ग्वालियर: नाबालिग ने बाल विवाह को रोकने के लिए घाटीगांव पुलिस से डाक के जरिए पत्र भेजा था. क्षेत्र के SDOP संतोष पटेल को लिखे पत्र में लड़की ने लिखा, 'मैं नाबालिग हूं. अभी 12वीं में पढ़ती हूं और आगे पढ़ना चाहती हूं लेकिन मेरी शादी नयागांव बामोर निवासी शैलेन्द्र से जबरदस्ती की जा रही है. मैंने विरोध किया तो मुझे घरवालों ने एक कमरे में बंधक बना दिया. 8 मार्च को मेरी जबरदस्ती शादी हो रही है.' अपने पत्र में लड़की ने यह भी लिखा कि उसके पिता ने शैलेंद्र से उसका 50 हजार रुपए में सौदा किया है. घर में चर्चा के दौरान इस तरह की बातें उसने सुनी हैं. विरोध करने पर उसे घर में बंधक बनाकर 8 मार्च को उसकी शादी तय कर दी गई.
वन स्टॉप सेंटर में मिला आसरा: बंद लिफाफा जब एसडीओपी घाटीगांव संतोष कुमार ने खोला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. पत्र को लिखे ही सात दिन हो चुके थे. उन्होंने बिना देर किए पुलिस बल के साथ उमेदगढ़ में दबिश दी. महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर वे मौके पर पहुंचे और छात्रा को परिजन से मुक्त कराकर उसकी शादी रुकवाई. इसके बाद भी नाबालिग को घर में रहने पर डर लग रहा था. जिस पर उसे महिला बाल विकास विभाग की निगरानी में वन स्टॉप सेंटर पहुंचाया गया. पुलिस का कहना था कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि नाबालिग की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ न हो सके.