ग्वालियर। शहर के जाने मानें विधि वेत्ता और फौजदारी मामले के जानकार मुकेश गुप्ता के निधन के बाद से शहर में शोक की लहर है. अधिवक्ताओं का कहना है कि उनके जाने से शहर को बहुत बड़ी क्षति हुई हैं. शहर के सबसे पुराने विधि वेत्ता परिवार में जन्मे मुकेश गुप्ता की फौजदारी मामलों में बहुत गहराई से पकड़ थी. अधिवक्ताओं ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि फौजदारी के मामलों में पुलिस अपनी गलती छुपाने की लाख कोशिश करे लेकिन वे उस गलती को पकड़ लेते थे. जिसका लाभ उनके पक्षकार को मिलता था. उनकी क्रॉस एग्जामिनेशन में भी महारत हासिल थी. खास बात यह है कि विधिवेत्ता गुप्ता परिवार के साथ भाइयों में चार भाई विधि व्यवसाय से जुड़े हुए थे जबकि एक भाई रायपुर में चिकित्सक है और दो भाई प्रदीप गुप्ता और प्रेमचंद गुप्ता ग्वालियर में ही रहते हैं.
शहर के जाने-मानें विधि वेत्ता और फौजदारी मामले के जानकार मुकेश गुप्ता का बुधवार तड़के निधन हो गया. वह 71 साल के थे. रात करीब 2.30 बजे उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई. इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को उठाया, लेकिन अस्पताल जाने से पहले ही हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया. उनका बेटा नितिन मुकेश चंडीगढ़ में अपने कारोबार के सिलसिले में वहां रहते हैं.
उनके सबसे बड़े भाई स्वर्गीय जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता अपने समय में देश के उन 10 चुनिंदा अधिवक्ताओं में शामिल थे, जो फौजदारी प्रकरण के जानकार मानें जाते थे. बुधवार शाम को मुकेश गुप्ता का चंद्रबदनी नाका विवेकानंद स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर शहर के वरिष्ठ नागरिक अभिभाषण पत्रकार उद्योग व्यापार से जुड़े लोग शामिल हुए.