ETV Bharat / state

जीवाजी विश्वविद्यालय में अब हो सकेगी Bsc और Msc एग्रीकल्चर

जीवाजी विश्वविद्यालय में अब बीएससी और एमएससी एग्रीकल्चर हो सकेगी. कार्यपरिषद की बैठक में अनुमोदन पास हो गया है.

Jeevajee University
जीवाजी विश्वविद्यालय
author img

By

Published : Mar 17, 2021, 5:38 PM IST

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में कृषि संकाय शुरू करने के लिए बुधवार को कार्यपरिषद की बैठक में भी प्रस्ताव पारित कर लिया गया. अब इसे राज्य शासन की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राज्य शासन की मंजूरी के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी आईसीएआर को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. खास बात यह है कि पिछले साल कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने निजी क्षेत्र के एग्रीकल्चर कॉलेज के खिलाफ एक अभियान छोड़ा था.

केशव गुर्जर, डीसीडीसी
जिसमें कहा गया था कि आईसीएआर के नियमों के विपरीत यह कृषि कॉलेज खोले जा रहे हैं. जिन पर न तो पर्याप्त स्टॉफ है और ना ही जमीन. इसके बावजूद निजी क्षेत्र में कृषि कॉलेजों की बाढ़ सी आ गई है, लेकिन अब जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा कृषि संकाय शुरू किया जा रहा है. हालांकि अभी यूनिवर्सिटी के पास ना तो राज्य शासन की मंजूरी है और ना ही आईसीएआर की मंजूरी है. लेकिन विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि आने वाले समय में छात्र हितों को देखते हुए उन्हें यह मंजूरी मिल जाएगी.

डिजिटल इंडिया में JU के छात्रों को फीस भरने के लिए लगाने पड़ते हैं चक्कर



विश्वविद्यालय का यह भी कहना है कि विश्वविद्यालय में कृषि संकाय शुरू करने के बाद छात्र बीएससी एग्रीकल्चर, एमएससी एग्रीकल्चर सहित अन्य विषयों में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल कर सकेंगे.यह ग्वालियर चंबल संभाग के विद्यार्थियों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी. बुधवार को कार्यपरिषद की बैठक में जब यह प्रस्ताव कुलपति की ओर से रखा गया तो सभी ने सर्वसम्मति से अनुमोदन पर अपनी सहमति जता दी. विश्वविद्यालय के टंडन हॉल में कार्यपरिषद की यह बैठक बुधवार सुबह शुरू हुई थी. इस बैठक में कैरियर एडवांसमेंट के प्रावधान के तहत विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापकों के लिए निम्न से उच्च एजीपी में स्थानन हेतु गठित समिति की अनुशंसा का अनुमोदन भी किया गया.

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में कृषि संकाय शुरू करने के लिए बुधवार को कार्यपरिषद की बैठक में भी प्रस्ताव पारित कर लिया गया. अब इसे राज्य शासन की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राज्य शासन की मंजूरी के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी आईसीएआर को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. खास बात यह है कि पिछले साल कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने निजी क्षेत्र के एग्रीकल्चर कॉलेज के खिलाफ एक अभियान छोड़ा था.

केशव गुर्जर, डीसीडीसी
जिसमें कहा गया था कि आईसीएआर के नियमों के विपरीत यह कृषि कॉलेज खोले जा रहे हैं. जिन पर न तो पर्याप्त स्टॉफ है और ना ही जमीन. इसके बावजूद निजी क्षेत्र में कृषि कॉलेजों की बाढ़ सी आ गई है, लेकिन अब जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा कृषि संकाय शुरू किया जा रहा है. हालांकि अभी यूनिवर्सिटी के पास ना तो राज्य शासन की मंजूरी है और ना ही आईसीएआर की मंजूरी है. लेकिन विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि आने वाले समय में छात्र हितों को देखते हुए उन्हें यह मंजूरी मिल जाएगी.

डिजिटल इंडिया में JU के छात्रों को फीस भरने के लिए लगाने पड़ते हैं चक्कर



विश्वविद्यालय का यह भी कहना है कि विश्वविद्यालय में कृषि संकाय शुरू करने के बाद छात्र बीएससी एग्रीकल्चर, एमएससी एग्रीकल्चर सहित अन्य विषयों में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल कर सकेंगे.यह ग्वालियर चंबल संभाग के विद्यार्थियों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी. बुधवार को कार्यपरिषद की बैठक में जब यह प्रस्ताव कुलपति की ओर से रखा गया तो सभी ने सर्वसम्मति से अनुमोदन पर अपनी सहमति जता दी. विश्वविद्यालय के टंडन हॉल में कार्यपरिषद की यह बैठक बुधवार सुबह शुरू हुई थी. इस बैठक में कैरियर एडवांसमेंट के प्रावधान के तहत विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापकों के लिए निम्न से उच्च एजीपी में स्थानन हेतु गठित समिति की अनुशंसा का अनुमोदन भी किया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.