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चिड़ियाघर में गर्मी को लेकर पशु-पक्षियों के लिए लगाए कूलर

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Published : May 11, 2021, 10:41 PM IST

चिड़ियाघर में बढ़ती गर्मी को देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए है. पशु-पक्षियों के लिए प्रबंधन ने कूलर, घास से बनी टटिया और स्प्रिंकलर की व्यवस्था की गई है. इस व्यवस्था से जानवरों को काफी राहत मिली है.

Gandhi Zoological Park
गांधी प्राणी उद्यान

ग्वालियर। शहर के गांधी प्राणी उद्यान यानी चिड़ियाघर में दिनों दिन से तेज होती गर्मी और कोरोना संक्रमण को लेकर विशेष इंतजाम और एहतियात बरती जा रही है. इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से इंसान ही नहीं बेजुबान जानवर भी परेशान है. जानवरों की परेशानी को देखते हुए ग्वालियर के चिड़ियाघर प्रबंधन ने उनके लिए विशेष इंतजाम किए हैं. इनमें कूलर, घास से बनी टटिया और स्प्रिंकलर शामिल है. गर्मी का सबसे ज्यादा असर बड़े जानवर शेर जैसी प्रजातियों पर होता है. इसलिए वहां कूलर लगाने के साथ ही पानी के बेहतर इंतजाम किए गए हैं. वही कोरोना संक्रमण काल में पशु-पक्षियों को बचाने के लिए विशेष इंतजाम भी किए गए हैं. हालांकि चिड़ियाघर पिछले एक साल से ज्यादा समय से कोरोना संक्रमण के कारण सैलानियों के लिए बंद किया गया है.

पशु-पक्षियों के लिए लगाए कूलर
  • पशु-पक्षियों के लिए किए कई इंतजाम

दरअसल ग्वालियर में बढ़ती गर्मी से गांधी प्राणी उद्यान के जानवरों को राहत दिलाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने सभी बड़े जानवरों और पक्षियों को इस भीषण गर्मी में ठंडक पहुंचाने के उपाय शुरू कर दिए हैं. चिड़ियाघर में तकरीबन 500 से ज्यादा पशु-पक्षी है, जिनको इस भीषण गर्मी के प्रभाव से बचाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने खुले में घूमने वाले जानवरों के लिए गर्मी से बचाव को लेकर पानी के स्प्रिंकलर लगाए गए हैं, ताकि शाम के वक्त जब उनका पिंजरा खोला जाता है तब उन्हें बाहर के माहौल में कुछ ठंडक महसूस हो. वहीं कई पिंजरों में कूलर की व्यवस्था की गई है. मोर और तोते प्रजाति के पक्षियों के लिए भी उनके परिजनों के बाहर लकड़ी की टटिया लगाई गई है, जिन्हें समय-समय पर पानी से गीला किया जाता है जिससे पंछियों को भी ऐसी भीषण गर्मी में राहत मिल सके.

शेरों को पालेगा ग्वालियर, गांधी प्राणी उद्यान में होंगे 15 शेर

  • शाकाहारी पशुओं के लिए विशेष व्यवस्था

हालांकि चिड़ियाघर प्रबंधन का कहना है कि मांसाहारी जानवरों को छोड़कर बाकी की डाइट में ऐसे फल और सब्जियों को शामिल किया गया है, जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है. लेकिन फिर भी जानवरों को भीषण गर्मी से बचाने के पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं, तो कोरोना संक्रमण को देखते हुए चिड़ियाघर में काम करने वाले कर्मचारियों पर भी निगाह रखी जा रही है. अगर किसी भी कर्मचारी की तबीयत खराब होने की खबर लगती है तो उसे चिड़ियाघर में एंट्री नहीं दी जाती, ताकि संक्रमण पशु-पक्षी तक नहीं पहुंच सके. कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल पिछले एक साल से ज्यादा समय से चिड़ियाघर सैलानियों के लिए बंद है और अभी तक किसी भी तरह का संक्रमण चिड़ियाघर में नहीं देखा गया है.

ग्वालियर। शहर के गांधी प्राणी उद्यान यानी चिड़ियाघर में दिनों दिन से तेज होती गर्मी और कोरोना संक्रमण को लेकर विशेष इंतजाम और एहतियात बरती जा रही है. इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से इंसान ही नहीं बेजुबान जानवर भी परेशान है. जानवरों की परेशानी को देखते हुए ग्वालियर के चिड़ियाघर प्रबंधन ने उनके लिए विशेष इंतजाम किए हैं. इनमें कूलर, घास से बनी टटिया और स्प्रिंकलर शामिल है. गर्मी का सबसे ज्यादा असर बड़े जानवर शेर जैसी प्रजातियों पर होता है. इसलिए वहां कूलर लगाने के साथ ही पानी के बेहतर इंतजाम किए गए हैं. वही कोरोना संक्रमण काल में पशु-पक्षियों को बचाने के लिए विशेष इंतजाम भी किए गए हैं. हालांकि चिड़ियाघर पिछले एक साल से ज्यादा समय से कोरोना संक्रमण के कारण सैलानियों के लिए बंद किया गया है.

पशु-पक्षियों के लिए लगाए कूलर
  • पशु-पक्षियों के लिए किए कई इंतजाम

दरअसल ग्वालियर में बढ़ती गर्मी से गांधी प्राणी उद्यान के जानवरों को राहत दिलाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने सभी बड़े जानवरों और पक्षियों को इस भीषण गर्मी में ठंडक पहुंचाने के उपाय शुरू कर दिए हैं. चिड़ियाघर में तकरीबन 500 से ज्यादा पशु-पक्षी है, जिनको इस भीषण गर्मी के प्रभाव से बचाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने खुले में घूमने वाले जानवरों के लिए गर्मी से बचाव को लेकर पानी के स्प्रिंकलर लगाए गए हैं, ताकि शाम के वक्त जब उनका पिंजरा खोला जाता है तब उन्हें बाहर के माहौल में कुछ ठंडक महसूस हो. वहीं कई पिंजरों में कूलर की व्यवस्था की गई है. मोर और तोते प्रजाति के पक्षियों के लिए भी उनके परिजनों के बाहर लकड़ी की टटिया लगाई गई है, जिन्हें समय-समय पर पानी से गीला किया जाता है जिससे पंछियों को भी ऐसी भीषण गर्मी में राहत मिल सके.

शेरों को पालेगा ग्वालियर, गांधी प्राणी उद्यान में होंगे 15 शेर

  • शाकाहारी पशुओं के लिए विशेष व्यवस्था

हालांकि चिड़ियाघर प्रबंधन का कहना है कि मांसाहारी जानवरों को छोड़कर बाकी की डाइट में ऐसे फल और सब्जियों को शामिल किया गया है, जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है. लेकिन फिर भी जानवरों को भीषण गर्मी से बचाने के पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं, तो कोरोना संक्रमण को देखते हुए चिड़ियाघर में काम करने वाले कर्मचारियों पर भी निगाह रखी जा रही है. अगर किसी भी कर्मचारी की तबीयत खराब होने की खबर लगती है तो उसे चिड़ियाघर में एंट्री नहीं दी जाती, ताकि संक्रमण पशु-पक्षी तक नहीं पहुंच सके. कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल पिछले एक साल से ज्यादा समय से चिड़ियाघर सैलानियों के लिए बंद है और अभी तक किसी भी तरह का संक्रमण चिड़ियाघर में नहीं देखा गया है.

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