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कॉलेजों को NACC की मान्यता जरूरी, NACC एक्सपर्ट ने प्राचार्यों को दी जानकारी

ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न कालेजों के प्रिंसिपल और प्रतिनिधियों को नैक (NAAC) के नए नियमों के बारे में जानकारी दी गई.

Colleges require NACC accreditation
कॉलेजों को NACC की मान्यता जरूरी
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Published : Dec 31, 2019, 12:01 AM IST

ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल संभाग के विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी महाविद्यालय जो विश्वविद्यालय से संबंधित हैं, उन्हें National Assessment and Accreditation Council (NAAC) के नए नियमों के बारे में जानकारी देने के लिए एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन जीवाजी यूनिवर्सिटी में किया गया. इस वर्कशॉप में प्रमुख रूप से गुजरात से आए दो विशेषज्ञ आरडी मोदी और डॉक्टर नरेंद्र जाटोलिया ने नए नियमों को लेकर विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों को जानकारियां दी. इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में विभिन्न कालेजों के प्रिंसिपल और प्रतिनिधि शामिल हुए.

कॉलेजों को NACC की मान्यता जरूरी

नए साल में NAAC की मान्यता सभी कालेजों को लेनी होगी. इसकी प्रक्रिया कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगी. नैक की मान्यता के लिए दो तरह के मापदंड रखे गए हैं इसमें क्वांटिटेटिव एवं क्वालिटेटिव मापदंड निर्धारित किए गए हैं. इन सब की जानकारी देने के लिए इस वर्कशॉप का आयोजन किया गया. कॉलेज से आए प्रतिनिधियों को बताया गया कि उन्हें अपने यहां आयोजित होने वाले सेमिनार, कान्फ्रेंस, वर्कशॉप सभी का डॉक्यूमेंटेशन करके उन्हें पेपर में प्रकाशित करना है.

विभिन्न कालेजों के प्रिंसिपल और प्रतिनिधियों को बताया गया कि कॉलेज की वेबसाइट होना चाहिए, जिसमें कॉलेज की सभी गतिविधियों की जानकारी हो. वेबसाइट को समय-समय पर अपडेट भी किया जाना जरूरी है. क्योंकि नेट का नया मैन्युअल 1 जनवरी 2020 से लागू हो जाएगा. इसीलिए सभी महाविद्यालयों को अपडेट रहना होगा. साथ ही क्वांटिटी मैट्रिक्स का मूल्यांकन कंप्यूटर द्वारा होता है, इसमें डाटा वैलिडेशन और वेरीफिकेशन की थर्ड पार्टी करती है.

ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल संभाग के विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी महाविद्यालय जो विश्वविद्यालय से संबंधित हैं, उन्हें National Assessment and Accreditation Council (NAAC) के नए नियमों के बारे में जानकारी देने के लिए एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन जीवाजी यूनिवर्सिटी में किया गया. इस वर्कशॉप में प्रमुख रूप से गुजरात से आए दो विशेषज्ञ आरडी मोदी और डॉक्टर नरेंद्र जाटोलिया ने नए नियमों को लेकर विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों को जानकारियां दी. इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में विभिन्न कालेजों के प्रिंसिपल और प्रतिनिधि शामिल हुए.

कॉलेजों को NACC की मान्यता जरूरी

नए साल में NAAC की मान्यता सभी कालेजों को लेनी होगी. इसकी प्रक्रिया कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगी. नैक की मान्यता के लिए दो तरह के मापदंड रखे गए हैं इसमें क्वांटिटेटिव एवं क्वालिटेटिव मापदंड निर्धारित किए गए हैं. इन सब की जानकारी देने के लिए इस वर्कशॉप का आयोजन किया गया. कॉलेज से आए प्रतिनिधियों को बताया गया कि उन्हें अपने यहां आयोजित होने वाले सेमिनार, कान्फ्रेंस, वर्कशॉप सभी का डॉक्यूमेंटेशन करके उन्हें पेपर में प्रकाशित करना है.

विभिन्न कालेजों के प्रिंसिपल और प्रतिनिधियों को बताया गया कि कॉलेज की वेबसाइट होना चाहिए, जिसमें कॉलेज की सभी गतिविधियों की जानकारी हो. वेबसाइट को समय-समय पर अपडेट भी किया जाना जरूरी है. क्योंकि नेट का नया मैन्युअल 1 जनवरी 2020 से लागू हो जाएगा. इसीलिए सभी महाविद्यालयों को अपडेट रहना होगा. साथ ही क्वांटिटी मैट्रिक्स का मूल्यांकन कंप्यूटर द्वारा होता है, इसमें डाटा वैलिडेशन और वेरीफिकेशन की थर्ड पार्टी करती है.

Intro:ग्वालियर
नए साल में नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल यानी नैक की मान्यता सभी कालेजों को लेनी होगी। इसकी प्रक्रिया कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगी। नैक की मान्यता के लिए दो तरह के मापदंड रखे गए हैं इसमें क्वांटिटेटिव एवं क्वालिटेटिव मापदंड निर्धारित किए गए हैं।


Body:दरअसल ग्वालियर चंबल संभाग के विभिन्न सरकारी गैर सरकारी महाविद्यालय जो विश्वविद्यालय से संबंध है उन्हें नैक के नये नियमों के बारे में जानकारियां देने के लिए इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में विभिन्न कालेजों के प्रिंसिपल उनके प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें प्रमुख रूप से गुजरात से आए दो विशेषज्ञ आरडी मोदी और डॉक्टर नरेंद्र जाटोलिया ने भी नए नियमों को लेकर विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों को जानकारियां दी उन्होंने बताया कि क्वांटिटी मैट्रिक्स का मूल्यांकन कंप्यूटर द्वारा होता है इसमें डाटा वैलिडेशन और वेरीफिकेशन की थर्ड पार्टी द्वारा किया जाता है।


Conclusion:कॉलेज से आए प्रतिनिधियों को बताया गया कि उन्हें अपने यहां आयोजित होने वाले सेमिनार कान्फ्रेंस वर्कशॉप सभी का डॉक्यूमेंटेशन करके उन्हें पेपर में प्रकाशित करना है और कॉलेज की वेबसाइट होना चाहिए जिसमें कालेज की सभी गतिविधियों की जानकारी हो,उसे समय-समय पर अपडेट भी किया जाना जरूरी है क्योंकि नेट का नया मैन्युअल 1 जनवरी से लागू हो जाएगा । इसीलिए सभी महाविद्यालयों को अपडेट रहना होगा। बाइट केशव सिंह गुर्जर ...प्रवक्ता जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर
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