ग्वालियर। ग्वालियर में दो गौशालाओं का संचालन इतना अनूठा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसके मुरीद हो गए हैं. मतलब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ग्वालियर की दो गौशाला इतनी पसंद आई कि उन्होंने इस गौशालाओं का निरीक्षण करवाने के लिए अपने सरकार के पशुपालन मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी को ग्वालियर भेज रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री कुछ दिनों बाद ग्वालियर आएंगे और यहां पर दो गौशालाओं का किस प्रकार से संचालन और यहां किस प्रकार से व्यवस्थाएं की जा रही है उसका निरीक्षण करेंगे.
ग्वालियर की गौशाला के सीएम योगी हुए मुरीद
ग्वालियर में स्थित रानी घाटी पर बनी न्यू वृंदावन गौशाला और लाल टिपारा स्थित आदर्श गौशाला की संपूर्ण देख रेख थे प्रबंधन की जिम्मेदारी गौ रक्षा साला किस शब्द करते हैं हालांकि यह दोनों गौशाला नगर निगम के अधीन होने के चलते शासकीय प्रबंधन काम करता है लेकिन गौशाला की संपूर्ण देखरेख की जिम्मेदारी श्री कृष्णा यंत्र करते हैं जिसके मुरीद सीएम योगी भी हो गए हैं.
उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री करेंगे गौशालाओं का निरीक्षण
पिछले दिनों ग्वालियर के लाल टिपारा स्थित आदर्श गौशाला के मैनेजमेंट का जिम्मा संभाल रहे स्वामी ऋषभ देवानंद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. इस दौरान उनकी देखरेख में संचालित गौशाला की जानकारी उन्होंने सीएम योगी को दी थी. सीएम योगी ऋषभ देव आनंद की जानकारी से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने एक गौशालाओं का निरीक्षण करवाने के लिए पशुपालन मंत्री को भिजवाने की बात कही है. कुछ दिनों बाद उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री यहां पर आएंगे और ग्वालियर में स्थित रानी घाटी न्यू वृंदावन गौशाला और लाल टिपारा स्थित आदर्श गौशाला का निरीक्षण करेंगे. उसके बाद उत्तर प्रदेश में इन दोनों गौशाला की तर्ज पर वहां गौशालाओं की देख रेख की जाएगी.
65 बीघा में बनी है रानी घाटी स्थित गौशाला
ग्वालियर नगर निगम द्वारा संचालित न्यू वृंदावन गौशाला और लाल टिपारा स्थित आदर्श गौशाला का संचालन संत करते हैं. स्वामी ऋषभ देवानंद का कहना है कि करीब 65 बीघा में यह गौशाला भरी है. जिसमें लगभग 6 हजार से अधिक गायें हैं और सभी गायों के छोटे बछड़े और बहनों को अलग-अलग ब्लॉक में रखा जाता है. साथ ही बीमार और घायल जानवरों के लिए अलग से डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख करती है. गौशाला की देखरेख के लिए नगर निगम के लगभग 100 से अधिक कर्मचारी है. इसके अलावा गोरक्षा के 24 से अधिक कर्मचारी 24 घंटे सेवा करते हैं.
गो भोग लगाने की है परंपरा
इन दोनों गौशालाओं में ग्वालियर की सैकड़ों समाजसेवी लोग जुड़े हुए हैं जो समय-समय पर गौ सेवा करते हैं. यहां पर जन्मदिन पुण्यतिथि पर गोभोग लगाने की परंपरा भी है. जहां हर दिन कोई न कोई आकर गायों को भोग जरुर लगाता है. जबकि किसी तोहार या किसी समारोह की शुरुआत करने पर भी यह गौशाला में गायों के लिए भोजन प्रबंध किया जाता है. यही वजह है कि इस गौशाला का प्रबंधन सीएम योगी को बेहद पसंद आया है.