ग्वालियर। प्रदेश में हिंदू महासभा के एकमात्र पार्षद रहे बाबूलाल चौरसिया ने बीते दिन घर वापसी कर ली है. बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में आते ही प्रदेश में सियासी ऊठापटक भी शुरू हो गई है. वहीं बाबूलाल चौरसिया ने घर वापसी पर खुशी का इजहार किया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए बाबूलाल चौरसिया ने कहा कि महासभा के पास जनाधार वाला कोई नेता नहीं था, इसलिए उन्हें भ्रम में रखकर अपने दल में शामिल कर लिया गया. जहां तक नाथूराम गोडसे की पूजा की बात है तो उन्हें यही पता नहीं था कि यह प्रतिमा किसकी है.
हर कोई बदलते हैं अपना दल
हिंदू महासभा के पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया ने बुधवार को भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण ली है. इस मौके पर ग्वालियर दक्षिण के विधायक प्रवीण पाठक भी मुख्य रूप से मौजूद रहे. समझा जाता है कि हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया की घर वापसी में विधायक प्रवीण पाठक का प्रमुख रोल रहा है. चौरसिया ने कहा है कि हिंदू महासभा ने उन्हें अब तक भ्रम में रखा था, लेकिन जब उन्हें आभास हुआ कि उनके साथ गडबड़ी की जा रही है. तब उन्होंने घर वापसी का मन बनाया. उन्होंने कहा यह कोई अनोखी बात नहीं है कई लोग अपना दल बदलते हैं तो इसमें नई बात क्या है.
मैं कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में जा चुका हूं जेल
बाबूलाल चौरसिया ने कहा है कि यदि अरुण यादव जो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हैं. उन्होंने उनके प्रवेश पर कोई ट्वीट किया है तो यह उनका निजी विचार हो सकता है. जबकि मैं पुराना कांग्रेसी हूं. उन्होंने कहा कि वे जनता पार्टी के समय जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जेल भेजा गया था, उस समय भी उनके समर्थन में एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में जेल जा चुका हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू महासभा के पास अब कोई भी जनाधार नेता नहीं बचा है.