ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में रेत का ठेका लेने वाली कंपनी के मुख्य ठेकेदार आशुतोष महेश्वरी के वायरल हुए वीडियो ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं. जारी वीडियो में साफ कहा गया है कि पुलिस अब पुलिसिंग नहीं माइनिंग कर रही है. पांच-पांच में रेत बाहर निकाले जाते हैं और सबसे ज्यादा पिछोर थाना प्रभारी समाधिया खुलेआम वाहनों को छुड़वा कर ले जाते हैं. आगे अवैध वाहन चलते हैं और पीछे-पीछे थाना प्रभारी की गाड़ी रहती है.
कथित वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और माइनिंग में हड़कंप मचा हुआ है. इस वीडियो में रेत के अवैध कारोबार पर एक बार फिर मुहर लगाई है. वहीं आनन-फानन में ग्वालियर एसपी ने वायरल वीडियो की जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही ठेकेदार जिस थाना प्रभारी पर आरोप लगा रहे हैं उसकी जांच एडिशनल एसपी को सौंप दी है.
दरअसल मानसून के समय में रेत के कारोबार पर तीन माह की रोक लग जाती है वर्तमान में एक जुलाई से रेत उत्खनन परिवहन पर रोक है और 30 सितंबर तक यह रोक लगी रहेगी इस रोक के बाद भी ग्वालियर में अवैध रेत का अवैध कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है अगर रेत पर प्रतिबंध है तो रेत कहां से निकल रही, कौन निकाल रहा है, किस की सांठगांठ से सरकार को चूना लग रहा है यह सामने नहीं आता है