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सिंधिया संपत्ति के मामले पर कांग्रेस ने फिर उठाए सवाल, कोर्ट जाने की तैयारी

चुनावी समर में ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति बड़ा मुद्दा बनती जा रही है. कांग्रेस नेता केके मिश्रा का कहना है कि सिंधिया परिवार ने कोटेश्वर, कोटेश्वर मंदिर धूमेश्वर महादेव और सर्वे नंबर 15 की बेशकीमती जमीन को हथियाकर उन्हें बेच दिया है.

Congress press briefing
कांग्रेस की प्रेस ब्रीफिंग
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Published : Oct 27, 2020, 4:31 PM IST

ग्वालियर। कांग्रेस ने एक बार फिर बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमीनों के मामले में निशाना साधा है. कांग्रेस का आरोप है कि सिंधिया परिवार ने कोटेश्वर, कोटेश्वर मंदिर धूमेश्वर महादेव और सर्वे नंबर 15 की बेशकीमती जमीन को हथियाकर उन्हें बेच दिया, इन जमीनों की कीमत कांग्रेस ने 500 करोड़ से ज्यादा बताई है.

कांग्रेस की प्रेस ब्रीफिंग
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मुरारीलाल दुबे और कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा के मुताबिक 15 अप्रैल 1950 को नजूल अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में सर्वे क्रमांक 32, 33, 34 ,36, 38 और 40 की भूमि का उल्लेख कर विक्रय की अनुमति जारी की, उस भूमि संस्थान द्वारा रजिस्टर्ड विक्रय पत्र 24 सितंबर 2004 के आधार पर सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट के नाम पर नामांतरण कर दी गई. उनका कहना है कि 1997 के बंदोबस्त रिकॉर्ड में उक्त खसरा भूमि सरकारी बताई गई है, वहीं कोटेश्वर मंदिर सरकारी रिकॉर्ड में औकाफ की जमीन बताई गई है, उन्होंने इसके लिए कुछ अधिकारियों को भी जिम्मेदार बताया है.

पढ़ेंः MP उपचुनावः रियासत पर गरमाई सियासत, खासगी के बाद सिंधिया की संपत्ति पर उठे सवाल

कांग्रेस का आरोप है कि जमीनों के मामले में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की गई है, इसमें अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए सिंधिया परिवार ने कई जमीनों को अपने ट्रस्टों के नाम कराया है. कांग्रेस का कहना है कि यदि शिवराज सरकार ने जमीनों के घोटालों के मामलों की जांच नहीं कराई तो वह सुप्रीम कोर्ट में इन मामलों को ले जाएंगे.

सिंधिया की संपत्ति पर उठते रहे सवाल

ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सिंधिया ट्रस्ट से जुड़ी जमीनों की खरीद बिक्री के गंभीर आरोप कई सालों से लगते आ रहे हैं. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में हुआ करते थे. तो बीजेपी नेता प्रभात झा उनके खिलाफ बेशकीमती जमीनों की बंदरबांट का आरोप लगाते रहे. अब सिंधिया बीजेपी में हैं, तो वहीं आरोप कांग्रेस सिंधिया पर लगा रही है. चुनावी समर में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बयान देकर सियासत को तेज कर दिया था. सिंधिया ने कहा है कि, 'मेरी संपत्ति 300 साल पुरानी है, उनकी संपत्तियों की जांच करो, जो नए-नए महाराज बने हैं'. इस बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

ये भी पढ़ेंः 'मेरी संपत्ति 300 साल पुरानी है, मेरा सवाल उन लोगों से जो नए-नए महाराज बने हैं' : ज्योतिरादित्य सिंधिया

उपचुनाव में मुद्दा बनी सिंधिया की संपत्ति

चुनावी समर में ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति बड़ा मुद्दा बनती जा रही है. क्योंकि एक तरफ होलकर राजवंश से जुड़ी खासगी ट्र्स्ट के मामले की जांच चल रही है और आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इस बीच सिंधिया की संपत्ति का मामला भी तेजी से प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनता जा रहा है. लिहाजा इस मामले की जांच की मांग भी उठने लगी है.

