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हर दिल में जिंदा है Atal Bihari Vajpayee, पढ़िए ग्वालियर के 'स्टूडेंट नंबर 101' का दिल्ली तक का सफर..

ग्वालियर का गौरव दिवस यानि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के जन्म दिन आज मनाया जाएगा, इस दिन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा. ग्वालियर वासियों के दिल में आज भी अटल जी जिंदा है, इसी शहर में वे खेले-कूदे और दिल्ली तक का सफर तय किया. क्या आप जानते हैं अटल जी के राजनीतिक कैरियर की शुरुआत भी ग्वालियर से ही हुई थी और.. पढ़िए पूरी खबर-

Atal Bihari Vajpayee Etv Bharat
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी Etv Bharat
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Published : Dec 25, 2022, 12:52 PM IST

Updated : Dec 25, 2022, 1:04 PM IST

अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर कनेक्शन

ग्वालियर। आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 98वी जयंती है और ग्वालियर में आज अटल जी की जयंती के मौके पर गौरव दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर आज पूरे दिन भर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. अटल जी इस दुनिया में भले ही नहीं है, लेकिन उनके विचार उनकी कार्यशैली आज भी लोगों के जेहन और मस्तक में हमेशा जिंदा है. यही कारण है कि उनका ग्वालियर से गहरा नाता है और ग्वालियर वासी भी आज भी उन्हें उतना ही प्रेम करते हैं, जितना वह ग्वालियर की गलियों में घूमते थे. अटल जी का बचपन इन्हीं ग्वालियर की गलियों में गुजरा है. उनके राजनीतिक कैरियर की शुरुआत भी ग्वालियर से हुई, यही कारण है कि ग्वालियर की कई ऐसी अनोखी याद है जो आज भी अटल जी अमर बनाती है.

ग्वालियर के कमल सिंह के बाग में रहते थे अटल जी: भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म भले ही उत्तर प्रदेश की बटेश्वर गांव में हुआ था, लेकिन उनका बचपन ग्वालियर की गलियों में गुजरा. शहर के बीचों-बीच कमल सिंह के बाग में उनका पैतृक निवास है और इन्हीं गलियों से होकर वे राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करते हुए दिल्ली तक पहुंचे. अटल जी भले ही दिल्ली में उच्च शिखर तक पहुंच गए, लेकिन ग्वालियर की यादें हमेशा उनकी दिल और दिमाग में जिंदा रहती थी. यही कारण है कि वह बतौर प्रधानमंत्री वे कई बार ग्वालियर अपने घर आते थे और सामान्य तरीके से अपने परिवार और मित्रों से मुलाकात करते थे. अटल जी ने जिंदा रहते हुए अपने घर को लाइब्रेरी के रूप में तब्दील कर दिया था, यह उन्होंने बच्चों के प्रति अपने लगाव के चलते किया था. (Atal Bihari Vajpayee)

स्टूडेंट नंबर 101: अटल बिहारी वाजपेई अपनी प्राथमिक शिक्षा गोरखी की स्कूल में ग्रहण की थी, स्कूल का हर कमरा, खेल का मैदान अटल जी की यादों से संजोए गया है. दीवारों पर अटल जी का नाम लिखा है, अटल जी ने इसी स्कूल में मिडिल तक शिक्षा हासिल की थी. 1935 से 1937 में जब अटल जी ने इस स्कूल में पढ़ा करते थे, तो उनके पिता कृष्ण बिहारी बाजपेई इस स्कूल में शिक्षक थे. स्कूल में आज भी उस रजिस्टर को संजोय रखा गया है, जिसमें अटल जी की उपस्थिति दर्ज हुआ करती थी. तब अटल जी का नंबर उपस्थिति रजिस्टर में 101 था.

अटल जयंती पर विशेष: यहां करते थे वाजपेयी जी मित्रों के साथ पहलवानी, पढ़िए पूरी कहानी

पासपोर्ट टू पीएम की कहानी: इस बात को शायद सब जानते होंगे कि अटल जी खाने के बहुत शौकीन थे और उन्हें मीठा बहुत ही पसंद था. यही कारण है कि ग्वालियर शहर में कई ऐसे पकवान है जो अटल जी के नाम से जाने जाते हैं, मतलब अटल जी को बेहद पसंद थे. सबसे पहले शहर में बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ले अटल जी को खासतौर पर बेहद पसंद थे, यही कारण है कि जब देश के प्रधानमंत्री बने तो बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ला को "पासपोर्ट टू पीएम" माना जाता था. अटल जी को यह लड्डू और रसगुल्ला इतने पसंद है थे कि जब वह प्रधानमंत्री बने और ग्वालियर आना उनका कम हो गया तो विशेष तौर पर उनके लिए बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ले दिल्ली भेजे जाते थे. लोगों का कहना है कि उस समय दिल्ली में पीएम अटल जी से आसानी से और सीधे मिलना हो तो यह लड्डू बहुत बड़ा जरिया था.

