ग्वालियर। आगामी उपचुनाव से पहले ग्वालियर में बीजेपी में बगावत के स्वर दिखाई देने लगे हैं. आज बीजेपी नेता सतीश सिकरवार ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है. पूर्व सीएम कमलनाथ ने सतीश सिकरवार को कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई है. सतीश सिकरवार लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे. फिलहाल कांग्रेस ने उनका पार्टी में स्वागत किया है, बीजेपी ने उन्हें अति महत्वाकांक्षी और अवसरवादी नेता बताया है.
सतीश सिकरवार के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि सतीश सिकरवार का कांग्रेस पार्टी में स्वागत है और उन्हें उम्मीद है कि जिस तरीके से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बीजेपी में शामिल कराया है. उससे आधे से ज्यादा सतीश सिकरवार ने कांग्रेस पार्टी में शामिल कराएंगे.
बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल का कहना है कि सतीश सिकरवार के जाने से पार्टी को कोई भी फर्क नहीं है. सतीश सिकरवार अति महत्वाकांक्षी और अवसरवादी नेता हैं. जिस पार्टी ने तीन बार आपको पार्षद बनाया और एक बार विधायक का टिकट दिया, उसके बावजूद भी पार्टी को धोखा दे गए.
सतीश सिकरवार बीजेपी से तीन बार से पार्षद हैं. साथ ही 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर पूर्व विधानसभा से बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़ चुके हैं. लंबे समय से छात्र नेता के रूप में जुड़े रहे हैं. वह अपने इलाके की एक कद्दावर नेता हैं उनके पास युवाओं की सबसे मजबूत टीम है और सतीश सिकरवार बीजेपी के वरिष्ठ नेता तीन बार के विधायक गजराज सिंह सिकरवार के बड़े बेटे हैं और दो बार के विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार के बड़े भाई हैं.
वरिष्ठ बीजेपी नेता गजराज सिंह सिकरवार और उनके छोटे पुत्र सत्यपाल सिंह सिकरवार मुरैना जिले से राजनीति करते हैं. सतीश सिकरवार ग्वालियर में लंबे समय से राजनीति कर रहे हैं. वह पिछले कई दिनों ने बीजेपी से नाराज थे. हालांकि बीजेपी के तमाम बड़े दिक्कत नेताओं ने उनको मनाने की कोशिश की. लेकिन सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए मुन्नालाल गोयल बीजेपी के संभावित उम्मीदवार हैं, यही वजह है कि पार्टी द्वारा टिकट न मिलने के कारण सतीश सिकरवार ने बीजेपी का दामन छोड़ दिया है.