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रासुका लगाने में कलेक्टर की लापरवाही, कोर्ट ने लगाया जुर्माना - ग्वालियर हाई कोर्ट

गुना कलेक्टर पर हाई कोर्ट ने रासुका लगाने के मामले में नियमों की अनदेखी करने पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. कलेक्टर ने नमकीन कारोबारी सुलभ शर्मा पर रासुका की कार्रवाई की थी.

Gwalior High Court
ग्वालियर हाई कोर्ट
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Published : Mar 21, 2021, 3:54 AM IST

ग्वालियर। मुरैना और ग्वालियर के बाद अब गुना कलेक्टर पर हाई कोर्ट ने रासुका लगाने के मामले में नियमों की अनदेखी करने पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. नमकीन कारोबारी सुलभ शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने कहा कि इस मामले में गुना जिला प्रशासन विवेक का परिचय नहीं दिया. जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के प्रावधानों की अवहेलना की गई. कोर्ट ने कलेक्टर को 30 दिन के भीतर जुर्माना लगाने की राशि शलभ शर्मा के खाते में जमा कराने का निर्देश दिया है.

कलेक्टर की लापरवाही, कोर्ट ने लगाया जुर्माना
  • 20 नवंबर को विभाग ने की थी कार्रवाई

गौरतलब है कि मुरैना के दूध कारोबारी अवधेश शर्मा ग्वालियर के मुन्ना लाल अग्रवाल और राहुल अग्रवाल पर रासुका की कार्रवाई को भी हाई कोर्ट निरस्त कर चुका है. दरअसल 20 नवंबर 2020 को खाद विभाग ने शुलभ शर्मा की नमकीन फैक्ट्री पर छापा मारा था. एडवोकेट अंकुर महेश्वरी ने बताया कि छापे में टीम को आटा, दाल, मैदा, बेसन सहित अन्य सामग्री मिली थी. टीम ने सामान जब्त किया और फूड एडल्टरेशन एक्ट और आईपीएस की धारा में 21 नवंबर 2020 को प्रकरण दर्ज किया. हालांकि कोर्ट ने आरोपी को अग्रिम जमानत स्वीकार कर ली थी.

रासुका की कार्रवाई को HC ने माना नियम विरुद्ध, कलेक्टर पर 20 हजार की लगाई कॉस्ट

  • कलेक्टर ने की देरी

लैब में भी सारे सैंपल भी पास हुए इसके बाद भी कलेक्टर ने 28 जनवरी को रासुका की कार्रवाई थी और 1 फरवरी 2021 को प्रकरण की जानकारी राज्य के पास स्वीकृत के लिए भेजी गई. 8 फरवरी 2021 को राज्य ने आदेश पर मुहर लगाई और जानकारी के लिए केंद्र के पास भेज दिया. कोर्ट ने माना कि कलेक्टर ने आदेश की जानकारी राज्य को भेजने में देरी की जोकि रासुका के प्रावधानों की अवहेलना की श्रेणी में आता है.

ग्वालियर। मुरैना और ग्वालियर के बाद अब गुना कलेक्टर पर हाई कोर्ट ने रासुका लगाने के मामले में नियमों की अनदेखी करने पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. नमकीन कारोबारी सुलभ शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने कहा कि इस मामले में गुना जिला प्रशासन विवेक का परिचय नहीं दिया. जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के प्रावधानों की अवहेलना की गई. कोर्ट ने कलेक्टर को 30 दिन के भीतर जुर्माना लगाने की राशि शलभ शर्मा के खाते में जमा कराने का निर्देश दिया है.

कलेक्टर की लापरवाही, कोर्ट ने लगाया जुर्माना
  • 20 नवंबर को विभाग ने की थी कार्रवाई

गौरतलब है कि मुरैना के दूध कारोबारी अवधेश शर्मा ग्वालियर के मुन्ना लाल अग्रवाल और राहुल अग्रवाल पर रासुका की कार्रवाई को भी हाई कोर्ट निरस्त कर चुका है. दरअसल 20 नवंबर 2020 को खाद विभाग ने शुलभ शर्मा की नमकीन फैक्ट्री पर छापा मारा था. एडवोकेट अंकुर महेश्वरी ने बताया कि छापे में टीम को आटा, दाल, मैदा, बेसन सहित अन्य सामग्री मिली थी. टीम ने सामान जब्त किया और फूड एडल्टरेशन एक्ट और आईपीएस की धारा में 21 नवंबर 2020 को प्रकरण दर्ज किया. हालांकि कोर्ट ने आरोपी को अग्रिम जमानत स्वीकार कर ली थी.

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  • कलेक्टर ने की देरी

लैब में भी सारे सैंपल भी पास हुए इसके बाद भी कलेक्टर ने 28 जनवरी को रासुका की कार्रवाई थी और 1 फरवरी 2021 को प्रकरण की जानकारी राज्य के पास स्वीकृत के लिए भेजी गई. 8 फरवरी 2021 को राज्य ने आदेश पर मुहर लगाई और जानकारी के लिए केंद्र के पास भेज दिया. कोर्ट ने माना कि कलेक्टर ने आदेश की जानकारी राज्य को भेजने में देरी की जोकि रासुका के प्रावधानों की अवहेलना की श्रेणी में आता है.

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