ETV Bharat / state

Gwalior MPMLA Court: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के मामले में पुलिस की रिपोर्ट कोर्ट में खारिज - पुलिस की रिपोर्ट कोर्ट में खारिज

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ कथित टिप्पणी के मामले में पुलिस की रिपोर्ट को कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके साथ ही एसपी से शपथ पत्र के साथ रिपोर्ट मांगी है. दरअसल, 21 अप्रैल को अपने समर्थक मंत्रियों के साथ केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने पब्लिक मीटिंग को संबोधित किया था. जिसमें कथित रूप से उन्होंने भगवान महाकाल से प्रार्थना की थी कि दिग्विजय सिंह जैसा देशविरोधी व्यक्ति इस देश में कभी पैदा न हो.

Gwalior MPMLA Court
विवादास्पद टिप्पणी के मामले में पुलिस की रिपोर्ट कोर्ट में खारिज
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 5, 2023, 6:20 PM IST

विवादास्पद टिप्पणी के मामले में पुलिस की रिपोर्ट कोर्ट में खारिज

ग्वालियर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों द्वारा की गई कथित टिप्पणी के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने पुलिस द्वारा पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट को निराधार बताया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता नितिन शर्मा को निर्देशित किया है कि वह अपने सभी बिंदु जिन पर वह जानकारी चाहते हैं, उसे कोर्ट में पेश करें ताकि पुलिस अधीक्षक के माध्यम से स्टेटस रिपोर्ट को शपथ पत्र के साथ तलब की जा सके. अब इस मामले में 20 नवंबर को सुनवाई होगी.

एमपी एमएलए कोर्ट में केस : इस मामले में याचिकाकर्ता अधिवक्ता के बयान भी दर्ज किए जाएंगे. एसपी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर भी विचार किया जाएगा. दरअसल, कांग्रेस समर्थित अधिवक्ता नितिन शर्मा ने एक निजी इस्तगासा एमपी एमएलए कोर्ट में दायर किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके समर्थक मंत्रियों प्रदेश के तुलसीराम सिलावट एवं महेंद्र सिंह सिसोदिया द्वारा पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी. जिसकी अखबार कटिंग उन्हें 22 अप्रैल के अखबारों में पढ़ने को मिली थी. इसी के आधार पर याचिकाकर्ता ने इसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं को आहत और पूर्व मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने वाला बताया था और उन्होंने केंद्रीय मंत्री सिंधिया सहित उनके समर्थक मंत्रियों के खिलाफ मामला दर्ज कर विचार करने की गुहार लगाई थी.

ये खबरें भी पढ़ें...

पुलिस से मांगी थी स्टेटस रिपोर्ट : पिछले दिनों कोर्ट ने इंदरगंज थाना पुलिस से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मंगाई थी. पुलिस ने इस मामले में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश कर दी. जिसमें पुलिस द्वारा बताया गया कि यह इस्तगासा राजनीतिक लाभ के लिए लगाया गया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस द्वारा इसमें संबंधित लोगों को कोई नोटिस जारी नहीं किए गए. न ही उनके ट्विटर अकाउंट को बंद कराया गया. इस ट्विटर के जरिए किन लोगों तक यह विवाद आईटी पोस्ट शेयर की गई इसके ओरिजिन का भी पता लगाने की भी गुहार लगाई गई है.

विवादास्पद टिप्पणी के मामले में पुलिस की रिपोर्ट कोर्ट में खारिज

ग्वालियर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों द्वारा की गई कथित टिप्पणी के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने पुलिस द्वारा पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट को निराधार बताया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता नितिन शर्मा को निर्देशित किया है कि वह अपने सभी बिंदु जिन पर वह जानकारी चाहते हैं, उसे कोर्ट में पेश करें ताकि पुलिस अधीक्षक के माध्यम से स्टेटस रिपोर्ट को शपथ पत्र के साथ तलब की जा सके. अब इस मामले में 20 नवंबर को सुनवाई होगी.

एमपी एमएलए कोर्ट में केस : इस मामले में याचिकाकर्ता अधिवक्ता के बयान भी दर्ज किए जाएंगे. एसपी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर भी विचार किया जाएगा. दरअसल, कांग्रेस समर्थित अधिवक्ता नितिन शर्मा ने एक निजी इस्तगासा एमपी एमएलए कोर्ट में दायर किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके समर्थक मंत्रियों प्रदेश के तुलसीराम सिलावट एवं महेंद्र सिंह सिसोदिया द्वारा पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी. जिसकी अखबार कटिंग उन्हें 22 अप्रैल के अखबारों में पढ़ने को मिली थी. इसी के आधार पर याचिकाकर्ता ने इसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं को आहत और पूर्व मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने वाला बताया था और उन्होंने केंद्रीय मंत्री सिंधिया सहित उनके समर्थक मंत्रियों के खिलाफ मामला दर्ज कर विचार करने की गुहार लगाई थी.

ये खबरें भी पढ़ें...

पुलिस से मांगी थी स्टेटस रिपोर्ट : पिछले दिनों कोर्ट ने इंदरगंज थाना पुलिस से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मंगाई थी. पुलिस ने इस मामले में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश कर दी. जिसमें पुलिस द्वारा बताया गया कि यह इस्तगासा राजनीतिक लाभ के लिए लगाया गया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस द्वारा इसमें संबंधित लोगों को कोई नोटिस जारी नहीं किए गए. न ही उनके ट्विटर अकाउंट को बंद कराया गया. इस ट्विटर के जरिए किन लोगों तक यह विवाद आईटी पोस्ट शेयर की गई इसके ओरिजिन का भी पता लगाने की भी गुहार लगाई गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.