ग्वालियर। अमेरिका की एफबीआई का पत्र मिलने के बाद ग्वालियर पुलिस सक्रिय हो गई है. मामले के अनुसार अमरिकन कंपनी का एजेंट बनकर गुजरात के ठगों ने ग्वालियर के आनंद नगर में ठिकाना बनाया था. इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड सागर और महिला साथी मोनिका दोनों अहमदाबाद के निवासी हैं. पुलिस के सामने दोनों ने खुलासा किया था कि अपने अन्य पांच साथियों के साथ मिलकर विदेशियों से लोन के नाम पर सिक्योरिटी नंबर, बैंकिंग डिटेल लेकर फिर वेरिफाई करने का हवाला देकर कमीशन में इंटरनेशनल गिफ्ट वाउचर (अमरीकन एक्सप्रेस, गूगल प्ले कार्ड, बेस्ट बाई, एप्पल, बनीला वीजा) लेते थे.
250 लोगों के साथ ठगी : इसके बाद इन गिफ्ट वाउचर को गिरोह का मास्टरमाइंड शॉपिंग के जरिए कैश में बदल लेता था. ठगों के टारगेट पर सिर्फ विदेशी और विशेषकर अमरीका के निवासी होते थे. ठगों ने अमेरिका में रहने वाले करीब 250 से ज्यादा लोगों को ठगने का खुलासा किया था. ठगी का सरगना सागर और उसकी पार्टनर मोनिका और अन्य 5 साथी इन दिनों जेल में हैं. इन दोनों ठगों और उनके ठिकाने से बरामद लैपटॉप कम्प्यूटर में अमरीका के कितने लोगों का डाटा था.
जीवाजी विश्वविद्यालय के साथ फ्रॉड, खाते से निकाले गए 14 लाख
क्राइम ब्रांच कार्रवाई में जुटी : ठगी के बारे में एफबीआइ के क्राइम ब्रांच से ब्यौरा मांगा है. इसके साथ ही एफबीआई ने अंबेडकर नागरिकों के स्टेटमेंट लेकर ग्वालियर क्राइम पुलिस को थमाए हैं. जिसे लेकर क्राइम ब्रांच पुलिस कार्रवाई में जुट गई है. वहीं एएसपी क्राइम राजेश डंडोतिया का कहना है कि लैंडिंग क्लब अमेरिकन कंपनी का एजेंट बनकर लोगों को आसान लोन दिलाने का वादा करने वाले ठगों की कुंडली अब फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (एफबीआई) भी खंगाल रही है. अमेरिकन जांच एजेंसी ने ठगों के बारे में ग्वालियर पुलिस से ब्यौरा मांगा है. इसके साथ ही ठगे गए अमेरिकन नागरिकों के स्टेटमेंट भी पुलिस को दिए हैं.