इतना प्यार कि बनवा दिया मंदिर: ग्वालियर वासियों के द्वारा अटल जी के प्रति प्रेम और आदर इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि उनके चाहने वालों ने ग्वालियर में अटल मंदिर बनवा दिया है, जहां पर अटल जी की पूजा अर्चना की जाती है. आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की जयंती है और इस मौके पर मध्य प्रदेश सरकार उनकी जयंती को गौरव दिवस के रूप में मना रही है. ग्वालियर में आज अटल गौरव दिवस को लेकर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित तमाम मंत्री गण उपस्थित होंगे और अटल गौरव दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे.

अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर कनेक्शन

ग्वालियर। आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 98वी जयंती है और ग्वालियर में आज अटल जी की जयंती के मौके पर गौरव दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर आज पूरे दिन भर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. अटल जी इस दुनिया में भले ही नहीं है, लेकिन उनके विचार उनकी कार्यशैली आज भी लोगों के जेहन और मस्तक में हमेशा जिंदा है. यही कारण है कि उनका ग्वालियर से गहरा नाता है और ग्वालियर वासी भी आज भी उन्हें उतना ही प्रेम करते हैं, जितना वह ग्वालियर की गलियों में घूमते थे. अटल जी का बचपन इन्हीं ग्वालियर की गलियों में गुजरा है. उनके राजनीतिक कैरियर की शुरुआत भी ग्वालियर से हुई, यही कारण है कि ग्वालियर की कई ऐसी अनोखी याद है जो आज भी अटल जी अमर बनाती है.

ग्वालियर के कमल सिंह के बाग में रहते थे अटल जी: भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म भले ही उत्तर प्रदेश की बटेश्वर गांव में हुआ था, लेकिन उनका बचपन ग्वालियर की गलियों में गुजरा. शहर के बीचों-बीच कमल सिंह के बाग में उनका पैतृक निवास है और इन्हीं गलियों से होकर वे राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करते हुए दिल्ली तक पहुंचे. अटल जी भले ही दिल्ली में उच्च शिखर तक पहुंच गए, लेकिन ग्वालियर की यादें हमेशा उनकी दिल और दिमाग में जिंदा रहती थी. यही कारण है कि वह बतौर प्रधानमंत्री वे कई बार ग्वालियर अपने घर आते थे और सामान्य तरीके से अपने परिवार और मित्रों से मुलाकात करते थे. अटल जी ने जिंदा रहते हुए अपने घर को लाइब्रेरी के रूप में तब्दील कर दिया था, यह उन्होंने बच्चों के प्रति अपने लगाव के चलते किया था. (Atal Bihari Vajpayee)

स्टूडेंट नंबर 101: अटल बिहारी वाजपेई अपनी प्राथमिक शिक्षा गोरखी की स्कूल में ग्रहण की थी, स्कूल का हर कमरा, खेल का मैदान अटल जी की यादों से संजोए गया है. दीवारों पर अटल जी का नाम लिखा है, अटल जी ने इसी स्कूल में मिडिल तक शिक्षा हासिल की थी. 1935 से 1937 में जब अटल जी ने इस स्कूल में पढ़ा करते थे, तो उनके पिता कृष्ण बिहारी बाजपेई इस स्कूल में शिक्षक थे. स्कूल में आज भी उस रजिस्टर को संजोय रखा गया है, जिसमें अटल जी की उपस्थिति दर्ज हुआ करती थी. तब अटल जी का नंबर उपस्थिति रजिस्टर में 101 था.

अटल जयंती पर विशेष: यहां करते थे वाजपेयी जी मित्रों के साथ पहलवानी, पढ़िए पूरी कहानी

पासपोर्ट टू पीएम की कहानी: इस बात को शायद सब जानते होंगे कि अटल जी खाने के बहुत शौकीन थे और उन्हें मीठा बहुत ही पसंद था. यही कारण है कि ग्वालियर शहर में कई ऐसे पकवान है जो अटल जी के नाम से जाने जाते हैं, मतलब अटल जी को बेहद पसंद थे. सबसे पहले शहर में बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ले अटल जी को खासतौर पर बेहद पसंद थे, यही कारण है कि जब देश के प्रधानमंत्री बने तो बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ला को "पासपोर्ट टू पीएम" माना जाता था. अटल जी को यह लड्डू और रसगुल्ला इतने पसंद है थे कि जब वह प्रधानमंत्री बने और ग्वालियर आना उनका कम हो गया तो विशेष तौर पर उनके लिए बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ले दिल्ली भेजे जाते थे. लोगों का कहना है कि उस समय दिल्ली में पीएम अटल जी से आसानी से और सीधे मिलना हो तो यह लड्डू बहुत बड़ा जरिया था.

इतना प्यार कि बनवा दिया मंदिर: ग्वालियर वासियों के द्वारा अटल जी के प्रति प्रेम और आदर इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि उनके चाहने वालों ने ग्वालियर में अटल मंदिर बनवा दिया है, जहां पर अटल जी की पूजा अर्चना की जाती है. आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की जयंती है और इस मौके पर मध्य प्रदेश सरकार उनकी जयंती को गौरव दिवस के रूप में मना रही है. ग्वालियर में आज अटल गौरव दिवस को लेकर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित तमाम मंत्री गण उपस्थित होंगे और अटल गौरव दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे.

Last Updated : Dec 25, 2022, 1:04 PM IST
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