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पंजाबी समाज की महिलाएं दे रहीं गरीब छात्रों को फ्री कोचिंग - A group of Punjabi womens

ग्वालियर में पंजाबी समाज की महिलाएं 2 सरकारी स्कूल के बच्चों को निशुल्क कोचिंग दे रही हैं.

पंजाबी समाज की महिलाएं दे रहीं गरीब छात्रों को फ्री कोचिंग
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Published : Aug 2, 2019, 3:29 PM IST

ग्वालियर। शहर में पंजाबी समाज की महिलाओं का एक ग्रुप 19 साल से 2 सरकारी कोचिंग चला रही है, शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे मजदूर और गरीब परिवार के हैं, ये बच्चे स्कूल पढ़ने तो जाते हैं पर छुट्टी के बाद स्कूल के पास बने मंदिर में खेलने लगते हैं. स्कूल के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए महिलाओं के एक समूह ने इन्हें पढ़ाना शुरू किया है.

पंजाबी समाज की महिलाएं दे रहीं गरीब छात्रों को फ्री कोचिंग
ये महिलाएं19 साल से बच्चों को निशुल्क कोचिंग के माध्यम से बेहतर शिक्षा प्रदान कर रही हैं, चंदे के रूप में ये महिलाएं पैसा एकत्रित कर इन बच्चों को कॉपी-पेंसिल के साथ साथ पढ़ने की जरूरी सामग्री भी उपलब्ध करा रही हैं और अब इस कोचिंग में गरीब परिवार के करीब 35 बच्चे पढ़ रहे हैं.


ग्रुप की सदस्य मीना मिड्डा ने बताया की शहर में शासकीय माध्यमिक कन्या विद्यालय और शासकीय माध्यमिक विद्यालय स्कूल संचालित होते हैं ,और इन दोनों स्कूलों में ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे पढ़ते हैं ,उन्होंने बताया पूजा करने के लिए महिलाओं का ग्रुप मंदिर जाता था, जहां इनके मन में बच्चों को देखकर ख्याल आया कि इन बच्चों के लिए स्कूल के साथ-साथ कोचिंग भी बहुत जरूरी है, ताकि इन बच्चों को स्कूल में मिलने वाला होम वर्क के साथ-साथ कोचिंग के जरिए अच्छी पढ़ाई आसानी से हो सकेगी.


इन महिलाओं के ग्रुप ने सन 2000 में शिव मंदिर पर ही बच्चों को पढ़ाने के लिए एक कोचिंग की शुरुआत की तब से लेकर ये महिलाएं इन गरीब बच्चों को कोचिंग के माध्यम से निशुल्क शिक्षा दे रही हैं. महिलाओं ने बताया कि बच्चों की स्वास्थ्य के लिए भी समय-समय पर शिविर आयोजित किए जाते हैं, इस कोचिंग में पढ़ाने वाली शिक्षिका का कहना है कि गरीब बच्चों की को पढ़ाने से काफी खुशी मिलती है, वहीं छात्रों का कहना है कि स्कूल की छुट्टी के बाद इस कोचिंग में रोज पढ़ने के लिए आते हैं और उन्हे कोचिंग में पढ़ाई के साथ-साथ पेंसिल,कॉपी और कपड़े फ्री मिलते हैं.

ग्वालियर। शहर में पंजाबी समाज की महिलाओं का एक ग्रुप 19 साल से 2 सरकारी कोचिंग चला रही है, शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे मजदूर और गरीब परिवार के हैं, ये बच्चे स्कूल पढ़ने तो जाते हैं पर छुट्टी के बाद स्कूल के पास बने मंदिर में खेलने लगते हैं. स्कूल के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए महिलाओं के एक समूह ने इन्हें पढ़ाना शुरू किया है.

पंजाबी समाज की महिलाएं दे रहीं गरीब छात्रों को फ्री कोचिंग
ये महिलाएं19 साल से बच्चों को निशुल्क कोचिंग के माध्यम से बेहतर शिक्षा प्रदान कर रही हैं, चंदे के रूप में ये महिलाएं पैसा एकत्रित कर इन बच्चों को कॉपी-पेंसिल के साथ साथ पढ़ने की जरूरी सामग्री भी उपलब्ध करा रही हैं और अब इस कोचिंग में गरीब परिवार के करीब 35 बच्चे पढ़ रहे हैं.


ग्रुप की सदस्य मीना मिड्डा ने बताया की शहर में शासकीय माध्यमिक कन्या विद्यालय और शासकीय माध्यमिक विद्यालय स्कूल संचालित होते हैं ,और इन दोनों स्कूलों में ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे पढ़ते हैं ,उन्होंने बताया पूजा करने के लिए महिलाओं का ग्रुप मंदिर जाता था, जहां इनके मन में बच्चों को देखकर ख्याल आया कि इन बच्चों के लिए स्कूल के साथ-साथ कोचिंग भी बहुत जरूरी है, ताकि इन बच्चों को स्कूल में मिलने वाला होम वर्क के साथ-साथ कोचिंग के जरिए अच्छी पढ़ाई आसानी से हो सकेगी.


