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पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोपी छात्र को सात साल की जेल - बहुचर्चित व्यापम फर्जीवाड़ा मामले में

मुरैना के एक अभ्यर्थी को विशेष कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है. अभ्यर्थी जितेंद्र धाकड़ पर आरोप था कि वह पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में दो अलग-अलग केंद्रों पर शामिल हुआ था.

परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोपी छात्र को 7 साल की जेल
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Published : Oct 1, 2019, 11:50 PM IST

ग्वालियर। प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी रहे शहर के अभ्यर्थी जितेंद्र धाकड़ को सीबीआई की विशेष अदालत ने सात साल की सजा सुनाई है, उस पर सात हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. जितेंद्र धाकड़ पर आरोप था कि वह 2012 में एक ही परीक्षा में ग्वालियर और रीवा के परीक्षा केंद्रों पर शामिल हुआ था.

परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोपी छात्र को 7 साल की जेल

मुरैना के लुधाया गांव निवासी जितेंद्र धाकड़ 2012 में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में ग्वालियर और रीवा मे एक साथ शामिल हुआ था. इस मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब कंप्यूटर से कॉपियों की स्क्रूटनी की जा रही थी. तब पता चला कि उसने ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के परीक्षा केंद्र में खुद परीक्षा दी थी, जबकि रीवा के रेवांचल पब्लिक स्कूल में अपनी जगह किसी अन्य सॉल्वर को परीक्षार्थी बनाकर बैठाया था. अधिकारियों की नजर में मामला आने के बाद उसे फेल कर दिया गया था.

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर मुरैना के कैलारस थाने में आरोपी जितेंद्र धाकड़ के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज बनाने और परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे. उसके खिलाफ पहले SIT फिर सीबीआई ने जांच शुरू की थी. सीबीआई ने जितेंद्र के खिलाफ विशेष कोर्ट में चालान पेश किया था, सबूतों के आधार पर उस पर अपराध सिद्ध होना पाया गया. फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि रीवा में उसके स्थान पर कौन परीक्षार्थी बैठा था क्योंकि अभी तक वह अज्ञात है और गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.

ग्वालियर। प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी रहे शहर के अभ्यर्थी जितेंद्र धाकड़ को सीबीआई की विशेष अदालत ने सात साल की सजा सुनाई है, उस पर सात हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. जितेंद्र धाकड़ पर आरोप था कि वह 2012 में एक ही परीक्षा में ग्वालियर और रीवा के परीक्षा केंद्रों पर शामिल हुआ था.

परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोपी छात्र को 7 साल की जेल

मुरैना के लुधाया गांव निवासी जितेंद्र धाकड़ 2012 में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में ग्वालियर और रीवा मे एक साथ शामिल हुआ था. इस मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब कंप्यूटर से कॉपियों की स्क्रूटनी की जा रही थी. तब पता चला कि उसने ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के परीक्षा केंद्र में खुद परीक्षा दी थी, जबकि रीवा के रेवांचल पब्लिक स्कूल में अपनी जगह किसी अन्य सॉल्वर को परीक्षार्थी बनाकर बैठाया था. अधिकारियों की नजर में मामला आने के बाद उसे फेल कर दिया गया था.

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर मुरैना के कैलारस थाने में आरोपी जितेंद्र धाकड़ के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज बनाने और परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे. उसके खिलाफ पहले SIT फिर सीबीआई ने जांच शुरू की थी. सीबीआई ने जितेंद्र के खिलाफ विशेष कोर्ट में चालान पेश किया था, सबूतों के आधार पर उस पर अपराध सिद्ध होना पाया गया. फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि रीवा में उसके स्थान पर कौन परीक्षार्थी बैठा था क्योंकि अभी तक वह अज्ञात है और गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.

Intro:ग्वालियर
प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी रहे मुरैना के अभ्यर्थी जितेंद्र धाकड़ को 7 साल की सजा से सीबीआई की विशेष कोर्ट ने दंडित किया है उस पर 7000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। जितेंद्र धाकड़ 2012 में एक ही परीक्षा में ग्वालियर और रीवा के परीक्षा केंद्रों पर शामिल हुआ था।


Body:दरअसल मुरैना के लुधाया गांव का रहने वाला जितेंद्र धाकड़ 2012 में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में ग्वालियर और रीवा मे एक साथ शामिल हुआ था। इस मामले का खुलासा उस समय हुआ जब कंप्यूटर से कॉपियों की स्क्रूटनी की जा रही थी। एक ही परीक्षार्थी , एक ही माता पिता , एक ही गांव जिला होने के बावजूद ग्वालियर और रीवा से एक साथ कैसे परीक्षा में शामिल हो सकता है । इसे लेकर जब जांच की गई तो पता चला कि उसने ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के परीक्षा केंद्र में खुद परीक्षा दी थी जबकि रीवा के रेवांचल पब्लिक स्कूल में अपनी जगह किसी अन्य सॉल्वर को परीक्षार्थी बनकर बैठाया था। व्यापम की अधिकारियों की नजर में मामला आने के बाद उसे फेल कर दिया गया था ।


Conclusion:वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर मुरैना के कैलारस थाने में आरोपी जितेंद्र धाकड़ के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज बनाने और परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे । उसके खिलाफपहले एस आई टी फिर सीबीआई ने जांच शुरू की ।सीबीआई ने जितेंद्र के खिलाफ विशेष कोर्ट में चालान पेश किया था सबूतों के आधार पर उस पर अपराध सिद्ध होना पाया गया और 7 साल की सजा एवं 7000 रुपए के अर्थदंड से जितेंद्र को दंडित किया गया। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि रीवा में उसके स्थान पर कौन परीक्षार्थी बैठा था क्योंकि अभी तक वह अज्ञात है और गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
निर्मल शर्मा... सीबीआई के अधिवक्ता जिला न्यायालय ग्वालियर
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