ग्वालियर। भूमि पूजन और शिलान्यास को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में सियासी घमासान मचा हुआ है, दोनों ही पार्टियों के बीच विकास कार्यों का क्रेडिट लेने की होड़ चरम पर है.
शहर में होने वाले विकास कार्यों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. बीजेपी का आरोप है कि नगर निगम द्वारा स्वीकृत राशि के पार्षद निधि के कामों को कांग्रेस अपना बताकर भूमिपूजन और शिलान्यास करने में जुटी हैं. वहीं कांग्रेस का कहना है कि गुणवत्ताहीन काम की मॉनिटरिंग के लिए विधायक मौके पर जाकर देख रहे हैं.
दरअसल एक महीने पहले ग्वालियर के महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने अपना इस्तीफा संभागीय आयुक्त को सौंप दिया था. क्योंकि वह हाल में ही हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुनकर आए हैं. बीजेपी का आरोप है कि महापौर के इस पद छोड़ते ही, कांग्रेस के विधायक नगर निगम बेदखल करने लगे हैं. साथ ही उनका कहना है अभी प्रदेश में कांग्रेस सरकार सिर्फ ट्रांसफर उद्योग और अधिकारियों से ट्रांसफर के नाम से पैसा ऐंठने में लगी हुई है. कांग्रेस को यही नहीं पता कि विकास क्या होता है.
वही कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि हमारे जो विधायक हैं, वे अपने विधानसभा क्षेत्र में होने वाले कामों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. पिछले 50 सालों से बीजेपी निगम पर काबिज है और उनके द्वारा गुणवत्ता हीन विकास काम कराए जा रहे हैं. कांग्रेस विधायक उन कामों को देखकर उनकी गुणवत्ता सुधारने की बात कह रहे हैं, तो बीजेपी को नागवार गुजर रहा है. इसलिए इस तरह की राजनीति कर रही है, जबकि इनमें कोई सच्चाई नहीं है.