ग्वालियर। मध्य प्रदेश में अब छात्रों को रामचरितमानस के जरिए पढ़ाई कराने की तैयारी की जा रही है, ताकि जीवन में सामाजिकता, जीव विज्ञान और भौतिकता किस तरह की होनी चाहिए यह छात्र सीख सकें. दरअसल, राजाधानी भोपाल में स्थित भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय 1 साल का डिप्लोमा कोर्स शुरु करने जा रहा है, जो पूरी तरह रामचरितमानस पर आधारित होगा. इस डिप्लोमा के लिए एडमिशन की प्रक्रिया जारी है. जिसकी आज अंतिम तरीख है. यूनिवर्सिटी के मुताबिक इस डिप्लोमा कोर्स के छात्रों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और अब अगले महिन से इसकी नियमित कक्षायें भी शुरु हो जाएगी.
विश्वविद्यालय में तीन प्रकार के कराए जाएंगे डिप्लोमा कोर्स-
- रामचरितमानस और जीव विज्ञान
इस विषय मे वन्य जीव और पेड़ पौधों के बारे पढ़ाया जाएगा, कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक जिस तरह भगवान राम ने वनवास के समय विभिन्न पेड़ पौधों को खोज की या कहें कि उन्हे उपयोगी बनाया. इसी आधार पर बच्चों को शिक्षा दी जाएगी. इसके साथ-साथ वन्य जीव जैसे बंदर(वानर), गिलहरी, भालू आदि से भगवान राम ने किस तरह उनसे संबंध रखकर उनका सहयोग लिया. इसी आधार पर स्टूडेंट्स को जानवरों से आचरण की सीख दी जाएगी.
- रामचरित मानस और भौतिक विज्ञान
भगवान राम ने किस तरह तकनीक का इस्तेमाल कर सेतु निर्माण किया, किस तरह हथियारों का उपयोग किया या कहें कि शस्त्रों के प्रयोग से किस तरह विस्फोट होता था. उनमे किस तरह के केमिकल इस्तेमाल किये जाते थे. ये तमाम तकनीकी स्टूडेंट्स को समझाई जाएगी.
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- रामचरित मानस वैज्ञानिक मूल्य बोध और सामाजिकता
ब्रम्हा, विष्णु और महेश की संक्लपना में कार्बन, पंचतत्व, निराकार और साकार के साथ मानव की संरचना. रामसेतु मे किन रसायनो का इस्तेमाल किया गया.
- भोज यूनिवर्सिटी के 11 सेंटर पर कराया जाएगा डिप्लोमा कोर्स
इस विषयों के साथ-साथ स्टूडेंट्स को प्रोजेक्ट वर्क भी दिया जायेगा ताकि वे घर रहकर रामचरित मानस पर रिसर्च कर सके. भोज यूनिवर्सिटी भी अपने इस डिप्लोमा कोर्स को अभिनव मान रही है. जिसका जिक्र बकायदा एडमिशन के लिए जारी विज्ञापन में भी किया गया है. ये डिप्लोमा कोर्स भोज यूनिवर्सिटी के सभी 11 सेंटरों पर कराया जाएगा.