ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के चर्चित पीएचडी घोटाले में जांच आयोग ने 22 लोगों को नोटिस जारी किया है और उनसे 29 अप्रैल तक जवाब मांगा है. खास बात ये है कि जिन लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं. उनमें विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और कई छात्रों के नाम शामिल है जो अब अधिकारी पद पर तैनात है.
आयोग ने जिन लोगों को नोटिस जारी किए हैं उनमें विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ आई के मंसूरी,उप कुलसचिव डॉ.राजीव मिश्रा शामिल है. इसके अलावा सुरेंद्र सिंह भंडारी, डी एस भदौरिया और कई दूसरे नाम शामिल है. इन सभी लोगों को ना सिर्फ जवाब कमीशन के सामने पेश होकर देना है बल्कि अपने दस्तावेज भी जमा कराने है. विश्वविद्यालय के 2 बड़े अधिकारियों के नाम सामने आने के बाद एनएसयूआई ने इस मामले की गहराई से पड़ताल करने की बात कही है. वही एनएसयूआई ने मांग की है कि जांच लंबित रहने तक रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार को उनके पद से हटाया जाए.
हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच में याचिकाकर्ता ललित खरे ने जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि जम्मू कश्मीर के कई छात्र और सरकारी पदों पर पदस्त लोगों ने गलत तरीके से जीवाजी विश्वविद्यालय से शोध की उपाधि हासिल की है.इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने आदिम जाति कल्याण विभाग में द्वितीय श्रेणी के अधिकारी सुरेंद्र सिंह भंडारी के दस्तावेज भी हाई कोर्ट में पेश किए थे जिसमें उन्होंने ड्यूटी पर रहते हुए विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि ले ली थी.इसी तरह जम्मू-कश्मीर के छात्रों ने वहां विभिन्न पदों पर रहते हुए डॉक्टरेट कर ली.