ग्वालियर। प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी रहे शहर के अभ्यर्थी जितेंद्र धाकड़ को सीबीआई की विशेष अदालत ने सात साल की सजा सुनाई है, उस पर सात हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. जितेंद्र धाकड़ पर आरोप था कि वह 2012 में एक ही परीक्षा में ग्वालियर और रीवा के परीक्षा केंद्रों पर शामिल हुआ था.
मुरैना के लुधाया गांव निवासी जितेंद्र धाकड़ 2012 में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में ग्वालियर और रीवा मे एक साथ शामिल हुआ था. इस मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब कंप्यूटर से कॉपियों की स्क्रूटनी की जा रही थी. तब पता चला कि उसने ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के परीक्षा केंद्र में खुद परीक्षा दी थी, जबकि रीवा के रेवांचल पब्लिक स्कूल में अपनी जगह किसी अन्य सॉल्वर को परीक्षार्थी बनाकर बैठाया था. अधिकारियों की नजर में मामला आने के बाद उसे फेल कर दिया गया था.
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर मुरैना के कैलारस थाने में आरोपी जितेंद्र धाकड़ के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज बनाने और परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे. उसके खिलाफ पहले SIT फिर सीबीआई ने जांच शुरू की थी. सीबीआई ने जितेंद्र के खिलाफ विशेष कोर्ट में चालान पेश किया था, सबूतों के आधार पर उस पर अपराध सिद्ध होना पाया गया. फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि रीवा में उसके स्थान पर कौन परीक्षार्थी बैठा था क्योंकि अभी तक वह अज्ञात है और गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.