ग्वालियर। जिला प्रशासन पिछले कई दिनों से दावा कर रहा है कि शहर में गंभीर कोरोना मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन आसानी से उपलब्ध हो रहा है, इसकी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है. लेकिन जिला प्रशासन के यह दावा झूठ साबित हो रहा हैं. प्रशासन के इस झूठे दावे का खुलासा बीजेपी नेता और पूर्व विधायक मुन्ना लाल गोयल ने किया है.
- यह है मामला
दरअसल, पूर्व विधायक मुन्ना लाल गोयल ने बुधवार को क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में अधिकारियों से शिकायत की है कि उनके द्वारा खुद गंभीर कोरोना मरीज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के लिए प्रशासन को पत्र लिखा था, लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं मिला और आखिरकार मरीज की मौत हो गई. पूर्व विधायक ने कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की मॉनिटरिंग करना चाहिए तकि पता चले कि इसकी कालाबाजारी तो नहीं हो रही.
- पूर्व विधायक का आरोप
पूर्व विधायक का आरोप था कि शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में कोरोना संक्रमित गंभीर मरीज भर्ती था. उस मरीज के लिए खुद सिंधिया समर्थक और पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने रेमडेसिविर इंजेक्शन दिलाने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा था. पत्र लिखने के बावजूद भी जिला प्रशासन ने उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं करायाऔर आखिरकार उस मरीज की 2 दिन बाद मौत हो गई.
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- पूर्व विधायक की मांग
सिंधिया समर्थक और पूर्व विधायक मुन्ना लाल गोयल ने क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में अधिकारियों से कहा कि शहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए कई मरीज भटक रहे हैं, उनको इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. पूर्व विधायक का कहना है कि जब जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए हैं तो वह अस्पताल मरीजों के परिजनों से बाहर से रेमडेसिविर इंजेक्शन क्यों मंगवा रहे हैं, इसकी मॉनिटरिंग होनी चाहिए.