ग्वालियर। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब से कांग्रेस का हाथ छोड़ा है. तब से विपक्षी पार्टी उन पर हमलावर है. अब उपचुनाव की सुगबुगाहट के बाद ये हमले और तेज हो गए हैं. कांग्रेस सिंधिया को भू-माफिया साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. कांग्रेस के इन आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए सिंधिया बचाव किया है.
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा है कि ग्वालियर चंबल संभाग में कांग्रेस की जमीन सिंधिया के जाने के बाद खिसक गई है. यही कारण है कि वे जमीन की बातें करते हैं, यदि उन्हें जमीनों की इतनी ही चिंता है तो वो सज्जन सिंह वर्मा की भी बात करें, जिन्होंने 15 महीने की कांग्रेस सरकार में इंदौर की कई बेशकीमती जमीनों पर अवैध कब्जा कर लिया है.
कमलनाथ पर साधा निशाना
पूर्व सीएम कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि कमलनाथ जब मध्यप्रदेश में आए थे तो एक झोला लेकर आए थे, वे आखिर कैसे इतने बड़े उद्योगपति बन गए. इस बात की भी चर्चा होनी चाहिए.
क्या है पूरा मामला
ग्वालियर के रहने वाले युवक ऋषभ भदौरिया ने 22 सरकारी सर्वे नंबर को स्थानीय प्रशासन के साथ साठगांठ करके सिंधिया ट्रस्ट के नाम कराए जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में एक पीआईएल दायर की थी. जिसको लेकर हाई कोर्ट ने ग्वालियर में संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर दस्तावेज भी तलब किए थे.
200 करोड़ की हेरा-फेरी का लगा था आरोप
बताया जाता है कि दिसंबर 2019 में कैबिनेट की बैठक में सिंधिया एजुकेशन सोसाइटी को 146 एकड़ जमीन लीज पर दिए जाने का प्रस्ताव मंजूर हुआ था और फरवरी में इस जमीन को लीज पर दिए जाने के आदेश भी जारी हो चुके थे. इस जमीन की वास्तविक कीमत 200 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है.
ईओडब्ल्यू से मिल चुकी है क्लीन चिट
मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने एक पुराने मामले में जांच शुरू कर दी थी, लेकिन जैसे ही प्रदेश में शिवराज सरकार आई ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्लिन चिट मिल गई है. साथ ही ईओडब्ल्यू ने उस केस को भी बंद कर दिया है.