ग्वालियर। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल पर महेश परमार नाम के शख्स को आत्महत्या करने के लिए विवश करने का आरोप लगा है. जिसके बाद आशीष अग्रवाल के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर थाने का घेराव किया. जहां मौके पर पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की समझाइश और मृतक के परिजनों के बीच हुई लंबी जद्दोजहद के बाद एफ आई आर की सहमति बनी, तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ.
बीते 29 अक्टूबर को बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल के नदी पाताल मुरार स्थित ऑफिस के बाहर महेश परमार नाम के शख्स ने खुद को आग के हवाले कर लिया था. जिसके बाद उसे गंभीर अवस्था में जया रोग अस्पताल लाया गया. जहां प्राथमिक उपचार देने के बाद उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया था. आग से 80% तक जल जाने के कारण कल महेश ने दिल्ली में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. जिसके बाद मतदान समाप्त होते ही मृतक के गांव से बड़ी संख्या में ग्रामीण और पूर्व विधायक नीटू सिकरवार थाटीपुर थाने पहुंचे. जहां बीजेपी प्रवक्ता के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
मृतक द्वारा खुद को आग के हवाले कर आत्महत्या करने के इस मामले के पीछे वजह बताई जा रही है किआशीष अग्रवाल द्वारा महेश परमार का करीबन 12 लाख रुपए का भुगतान रोक दिया गया था. आशीष अग्रवाल पेशे से बिल्डर भी हैं. ऐसे में उनके द्वारा महेश परमार से टाइल्स लगाने का काम किया गया था और वह लंबे वक्त से उस काम के भुगतान के लिए चक्कर काट रहा था, लेकिन लगातार उसे गुमराह कर जाने को कह दिया जाता था.
जिससे तंग आकर उसने यह कदम उठाया. गौरतलब है कि ग्राम पंचायत खाड़ोली से बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने पुलिस प्रशासन पर बीजेपी के दबाव में काम करने का आरोप लगाया, काफी देर तक हंगामें के बाद पुलिस ने बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया, तब जाकर पूरा मामला शांत हुआ.