ग्वालियर। चंबल संभाग में मिलावट और मिलावट खोरों का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके कारण दूध और दूध से बने प्रोडक्ट के अलावा अन्य तरह की मिलावट से न केवल लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है, बल्कि मिलावट खोरों के हौसले भी बुलंद हो रहे हैं. इसी मामले में अब हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सख़्त एक्शन लिया है. इसमें शासन से एक्शन टेकन रिपोर्ट नियमित रूप से मांगते हुए आदेश जारी किए हैं. साथ ही इस बार सुनवाई के दौरान शासन अपना जवाब पेश नहीं कर पाया है. फिलहाल, रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले दो सप्ताह का समय मांगा गया है.
मिलावटी सामान की खुलेआम बिक्री: ग्वालियर चंबल संभाग में मिलावटी खाद्य पदार्थों के रूप में सिंथेटिक दूध ,पनीर और खोवा की बिक्री खुलेआम होती है. इन माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती. इसको लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मिलावट को लेकर अपना सख्त रवैया अपनाया.
हाईकोर्ट कार्यक्षेत्र के अधीन 9 जिलों में मिलावट के खिलाफ हो रही कार्रवाई की लगातार एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी गई है. इस मामले में जब कोर्ट में सुनवाई हुई, तो शासन की ओर से विधानसभा चुनाव सहित प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेटरी के बदले जाने से दो सप्ताह की मोहलत मांगी गई है.
शासन नहीं कर पाया कोर्ट में अपना जवाब पेश: आपको बता दें कि ग्वालियर अंचल में मिलावट खोरी को लेकर हाइकोर्ट में शासन जब अपना जवाब पेश नहीं कर पाया. अतिरिक्त महाधिवक्ता की ओर से तर्क दिया गया कि मध्य प्रदेश में हाल ही में मुख्य सचिव का बदलाव हुआ है. इस कारण व्यवस्था बदली हुई है. लिहाजा, रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय दिया जाए. जस्टिस रोहित आर्य की अध्यक्षता वाली बेंच ने शासन को रिपोर्ट पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया हुआ है.