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केंद्रीय कृषि मंत्री के गृह जिले से निकलेगी लखीमपुर हिंसा में मारे गये किसानों की अस्थि कलश यात्रा

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गये किसानों की अस्थियां केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के गृह जिले ग्वालियर पहुंच गयी है. सोमवार को अखिल भारतीय किसान संगठन ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर अस्थियों की आगवानी की है.26 अक्टूबर से अस्थि कलश यात्रा ग्वालियर-चंबल अंचल में निकाली की तैयारी है.

asthi kalash yaatra of farmers killed in Lakhimpur violence will start from Gwalior
केंद्रीय कृषि मंत्री के गृह जिले से निकलेगी लखीमपुर हिंसा में मारे गये किसानों की अस्थि कलश यात्रा
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Published : Oct 25, 2021, 2:30 PM IST

ग्वालियर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गये किसानों की अस्थियां केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के गृह जिले ग्वालियर पहुंच गयी है. इसके साथ ही इलाके में राजनीति तेज होने की भी आशंका है. सोमवार को अखिल भारतीय किसान संगठन ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर अस्थियों की आगवानी की है. खबर है कि ग्वालियर-चंबल संभाग और केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के गढ़ में किसान आंदोलन कर कलश यात्रा निकालेंगे. इस दौरान इलाके के किसानों को केन्द्र सरकार की किसान कानून के बारे बताकर जागरूक किया जाएगा.

वेब सीरीज आश्रम-3 के नाम पर विवाद! शूटिंग को लेकर एमपी में पहले भी हो चुका है बवाल

26 अक्टूबर से शुरू होगी कलश यात्रा

26 अक्टूबर से अस्थि कलश यात्रा ग्वालियर-चंबल अंचल में निकाली की तैयारी है. किसान नेता अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसान भाइयों को और जागरूक करने और किसान आंदोलन के बारे में बताने के लिए पांच शहीद किसानों की अस्थियों को कलश यात्रा के रूप में केन्द्रीय कृषि मंत्री के गढ़ ग्वालियर-चंबल में प्रदर्शन किया जाएगा. 26 अक्टूबर की सुबह 8 बजे किसान आंदोलन स्थल फूलबाग ग्वालियर चौराहे से यात्रा प्रारंभ होगी. इस दौरान सुबह 10 बजे मुरार के बेरजा में, फिर 11 से 12 बजे तक मउ, जमाहर होते हुए रायरू में सभा होगी. फिर दोपहर 2 बजे मुरैना, 3 बजे जौरा, 4 बजे कैलारस और शाम 5 बजे सबलगढ़ में सभा की जायेगी. 27 अक्टूबर को सुबह 08 बजे से जत्था सबलगढ़ से रवाना होगा फिर टेंटरा, वीरपुर, श्यामपुर आदि से श्योपुर कलां श्रद्धांजलि कार्यक्रम होंगे. 28 अक्टूबर को मोहना होते हुए जत्था भितरवार पहुंचेगा. 29 अक्टूबर को इंदरगढ़ से सेवढा, मौ, झाँकरी, (लंच) गोहद, रायत पूरा होते हुए मालनपुर ग्वालियर आकर गुना के लिए ट्रेन से कलश इंदौर के लिए रवाना होगी.

लखीमपुरखीरी हिंसा में मारे गये थे किसान

बता दें कि कुछ दिन पहले उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन कर किसान वापस लौट रहे थे. इस दौरान उनपर गाड़ी चढ़ाने का आरोप केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे पर लगा है. घटना में आठ लोगों की मौत हो गयी थी. इस घटना के बाद अभी भी सियासी घमासान मचा हुआ है. घटना के विरोध में लखीमपुरखीरी सहित पूरे देश में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

ग्वालियर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गये किसानों की अस्थियां केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के गृह जिले ग्वालियर पहुंच गयी है. इसके साथ ही इलाके में राजनीति तेज होने की भी आशंका है. सोमवार को अखिल भारतीय किसान संगठन ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर अस्थियों की आगवानी की है. खबर है कि ग्वालियर-चंबल संभाग और केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के गढ़ में किसान आंदोलन कर कलश यात्रा निकालेंगे. इस दौरान इलाके के किसानों को केन्द्र सरकार की किसान कानून के बारे बताकर जागरूक किया जाएगा.

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26 अक्टूबर से शुरू होगी कलश यात्रा

26 अक्टूबर से अस्थि कलश यात्रा ग्वालियर-चंबल अंचल में निकाली की तैयारी है. किसान नेता अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसान भाइयों को और जागरूक करने और किसान आंदोलन के बारे में बताने के लिए पांच शहीद किसानों की अस्थियों को कलश यात्रा के रूप में केन्द्रीय कृषि मंत्री के गढ़ ग्वालियर-चंबल में प्रदर्शन किया जाएगा. 26 अक्टूबर की सुबह 8 बजे किसान आंदोलन स्थल फूलबाग ग्वालियर चौराहे से यात्रा प्रारंभ होगी. इस दौरान सुबह 10 बजे मुरार के बेरजा में, फिर 11 से 12 बजे तक मउ, जमाहर होते हुए रायरू में सभा होगी. फिर दोपहर 2 बजे मुरैना, 3 बजे जौरा, 4 बजे कैलारस और शाम 5 बजे सबलगढ़ में सभा की जायेगी. 27 अक्टूबर को सुबह 08 बजे से जत्था सबलगढ़ से रवाना होगा फिर टेंटरा, वीरपुर, श्यामपुर आदि से श्योपुर कलां श्रद्धांजलि कार्यक्रम होंगे. 28 अक्टूबर को मोहना होते हुए जत्था भितरवार पहुंचेगा. 29 अक्टूबर को इंदरगढ़ से सेवढा, मौ, झाँकरी, (लंच) गोहद, रायत पूरा होते हुए मालनपुर ग्वालियर आकर गुना के लिए ट्रेन से कलश इंदौर के लिए रवाना होगी.

लखीमपुरखीरी हिंसा में मारे गये थे किसान

बता दें कि कुछ दिन पहले उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन कर किसान वापस लौट रहे थे. इस दौरान उनपर गाड़ी चढ़ाने का आरोप केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे पर लगा है. घटना में आठ लोगों की मौत हो गयी थी. इस घटना के बाद अभी भी सियासी घमासान मचा हुआ है. घटना के विरोध में लखीमपुरखीरी सहित पूरे देश में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

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