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मध्यप्रदेश के ग्वालियर में प्रदर्शनकारी किसानों पर हमला

ग्वालियर शहर में कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे लोगों पर असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया, जिसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने चक्काजाम कर दिया. वहीं मामले की जानकारी लगते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया.

attack on people sitting on dharna
धरने पर बैठे लोगों पर हमला
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Published : Jan 31, 2021, 7:04 PM IST

Updated : Jan 31, 2021, 10:21 PM IST

ग्वालियर। सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर जैसी घटना आज ग्वालियर शहर में भी देखने को मिली, जहां फूलबाग चौराहे पर कृषि कानूनों के विरोध में 1 महीने से धरने पर बैठे लोगों पर असामाजिक तत्वों द्वारा हमला किया गया. साथ ही तोड़फोड़ कर बैनर भी फाड़ दिए गए. धरने पर बैठे लोगों ने इसका विरोध किया, तो हमलावरों ने धरने पर बैठी महिलाओं को भी नहीं बक्शा. झूमा-झपटी कर मारने का प्रयास किया गया. वहीं इस घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और रोड पर जाम लगा दिया.

दरअसल, 1 महीने से धरने पर बैठे लोगों पर 20 से 25 की संख्या में आए असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया. इस दौरान असामाजिक तत्व ने महिलाओं के साथ झूमा-झपटी की. वहीं बैनर को भी फाड़ दिया और मौका पाकर वहां से भाग निकले. वहीं धरने पर बैठे लोगों ने इसका विरोध करते हुए चक्काजाम कर दिया. घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया.

धरने पर बैठे लोगों पर हमला

किसान आंदोलन को 65 दिन से ज्यादा हो गए है. पिछले कुछ दिनों में इस आंदोलन को लेकर कई घटनाक्रम हुए, जो देश के लिए दुख की बात है. 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद ऐसा लगा कि शायद आंदोलन कमजोर हो गया है, पर एक के बाद एक गाजीपुर बार्डर पर 28 जनवरी और सिंघु बार्डर पर 29 जनवरी को असामाजिक तत्वों द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों पर हमला किया गया.

ग्वालियर। सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर जैसी घटना आज ग्वालियर शहर में भी देखने को मिली, जहां फूलबाग चौराहे पर कृषि कानूनों के विरोध में 1 महीने से धरने पर बैठे लोगों पर असामाजिक तत्वों द्वारा हमला किया गया. साथ ही तोड़फोड़ कर बैनर भी फाड़ दिए गए. धरने पर बैठे लोगों ने इसका विरोध किया, तो हमलावरों ने धरने पर बैठी महिलाओं को भी नहीं बक्शा. झूमा-झपटी कर मारने का प्रयास किया गया. वहीं इस घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और रोड पर जाम लगा दिया.

दरअसल, 1 महीने से धरने पर बैठे लोगों पर 20 से 25 की संख्या में आए असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया. इस दौरान असामाजिक तत्व ने महिलाओं के साथ झूमा-झपटी की. वहीं बैनर को भी फाड़ दिया और मौका पाकर वहां से भाग निकले. वहीं धरने पर बैठे लोगों ने इसका विरोध करते हुए चक्काजाम कर दिया. घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया.

धरने पर बैठे लोगों पर हमला

किसान आंदोलन को 65 दिन से ज्यादा हो गए है. पिछले कुछ दिनों में इस आंदोलन को लेकर कई घटनाक्रम हुए, जो देश के लिए दुख की बात है. 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद ऐसा लगा कि शायद आंदोलन कमजोर हो गया है, पर एक के बाद एक गाजीपुर बार्डर पर 28 जनवरी और सिंघु बार्डर पर 29 जनवरी को असामाजिक तत्वों द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों पर हमला किया गया.

Last Updated : Jan 31, 2021, 10:21 PM IST
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