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बाढ़ के बाद भी नहीं पूरा हुआ बारिश का औसत कोटा, इंद्रदेव फिर होंगे मेहरबान - mp news

ग्वालियर में अभी भी औसत बारिश का कोटा पूरा नहीं हुआ है, 23 सितंबर के बाद होने वाली बारिश से औसत बारिश का कोटा पूरा हो सकता है.

इंद्रदेव फिर होंगे मेहरबान
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Published : Sep 19, 2019, 11:06 PM IST

ग्वालियर। भले ही भारी बारिश और राजस्थान के कोटा बैराज व गांधी सागर डैम से छोड़े गये पानी ने पूरे अंचल को पानी-पानी कर दिया है, बाढ़ से हाल बेहाल है, लेकिन ग्वालियर जिले में अभी भी औसत बारिश का कोटा पूरा नहीं हुआ है. अभी भी 45 मिलीमीटर बारिश की जरूरत है, मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम बन रहा है, जिसके 23 सितंबर के बाद ग्वालियर पहुंचने की उम्मीद है.

इंद्रदेव फिर होंगे मेहरबान
इस सिस्टम की बारिश से ग्वालियर में वर्षा का औसत कोटा पूरा हो सकता है. फिलहाल 790 मिलीमीटर औसत बारिश में से 743 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है. ग्वालियर की लाइफ लाइन माना जाने वाला तिघरा बांध लगभग पूरी तरह भर चुका है.

ग्वालियर में इस बार मानसून करीब 20 दिन विलंब से पहुंचा है. जिसके चलते बारिश के मौसम में जुलाई-अगस्त में अपेक्षाकृत कम बारिश हुई, जबकि सितंबर ने किसी तरह कोटा पूरा किया है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सितंबर के आखिरी सप्ताह में मानसून एक बार फिर जाते-जाते ग्वालियर अंचल पर मेहरबानी कर सकता है.

ग्वालियर। भले ही भारी बारिश और राजस्थान के कोटा बैराज व गांधी सागर डैम से छोड़े गये पानी ने पूरे अंचल को पानी-पानी कर दिया है, बाढ़ से हाल बेहाल है, लेकिन ग्वालियर जिले में अभी भी औसत बारिश का कोटा पूरा नहीं हुआ है. अभी भी 45 मिलीमीटर बारिश की जरूरत है, मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम बन रहा है, जिसके 23 सितंबर के बाद ग्वालियर पहुंचने की उम्मीद है.

इंद्रदेव फिर होंगे मेहरबान
इस सिस्टम की बारिश से ग्वालियर में वर्षा का औसत कोटा पूरा हो सकता है. फिलहाल 790 मिलीमीटर औसत बारिश में से 743 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है. ग्वालियर की लाइफ लाइन माना जाने वाला तिघरा बांध लगभग पूरी तरह भर चुका है.

ग्वालियर में इस बार मानसून करीब 20 दिन विलंब से पहुंचा है. जिसके चलते बारिश के मौसम में जुलाई-अगस्त में अपेक्षाकृत कम बारिश हुई, जबकि सितंबर ने किसी तरह कोटा पूरा किया है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सितंबर के आखिरी सप्ताह में मानसून एक बार फिर जाते-जाते ग्वालियर अंचल पर मेहरबानी कर सकता है.

Intro:ग्वालियर अंचल के नदी और बांध भले ही पानी से उभर गए हो लेकिन जिले में अभी भी औसत बारिश का कोटा पूरा नहीं हो सका है। अभी भी 45 मिलीमीटर बारिश की जरूरत है, मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम बन रहा हैं।


Body:जो 23 सितंबर के बाद ग्वालियर पहुंचने की उम्मीद है इस सिस्टम की बारिश से ग्वालियर में वर्षा का औसत कोटा पूरा हो सकता है। फिलहाल 790 मिलीमीटर औसत बारिश में से 743 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है। इस बीच ग्वालियर की लाइफ लाइन कहा जाने वाला तिघरा बांध लगभग पूरा भर चुका हैं।


Conclusion:गौरतलब है कि ग्वालियर में इस बार मानसून करीब 20 दिन विलंब से आया है इसके अलावा बारिश के महीने माने जाने वाले जुलाई अगस्त महीने में अपेक्षाकृत कम बारिश वाले रहे, सितंबर ने किसी तरह कोटा पूरा किया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सितंबर के आखिरी सप्ताह में मानसून एक बार फिर जाते-जाते ग्वालियर अंचल पर मेहरबान हो सकता है।
बाईट- सीके उपाध्याय मौसम वैज्ञानिक
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