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व्यापम परीक्षा में फर्जीवाड़े का मामला, कोर्ट ने आरोपी को सुनाई पांच साल की सजा

जिला कोर्ट ने एक युवक को पुलिस में ड्राइवर पद के लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने पर पांच साल की सजा सुनाई है, युवक ने 2016 में परीक्षा के दौरान फर्जी लाइसेंस दिखाया था, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया था.

जिला न्यायालय ग्वालियर
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Published : Aug 31, 2019, 7:55 AM IST

ग्वालियर। व्यापम परीक्षा में फर्जीवाड़े के मामले में जिला न्यायालय की विशेष अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है, अदालत ने पुलिस आरक्षक की भर्ती में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने पर एक युवक को पांच साल की सजा सुनाई है. इस दौरान कोर्ट ने आरोपी युवक पर ढाई हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. जबकि उसका एक साथी अभी फरार चल रहा है.

फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने पर एक युवक को पांच साल की सजा


विशेष अदालत नें युवक के खिलाफ अभियोजन की ओर से पेश किए गए सबूतों को पर्याप्त माना. जिसके बाद उसे पांच साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. जबकि पुलिस उसके साथी की तलाश कर रही है.

युवक धर्मेंद्र सिंह, आगरा के बाह कस्बे का निवासी है. उसने पुलिस में ड्राइवर पद के लिए आवेदन किया था. युवक, परीक्षा में शामिल होने के लिए वह 29 सितंबर 2016 को ग्वालियर आया था. परीक्षा में दस्तावेजों की जांच के दौरान धर्मेंद्र का ड्राइविंग लाइसेंस नकली पाया गया. जिसके बाद धर्मेंद्र और उसके साथी वालेश सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और परीक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.

ग्वालियर। व्यापम परीक्षा में फर्जीवाड़े के मामले में जिला न्यायालय की विशेष अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है, अदालत ने पुलिस आरक्षक की भर्ती में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने पर एक युवक को पांच साल की सजा सुनाई है. इस दौरान कोर्ट ने आरोपी युवक पर ढाई हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. जबकि उसका एक साथी अभी फरार चल रहा है.

फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने पर एक युवक को पांच साल की सजा


विशेष अदालत नें युवक के खिलाफ अभियोजन की ओर से पेश किए गए सबूतों को पर्याप्त माना. जिसके बाद उसे पांच साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. जबकि पुलिस उसके साथी की तलाश कर रही है.

युवक धर्मेंद्र सिंह, आगरा के बाह कस्बे का निवासी है. उसने पुलिस में ड्राइवर पद के लिए आवेदन किया था. युवक, परीक्षा में शामिल होने के लिए वह 29 सितंबर 2016 को ग्वालियर आया था. परीक्षा में दस्तावेजों की जांच के दौरान धर्मेंद्र का ड्राइविंग लाइसेंस नकली पाया गया. जिसके बाद धर्मेंद्र और उसके साथी वालेश सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और परीक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.

Intro:ग्वालियर- ग्वालियर जिला न्यायालय की विशेष अदालत में व्यापमं फर्जीवाड़ा मामले में फर्जी दस्तावेजों के जरिए पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने आए आगरा के युवक को 5 साल की सजा सुनाई है उस पर ढाई हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है इस मामले में उसका एक साथी वालेश सिंह फरार है।


Body:दरअसल ग्वालियर की चौहदवी बटालियन में पुलिस आरक्षक ड्राइवर पद के लिए आवेदन लिए गए थे इसमें आगरा के बाह कस्बे में रहने वाला धर्मेंद्र सिंह भी शामिल होने आया था उसके साथ साथी वालेश सिंह भी था। 29 सितंबर 2016 को चौहदवी बटालियन में जब दस्तावेजों को सब इंस्पेक्टर पारथ सिंह चेक कर रहे थे तभी उन्हें धर्मेंद्र सिंह के ड्राइविंग लाइसेंस पर शक हुआ पुष्टि करने पर यह लाइसेंस फर्जी निकला ।इसके बाद धर्मेंद्र और उसके साथी वालेश सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी कूट रचित दस्तावेज तैयार करने और परीक्षा अधिनियम की धाराओं के तहत मामला कंपू थाने में दर्ज किया गया था।


Conclusion:धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया। विशेष अदालत सुरेंद्र श्रीवास्तव की कोर्ट ने धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ अभियोजन की ओर से पेश किए गए सबूतों को पर्याप्त माना और आरोपी धर्मेंद्र को 5 साल के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया। उस पर अलग-अलग धाराओं में ढाई हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है उसके साथी की पुलिस तलाश कर रही है ।
बाईट- विवेक शर्मा...शासकीय अधिवक्ता जिला न्यायालय ग्वालियर
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