पर 40 होर्डिग लगे हैं. इससे कई गुना अधिक अवैध होर्डिंग्स शहर में लगे हुए हैं.
होर्डिंग के लिए शहर को 5 साल पहले 10 जोन में बांटा गया था. निगम को इस से साल भर का 3 करोड़ रुपया मिलता था और एजेंसी को 5 करोड़ मिलता था. जबकि अभी निगम को होर्डिंग से सिर्फ एक करोड़ का राजस्व मिलता है. अगर निर्धारित प्रक्रिया के तहत ठेके होते तो यह राशि 5 करोड़ तक पहुंच सकती थी. मध्य प्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम 2017 में लागू होने के बाद नगर निगम होर्डिग लगाने के लिए स्थान पर कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से 4% टैक्स और वसूलता है. उसी आधार पर बेसिक प्राइस निकाली जाती है, जिसकी वजह से प्राइस 2 करोड़ रुपए रखी गई है.
होर्डिंग्स के कारण निगम के राजस्व को कुछ अधिकारी नुकसान पहुंचा रहे हैं. टेंडर नहीं होने के कारण अवैध होर्डिंग्स लगे हुए हैं. 2015 के बाद से शहर में होर्डिंग्स की टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है. 2019 और 2020 में तीन बार टेंडर निकाले गए लेकिन किसी भी एजेंसी ने टेंडर में अपनी रुचि नहीं दिखाई. अब नगर निगम का अमला इस ओर ध्यान दे रहा है. नवनियुक्त नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा का कहना है कि अवैध होर्डिंग से नुकसान की बात सही है. इस पर जल्द ही टेंडरिंग की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा. अवैध होर्डिंग्स के खिलाफ अभियान भी चलाया जाएगा.