इन महिलाओं के ग्रुप ने सन 2000 में शिव मंदिर पर ही बच्चों को पढ़ाने के लिए एक कोचिंग की शुरुआत की तब से लेकर ये महिलाएं इन गरीब बच्चों को कोचिंग के माध्यम से निशुल्क शिक्षा दे रही हैं. महिलाओं ने बताया कि बच्चों की स्वास्थ्य के लिए भी समय-समय पर शिविर आयोजित किए जाते हैं, इस कोचिंग में पढ़ाने वाली शिक्षिका का कहना है कि गरीब बच्चों की को पढ़ाने से काफी खुशी मिलती है, वहीं छात्रों का कहना है कि स्कूल की छुट्टी के बाद इस कोचिंग में रोज पढ़ने के लिए आते हैं और उन्हे कोचिंग में पढ़ाई के साथ-साथ पेंसिल,कॉपी और कपड़े फ्री मिलते हैं.

Intro:ग्वालियर जिले में आजादी के बाद से शहर में 2 सरकारी स्कूल निरंतर चल रही है और इन दोनों स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे मजदूर और गरीब परिवार के हैं यह परिवार अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए छात्रों को की कोचिंग लगाने के लिए असमर्थ है। लेकिन इसकी कमी को पूरा करने के लिए पंजाबी समाज की महिलाओं का एक ग्रुप इस कमी को पूरा कर रहा है या महिलाओं का ग्रुप 19 साल से इन गरीब बच्चों को निशुल्क कोचिंग के माध्यम से बेहतर शिक्षाएं दे रहे हैं और चंदा के रूप में पैसा एकत्रित करें कि इन बच्चों को कॉपी पेंसिल के साथ साथ पढ़ने की जरूरी सामग्री भी उपलब्ध करा रहे हैं आज इस कोचिंग में गरीब परिवार के करीब 35 बच्चे पढ़ते है।


Body:महिलाओं के ग्रुप की सदस्य मीना मिड्डा बताया कि शहर में शासकीय माध्यमिक कन्या विद्यालय और शासकीय माध्यमिक विद्यालय स्कूल संचालित होते हैं और इन दोनों स्कूलों की में ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे हैं इन दोनों स्कूलों के बच्चे पास में बने एक मंदिर पर खेलने के लिए आते हैं। और स्कूल की छुट्टी होने के बाद यहां पढ़ने वाले बच्चे भी इधर-उधर घूमते रहते थे। साथ ही स्कूल का होमवर्क भी नहीं करते थे। वहीं इस मंदिर पर पूजा करने के लिए 1 महिलाओं का ग्रुप आता था महिलाओं ने इन बच्चों को देखकर उनके मन में ख्याल आया कि इन बच्चों के लिए स्कूल के साथ साथ कोचिंग भी बहुत जरूरी है ताकि इन बच्चों को स्कूल में मिलने वाला होम वर्क के साथ साथ कोचिंग के जरिए अच्छी पढ़ाई आसानी से कर सकें। उसके बाद इन महिलाओं के ग्रुप ने सन 2000 में शिव मंदिर पर ही बच्चों को पढ़ाने के लिए एक कोचिंग की शुरुआत की। तब से लेकर अब तक है यह महिलाएं इन गरीब बच्चों को कोचिंग के माध्यम से निशुल्क शिक्षा दे रही है। इस कोचिंग मैं पढ़ने वाली बच्चों को निशुल्क शिक्षा के साथ-साथ पेंसिल ,कॉपी ,स्टेशनरी और कपड़े साथ ही जरूरत की सामग्री भी दी जाती हैं।


Conclusion:बच्चों की स्वास्थ्य के लिए भी समय-समय पर शिविर आयोजित किए जाते हैं। इस कोचिंग में पढ़ाने वाली शिक्षिका का कहना है कि गरीब बच्चों की को पढ़ाने से काफी खुशी मिलती है इसलिए मैं घर के काम को जल्दी खत्म करके इन बच्चों को पढ़ाने के लिए आती हूं तो वहीं छात्रों का कहना है कि स्कूल की छुट्टी के बाद इस कोचिंग में रोज पढ़ने के लिए आते हैं। इस कोचिंग में पेंसिल, कॉपी और कपड़े फ्री मिलते हैं।

बाईट - मीना मिड्डा , कोचिंग संचालिका

बाईट - शशि , शिक्षका

बाईट - छात्र
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