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जीवाजी विश्वविद्यालय घोटाला: जांच आयोग ने 22 लोगों को दिया नोटिस, सोमवार तक देना होगा जवाब

जांच आयोग ने 22 लोगों को नोटिस जारी किए हैं उनमें विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ आई के मंसूरी,उप कुलसचिव डॉ.राजीव मिश्रा शामिल है.

जीवाजी विश्वविद्यालय घोटाला
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Published : Apr 28, 2019, 9:12 PM IST


ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के चर्चित पीएचडी घोटाले में जांच आयोग ने 22 लोगों को नोटिस जारी किया है और उनसे 29 अप्रैल तक जवाब मांगा है. खास बात ये है कि जिन लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं. उनमें विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और कई छात्रों के नाम शामिल है जो अब अधिकारी पद पर तैनात है.

जीवाजी विश्वविद्यालय घोटाला

आयोग ने जिन लोगों को नोटिस जारी किए हैं उनमें विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ आई के मंसूरी,उप कुलसचिव डॉ.राजीव मिश्रा शामिल है. इसके अलावा सुरेंद्र सिंह भंडारी, डी एस भदौरिया और कई दूसरे नाम शामिल है. इन सभी लोगों को ना सिर्फ जवाब कमीशन के सामने पेश होकर देना है बल्कि अपने दस्तावेज भी जमा कराने है. विश्वविद्यालय के 2 बड़े अधिकारियों के नाम सामने आने के बाद एनएसयूआई ने इस मामले की गहराई से पड़ताल करने की बात कही है. वही एनएसयूआई ने मांग की है कि जांच लंबित रहने तक रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार को उनके पद से हटाया जाए.

हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच में याचिकाकर्ता ललित खरे ने जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि जम्मू कश्मीर के कई छात्र और सरकारी पदों पर पदस्त लोगों ने गलत तरीके से जीवाजी विश्वविद्यालय से शोध की उपाधि हासिल की है.इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने आदिम जाति कल्याण विभाग में द्वितीय श्रेणी के अधिकारी सुरेंद्र सिंह भंडारी के दस्तावेज भी हाई कोर्ट में पेश किए थे जिसमें उन्होंने ड्यूटी पर रहते हुए विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि ले ली थी.इसी तरह जम्मू-कश्मीर के छात्रों ने वहां विभिन्न पदों पर रहते हुए डॉक्टरेट कर ली.


ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के चर्चित पीएचडी घोटाले में जांच आयोग ने 22 लोगों को नोटिस जारी किया है और उनसे 29 अप्रैल तक जवाब मांगा है. खास बात ये है कि जिन लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं. उनमें विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और कई छात्रों के नाम शामिल है जो अब अधिकारी पद पर तैनात है.

जीवाजी विश्वविद्यालय घोटाला

आयोग ने जिन लोगों को नोटिस जारी किए हैं उनमें विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ आई के मंसूरी,उप कुलसचिव डॉ.राजीव मिश्रा शामिल है. इसके अलावा सुरेंद्र सिंह भंडारी, डी एस भदौरिया और कई दूसरे नाम शामिल है. इन सभी लोगों को ना सिर्फ जवाब कमीशन के सामने पेश होकर देना है बल्कि अपने दस्तावेज भी जमा कराने है. विश्वविद्यालय के 2 बड़े अधिकारियों के नाम सामने आने के बाद एनएसयूआई ने इस मामले की गहराई से पड़ताल करने की बात कही है. वही एनएसयूआई ने मांग की है कि जांच लंबित रहने तक रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार को उनके पद से हटाया जाए.

हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच में याचिकाकर्ता ललित खरे ने जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि जम्मू कश्मीर के कई छात्र और सरकारी पदों पर पदस्त लोगों ने गलत तरीके से जीवाजी विश्वविद्यालय से शोध की उपाधि हासिल की है.इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने आदिम जाति कल्याण विभाग में द्वितीय श्रेणी के अधिकारी सुरेंद्र सिंह भंडारी के दस्तावेज भी हाई कोर्ट में पेश किए थे जिसमें उन्होंने ड्यूटी पर रहते हुए विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि ले ली थी.इसी तरह जम्मू-कश्मीर के छात्रों ने वहां विभिन्न पदों पर रहते हुए डॉक्टरेट कर ली.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के बहुचर्चित पीएचडी घोटाले में जांच आयोग ने 22 लोगों को नोटिस जारी किए हैं और उनसे सोमवार तक जवाब मांगा है। खास बात यह है कि जिन लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं उनमें से विश्वविद्यालय के ही रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार के नाम शामिल होने के साथ ही कई छात्र विभिन्न पदों पर तैनात अधिकारियों के नाम भी शामिल है।


Body:गौरतलब है कि हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच में ललित खरे नामक व्यक्ति ने एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि जम्मू कश्मीर के कई छात्रों और सरकारी पदों पर बैठे लोगों पर अनुचित तरीके से जीवाजी विश्वविद्यालय से शोध की उपाधि हासिल की है।इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने आदिम जाति कल्याण विभाग में द्वितीय श्रेणी के अधिकारी सुरेंद्र सिंह भंडारी के दस्तावेज भी हाई कोर्ट में पेश किए थे जिसमें उन्होंने ड्यूटी पर रहते हुए विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि ले ली थी। इसी तरह जम्मू-कश्मीर के छात्रों ने वहा विभिन्न पदों पर रहते हुए डॉक्टरेट कर ली इससे पहले 22 अप्रैल को जांच आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डीके पालीवाल ने साक्ष्य और शिकायतें मंगाई थी जिसमें कई लोगों ने 2 दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ शिकायत की है। खास बात यह है कि आयोग ने जिन 22 लोगों को नोटिस जारी किए हैं उनमें विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ आई के मंसूरी और उप कुलसचिव डॉ राजीव मिश्रा शामिल है। इसके अलावा सुरेंद्र सिंह भंडारी डी एस भदौरिया और कई अन्य व्यक्ति शामिल है।


Conclusion:जिन लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं उन्हें सोमवार को ना सिर्फ़ अपना जवाब कमीशन के सामने पेश होकर देना है बल्कि अपने दस्तावेज भी जमा कराने है। विश्वविद्यालय के 2 बड़े अधिकारियों के नाम सामने आने के बाद एनएसयूआई ने इस मामले की गहराई से पड़ताल करने की बात कही है वही एनएसयूआई ने मांग की है कि जांच लंबित रहने तक रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार को उनके पद से हटाया जाए।
बाइट सचिन द्विवेदी छात्र नेता एनएसयूआई
बाइटशान्ति देव सिसोदिया प्रवक्ता जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर
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