ग्वालियर। कंट्रोल कमांड सेंटर के जरिए कोरोना मरीजों की मॉनिटरिंग करने से लेकर उन्हें शिफ्ट कराने तक का काम किया जा रहा है, जबकि ऑक्सीजन सप्लाई का काम पहले ही कमांड सेंटर के जरिए हो रहा है. यहीं से पूरे शहर में ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई सुनिश्चित की जा रही है.
80 फीसदी मरीज होम आइसोलेशन पर
शहर के मोती महल स्थित स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के मुख्यालय कंट्रोल कमान सेंटर कोरोना काल में सभी प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र बन चुका है. पिछले एक साल से यहां हर रोज जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठक आयोजित की जाती है. कलेक्टर भी अगले दिन की रणनीति के लिए कंट्रोल कमांड सेंटर में बैठकर तय करते हैं. कंट्रोल कमांड सेंटर में सबसे ज्यादा उन मरीजों की मॉनिटरिंग की जा रही है, जो होम आइसोलेट हैं. अधिकांश मरीज यानी 80 फीसदी मरीजों को होम आइसोलेशन पर रखा जा रहा है. सिर्फ 20 फीसदी ही मरीजों को संस्थागत रूप से अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है.
मरीजों से रोज जाना जाता है उनका हाल
कंट्रोल कमांड सेंटर से मरीजों के पास मेडिसिन और पल्स ऑक्सीमीटर सहित अन्य जरूरतों के बारे में सुबह और शाम पूछा जाता है. इसके बाद यदि किसी मरीज की तबीयत बिगड़ती है, तो कंट्रोल कमांड सेंटर के बाहर खड़ी एंबुलेंस से उसे शिफ्ट भी किया जाता है. चूंकि इस संक्रमण काल में बच्चे भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. इसलिए अनुबंध के आधार पर चाइल्ड स्पेशलिस्ट की ड्यूटी भी कमांड सेंटर में लगाई गई है. जहां पीड़ित माता पिता सीधे चिकित्सक से बात करके बीमारी के लक्षण बता सकते हैं. साथ ही उनसे चिकित्सीय परामर्श ले सकते हैं. कमांड सेंटर से मरीजों से उनकी पल्स, बुखार, खांसी और परिवार के अन्य सदस्यों में कोरोना के लक्षण सहित पांच प्रश्न पूछे जा रहे हैं.