ग्वालियर(gwalior)। जल ही जीवन यह तो हम सदियों से सुनते आ रहे हैं. लेकिन जीवन देने वाले यह जल अवैध नल कनेक्शन (water connection) के कारण सब तक न पहुंचे तो क्या यह नाइंसाफी नहीं होगी. वैसे तो गर्मियों के समय ग्वालियर शहर में पानी की समस्या आम है.यह समस्या हर साल रहती है.नगर निगम शहर वासियों को पानी की सुविधा देने में हर साल लगभग 100 करोड़ रुपए खर्च करता है. लेकिन निगम की राह में सबसे बड़ा रोड़ा शहर में अवैध नल कनेक्शन होना है. निगम के रिकॉर्ड में लगभग ढाई लाख मकान रजिस्टर्ड है. जबकि डेढ़ लाख घरों में ही नल कलेक्शन है. यानी एक लाख लोग अवैध तरीके से पानी ले रहे हैं. यह लोग मुख्य लाइन से कनेक्शन जुड़ कर पानी ले रहे हैं. जिससे एक तो नगर निगम(municipality) को राजस्व की हानि हो रही है. तो वहीं दूसरी तरफ लाइन के टूट जाने से कई इलाकों में जरूरतमंद लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है.
शहर में 50 फीसदी से अधिक अवैध नल कनेक्शन
शहर में लगातार अवैध नल कनेक्शनों की संख्या बढ़ती जा रही है.शहर में हर दिन लगभग 20 करोड़ लीटर से अधिक पानी की सप्लाई होती है.यही वजह है कि अवैध कनेक्शनों की वजह से वैध कनेक्शनों को पानी मिलने में काफी परेशानी आ रही है क्योंकि यह अवैध कनेक्शन लेने वाले लोग पाइप लाइन के बीच में से ही लीकेज कर पानी ले रहे हैं. इस वजह से पानी की बर्बादी भी काफी देखने को मिल रही है.शहर में लगभग दो लाख 32 हजार प्रॉपर्टी है. नगर निगम केवल एक लाख 40 हजार उपभोक्ताओं को ही जल देता है. लिहाजा शहर में 92 हजार अवैध कनेक्शन होने के कारण नगर निगम को हर साल काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
पानी पर हर साल खर्च होते है 100 करोड़ों रुपए
ग्वालियर नगर निगम शहर में लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए हर साल 100 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होते हैं. लेकिन अगर राजस्व की बात करें तो आधे से कम राजस्व नगर निगम को मिल पा रहा है. नगर निगम पानी के लिए कहां और कैसे खर्च कर रहा है आइऐ एक नजर डालें.
एमपी में 2024 तक 1.21 करोड़ घरों में पहुंचेगा नल कनेक्शन : वीडी शर्मा
- हर साल लगभग 12 करोड़ का बिजली का बिल
- शहर में ट्यूबवेल पर बिजली और मेंटेनेंस के लिए हर साल 55 करोड़ों का खर्च
- प्लांट पर 8 करोड़ रुपए का मेंटेनेंस
- टैंकरों से पानी सप्लाई पर हर साल दो करोड़ रुपए का खर्च
- पीएचई कर्मचारियों को अलॉट किए गए वाहनों पर एक करोड़ रुपए का खर्च
- लाइन की मरम्मत के लिए 5 करोड़ रुपए का खर्च
- कर्मचारियों को वेतन देने में 17 करोड़ रुपए का खर्च
नगर निगम को हर साल अवैध कनेक्शनों से हो रहा है 80 करोड़ रुपए का नुकसान
नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा के मुताबिक नगर निगम पानी पर सालाना 100 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करता है. जबकि जल कर के रूप में उन्हें सिर्फ 20 से 22 करोड़ रुपए ही मिलते हैं. मतलब अवैध खनन के चलते नगर निगम हर साल 80 करोड़ रुपए के घाटे में जा रहा है. अगर नगर निगम शहर में लगभग 92 हजार नल कनेक्शन से लोग अवैध रूप से पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक घरेलू नल कनेक्शन से नगर निगम को 150 करोड़ प्रतिमाह मिलते हैं. अवैध नल कनेक्शन होने के कारण नगर निगम को इससे मिलने वाले 9 करोड़ रूपए नहीं मिल पा रहे हैं. शहर में अवैध कनेक्शन की वजह से वैध उपभोक्ताओं को भी पानी नहीं मिल पा रहा है.
ईटीवी भारत की खबर के बाद नगर निगम कमिश्नर ने सर्वे कराने के दिया भरोसा
जब ईटीवी भारत ने नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हां यह बात सही है कि शहर में लगातार अवैध नल कनेक्शन बढ़ते जा रहे हैं .इसके लिए जल्द ही टीम गठित कर अभियान चलाया जाएगा. हर वार्ड में सर्वे कराएंगे और जहां जहां पर अवैध नल कनेक्शन पाए जाते हैं वहां पर हम कार्रवाई करेंगे.