गुमशुदा मजदूर का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने MP सरकार, परिवहन मंत्री सहित DGP से मांगा जवाब - गोविंद सिंह राजपूत पर मजदूर को गायब करा आरोप
मध्यप्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक जमीन के फर्जीवाड़े और मजदूर के गायब हेने के मामले में सुनवाई करते हुए एमपी सरकार, DGP और राज्य के परिवहन मंत्री से जवाब मांगा है. कोर्ट ने
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के सागर जिले से गुमशुदा मजदूर मान सिंह पटेल (कुशवाहा) के संबंध में OBC महासभा द्वारा दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है और साथ ही शिवराज कैबिनेट के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत व अन्य पक्षों से जवाब मांगा है. ओबीसी महासभा ने मामले में एक हैबियस कॉरपस यानी कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है, जिसमें मान सिंह कुशवाहा की गुमशुदगी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है.
मान सिंह पटेल की जमीन पर कब्जा: दायर याचिका में कहा गया है कि मान सिंह पटेल की जमीन सागर जिले के तिली में थी. जिस पर वर्तमान में मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत काबिज हैं. आरोप है कि जब उक्त जमीन पर कब्जा किया जा रहा था, तब मान सिंह पटेल ने वर्ष 2016 में सिटी मजिस्ट्रेट और रेवेन्यू डिपार्टमेंट एवं संबंधित थाने में नामजद शिकायत दर्ज कराई थी. साथ ही यह आशंका भी जताई गई थी कि उसकी जान को मंत्री गोविंद राजपूत से खतरा है. बावजूद इसके इस मामले में हीला-हवाली की गई.
बेटे ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन फाइल की: मान सिंह पटेल की शिकायत पर उस समय धारा 145 दंड प्रक्रिया संहिता पर प्रकरण रजिस्टर्ड कर सुनवाई भी चली थी. लेकिन बाद में मान सिंह पटेल के लापता हो जाने के बाद प्रकरण बंद कर दिया गया. मान सिंह पटेल के बेटे सीताराम ने 23 अगस्त 2016 को थाने में अपने पिता मान सिंह पटेल को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत समेत अन्य लोगों द्वारा जबरन घर से ले जाने की शिकायत की गई थी. बाद में सागर शहर के सिविल लाइन थाना में इस शिकायत के आधार पर मान सिंह की गुमशुदगी की FIR दर्ज की गई. लेकिन पुलिस प्रशासन ने आज दिनांक तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की. जबकि सीताराम पटेल ने सभी जगह शिकायत दर्ज कराई. जब कहीं से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 2 जनवरी 2023 को मान सिंह पटेल के बेटे सीताराम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर एक शिकायत पत्र भेजा और फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन फाइल की.
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कोर्ट ने मांगा जवाब: मामले में नया मोड उस समय आ गया जब धारा 39 CRPC के तहत सागर जिला न्यायालय में एक और शिकायत दर्ज की गयी. इसमें कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट में जो रिट पिटीशन फाइल हुई है, उसे वापस लेने के लिए प्रार्थी पर दबाव बनाया जा रहा है. लेकिन इसके बाद अचानक ही सीताराम का पूरा परिवार गायब हो गया. मान सिंह पटेल की आज तक कोई खबर नहीं है. इन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए OBC महासभा द्वारा एक रिट पिटीशन नंबर 108 / 2023 सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. जिसमें 8 मई 2023 को जज सूर्यकांत, जज जेके महेश्वरी की बेंच में सुनवाई की गई. जिसमें ओबीसी महासभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल व वरुण ठाकुर ने पैरवी की. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार, DGP मध्य प्रदेश पुलिस, कलेक्टर सागर, एसपी जिला सागर से जवाब तलब करने के साथ ही राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत व अन्य से भी जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी.