जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को जबलपुर के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने संस्कारधानी को करोड़ों के विकास कार्यों की सौगात दी. वहीं सीएम ने यह स्पष्ट कर दिया की भविष्य में महाकौशल से कोई भी विधायक मंत्री नहीं बनेगा. जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि आने वाले समय में मंत्रिमंडल में महाकौशल को जगह मिल सकती है क्या? तो सीएम ने कहा कि महाकौशल से मैं खुद आता हूं.
जबलपुर में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर में अधिकारियों की बैठक ली और जबलपुर के 3 साल के विकास के रोड में पर चर्चा की. इसमें ज्यादातर उन योजनाओं पर चर्चा हुई जो या तो पहले से चल रही हैं या फिर जिन पर पहले चर्चा की जा चुकी है. लेकिन एक मुद्दा बिल्कुल नया था कि जबलपुर में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम बनाया जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जल्द ही एक जगह देखने जहां पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम बने. जिसमें आईपीएल स्तर के क्रिकेट मैच हो सकें. वहीं उन्होंने रविशंकर स्टेडियम और रानीताल स्टेडियम को भी जल्द खेल के लिए तैयार करने के लिए आदेश दिया है. इसके अलावा जबलपुर के वेलोड्रोम के विकास के लिए कहा गया है.
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मुख्यमंत्री ने छोटी-छोटी योजनाओं की समीक्षा की
जबलपुर के हर घर को पानी पहुंचाने की योजना, सीवर लाइन की योजना, कचरे से बिजली बनाने की योजना, नॉन मोटर्स ट्रैक बनाने की योजना, स्वच्छता में जबलपुर को आगे लाने की योजना, जबलपुर में एक नया आईटी पार्क बनाने की योजना, डुमना एयरपोर्ट को अत्याधुनिक कर अंतरराष्ट्रीय स्तर की उड़ान सुलभ करवाने की योजना. इन तमाम योजनाओं पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से चर्चा की और इन को पूरा करने के निर्देश दिए है.
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'कांग्रेस विधायक संजय यादव का कहना की केवल कपोल कल्पना'
इस बैठक में जबलपुर के बरगी विधानसभा के विधायक संजय यादव भी शामिल थे. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री महाकौशल के विकास को लेकर बहुत गंभीर नहीं है. यहां तक कि उन्होंने मीटिंग के द्वारा जबलपुर के पाटन विधानसभा के सीनियर विधायक और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री अजय विश्नोई को तक बोलने नहीं दिया. इसके अलावा वे महाकौशल में किसी को मंत्री पद देने के लिए तैयार नहीं है और जबलपुर के जिस विकास की चर्चा वहां पर की गई है. वह पहले से चल रहा है. उसमें कुछ भी नया नहीं है. सरकार के पास पैसा नहीं है. ऐसे में नए विकास कार्य कैसे होंगे यह केवल एक कल्पना है.