ग्वालियर। फर्जी ऑर्डर बनाकर उसे कोर्ट में पेश करने वाले शख्स को जिला न्यायालय ने सात साल की सजा सुनाई है. हाईकोर्ट जज के मामला संज्ञान में आने के बाद इस मामले में इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
सौरभ यादव के हाई कोर्ट के साथ धोखाधड़ी करना मालूम पड़ने पर प्रिंसिपल रजिस्टर के कार्यालय ने सौरभ के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया. उसके खिलाफ जिला न्यायालय के एडीजे कोर्ट में चालान पेश किया गया जहां कोर्ट ने पाया कि आरोपी ने ऐसा कृत्य किया है जो बेहद चौंकाने वाला है.ऐसे में सौरभ गोयल ने न्यायालय के सम्मान को भी ठेस पहुंचाई है. इसलिए न्यायालय ने उसे अलग-अलग धाराओं में सात साल की कठोर सजा और 40 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है.
बता दे, हुजरात कोतवाली क्षेत्र के सौरभ गोयल ने क्रिमिनल रिवीजन और एमसीआरसी के दो फर्जी आदेश तैयार किए थे और 22 जनवरी 2015 को आदेश की प्रतिलिपियां हाई कोर्ट में पेश भी कर दीं. हाई कोर्ट के तत्कालीन जज रोहित आर्य को मामला संदिग्ध लगाने पर कोर्ट के रजिस्ट्री विभाग से इन आदेश की प्रमाणिकता की. रजिस्ट्री ने जज को बताया कि ना तो इस तरह के कई ऑर्डर हाईकोर्ट की वेबसाइट पर जारी हुए हैं ना ही रजिस्ट्री ने कोई ऑर्डर जारी किए हैं.