सज्जन भी साध चुके हैं सिंधिया संपत्ति पर निशाना

सज्जन सिंह वर्मा और जीतू पटवारी ने प्रेस वार्ता करके सवाल खड़े कर चुके हैं. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा था कि, उनकी संपत्ति यहां भले ही हजारों साल पुरानी है. लेकिन देश के अस्तित्व में आते ही 1948 में जो रियासतों का विलय भारत सरकार में हुआ था, उस समय उनके पास कौन सी प्रॉपर्टी थी और कौन सी संपत्ति भारत सरकार की हो गई. इसका खुलासा होना चाहिए. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा था कि, बच्चा- बच्चा जानता है कि, सिंधिया परिवार ने कैसे जमीनें हड़पी हैं. इन्होंने तो कुत्ते की कब्र को भी नहीं छोड़ा.

ग्वालियर। कांग्रेस ने एक बार फिर बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमीनों के मामले में निशाना साधा है. कांग्रेस का आरोप है कि सिंधिया परिवार ने कोटेश्वर, कोटेश्वर मंदिर धूमेश्वर महादेव और सर्वे नंबर 15 की बेशकीमती जमीन को हथियाकर उन्हें बेच दिया, इन जमीनों की कीमत कांग्रेस ने 500 करोड़ से ज्यादा बताई है.

कांग्रेस की प्रेस ब्रीफिंग
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मुरारीलाल दुबे और कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा के मुताबिक 15 अप्रैल 1950 को नजूल अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में सर्वे क्रमांक 32, 33, 34 ,36, 38 और 40 की भूमि का उल्लेख कर विक्रय की अनुमति जारी की, उस भूमि संस्थान द्वारा रजिस्टर्ड विक्रय पत्र 24 सितंबर 2004 के आधार पर सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट के नाम पर नामांतरण कर दी गई. उनका कहना है कि 1997 के बंदोबस्त रिकॉर्ड में उक्त खसरा भूमि सरकारी बताई गई है, वहीं कोटेश्वर मंदिर सरकारी रिकॉर्ड में औकाफ की जमीन बताई गई है, उन्होंने इसके लिए कुछ अधिकारियों को भी जिम्मेदार बताया है.

पढ़ेंः MP उपचुनावः रियासत पर गरमाई सियासत, खासगी के बाद सिंधिया की संपत्ति पर उठे सवाल

कांग्रेस का आरोप है कि जमीनों के मामले में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की गई है, इसमें अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए सिंधिया परिवार ने कई जमीनों को अपने ट्रस्टों के नाम कराया है. कांग्रेस का कहना है कि यदि शिवराज सरकार ने जमीनों के घोटालों के मामलों की जांच नहीं कराई तो वह सुप्रीम कोर्ट में इन मामलों को ले जाएंगे.

सिंधिया की संपत्ति पर उठते रहे सवाल

ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सिंधिया ट्रस्ट से जुड़ी जमीनों की खरीद बिक्री के गंभीर आरोप कई सालों से लगते आ रहे हैं. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में हुआ करते थे. तो बीजेपी नेता प्रभात झा उनके खिलाफ बेशकीमती जमीनों की बंदरबांट का आरोप लगाते रहे. अब सिंधिया बीजेपी में हैं, तो वहीं आरोप कांग्रेस सिंधिया पर लगा रही है. चुनावी समर में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बयान देकर सियासत को तेज कर दिया था. सिंधिया ने कहा है कि, 'मेरी संपत्ति 300 साल पुरानी है, उनकी संपत्तियों की जांच करो, जो नए-नए महाराज बने हैं'. इस बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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उपचुनाव में मुद्दा बनी सिंधिया की संपत्ति

चुनावी समर में ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति बड़ा मुद्दा बनती जा रही है. क्योंकि एक तरफ होलकर राजवंश से जुड़ी खासगी ट्र्स्ट के मामले की जांच चल रही है और आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इस बीच सिंधिया की संपत्ति का मामला भी तेजी से प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनता जा रहा है. लिहाजा इस मामले की जांच की मांग भी उठने लगी है.

सज्जन भी साध चुके हैं सिंधिया संपत्ति पर निशाना

सज्जन सिंह वर्मा और जीतू पटवारी ने प्रेस वार्ता करके सवाल खड़े कर चुके हैं. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा था कि, उनकी संपत्ति यहां भले ही हजारों साल पुरानी है. लेकिन देश के अस्तित्व में आते ही 1948 में जो रियासतों का विलय भारत सरकार में हुआ था, उस समय उनके पास कौन सी प्रॉपर्टी थी और कौन सी संपत्ति भारत सरकार की हो गई. इसका खुलासा होना चाहिए. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा था कि, बच्चा- बच्चा जानता है कि, सिंधिया परिवार ने कैसे जमीनें हड़पी हैं. इन्होंने तो कुत्ते की कब्र को भी नहीं छोड़ा.

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