ETV Bharat / state

50 साल पुराने घोटाले को हाईकोर्ट में चुनौती, सभी पक्षकारों को जारी हुआ नोटिस - Gwalior Bench

ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गई है. जिसमें कहा गया है कि करीब 50 साल पहले शासकीय जमीन को भूमाफिया हरिशंकर गोयल और उनके परिवार द्वारा शासकीय दस्तावेजों में हेरफेर करके कब्जा किया गया और बाद में उस का व्यवसायिक उपयोग किया गया. मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी.

Gwalior Bench
ग्वालियर खंडपीठ
author img

By

Published : Nov 21, 2020, 4:33 AM IST

ग्वालियर। शहर के बीचोबीच महल गांव स्थित एक बड़े भूभाग को शासकीय अधिकारियों की मदद से भूमाफिया द्वारा कब्जा कर अवैध रूप से बेचे जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गई है. दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि करीब 50 साल पहले शासकीय जमीन को भूमाफिया हरिशंकर गोयल और उनके परिवार द्वारा शासकीय दस्तावेजों में हेरफेर करके कब्जा किया गया और बाद में उस का व्यवसायिक उपयोग किया गया.

50 साल पहले हुए घोटाले को हाईकोर्ट में चुनौती

यह जमीन महल गांव स्थित सर्वे नंबर 56, 57 में स्थित है. जिस की पैमाइश लगभग 30 बीघा बताई गई है. अरबों की इस जमीन पर बाद में भूमाफिया द्वारा कॉलोनी भी बसा दी गई है. अधिवक्ता अंकित वशिष्ठ ने एक जनहित याचिका दायर कर इस मामले में कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है. वहीं याचिका में कहा गया है कि 1970 में तत्कालीन अधिकारियों ने रियल स्टेट कारोबारी के साथ मिलकर सरकारी जमीन को अपने नाम करा लिया और बाद में उसे बेच दिया गया.

कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव आयुक्त भू अभिलेख एवं बंदोबस्त कलेक्टर ग्वालियर सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किए गए हैं और 7 दिसंबर से पहले जवाब तलब किया गया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी.

ग्वालियर। शहर के बीचोबीच महल गांव स्थित एक बड़े भूभाग को शासकीय अधिकारियों की मदद से भूमाफिया द्वारा कब्जा कर अवैध रूप से बेचे जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गई है. दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि करीब 50 साल पहले शासकीय जमीन को भूमाफिया हरिशंकर गोयल और उनके परिवार द्वारा शासकीय दस्तावेजों में हेरफेर करके कब्जा किया गया और बाद में उस का व्यवसायिक उपयोग किया गया.

50 साल पहले हुए घोटाले को हाईकोर्ट में चुनौती

यह जमीन महल गांव स्थित सर्वे नंबर 56, 57 में स्थित है. जिस की पैमाइश लगभग 30 बीघा बताई गई है. अरबों की इस जमीन पर बाद में भूमाफिया द्वारा कॉलोनी भी बसा दी गई है. अधिवक्ता अंकित वशिष्ठ ने एक जनहित याचिका दायर कर इस मामले में कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है. वहीं याचिका में कहा गया है कि 1970 में तत्कालीन अधिकारियों ने रियल स्टेट कारोबारी के साथ मिलकर सरकारी जमीन को अपने नाम करा लिया और बाद में उसे बेच दिया गया.

कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव आयुक्त भू अभिलेख एवं बंदोबस्त कलेक्टर ग्वालियर सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किए गए हैं और 7 दिसंबर से पहले जवाब तलब किया गया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.